महाराष्ट्र में बीजेपी-शिवसेना के बीच जारी घमासान के बीच शिवसेना नेता संजय राउत का एक और बयान सामने आया है. शुक्रवार को उन्होंने साफ-साफ कहा है कि महाराष्ट्र में मुख्यमंत्री शिवसेना का ही होगा. उन्होंने कहा, अगर उद्धव जी ने कहा है कि मुख्यमंत्री शिवसेना का होगा तो शिवसेना का ही होगा. जिसके पास बहुमत नहीं, वो सरकार बनाने का दावा पेश न करे. उन्होंने कहा, अगर शिवसेना चाहे तो अपने बूते सरकार बना सकती है. उन्होंने कहा, हमारा न राजा व्यापारी है, न प्रजा व्यापारी और न ही कार्यकर्ता व्यापारी है. वो (बीजेपी) बड़े लोग हैं. हमने उन्हें कोई अल्टीमेटम नही दिया है.
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Sanjay Raut, Shiv Sena: If Shiv Sena decides, it'll get the required numbers to form stable government in the state. People have given mandate to form government on basis of 50-50 formula that was reached in front of people of Maharashtra.They want Chief Minister from Shiv Sena. pic.twitter.com/mFwLu7LbhV
— ANI (@ANI) November 1, 2019
संजय राउत ने कहा, लोगों ने 50-50 फॉर्मूले के आधार वोट दिया था. वो इस बार शिवसेना से मुख्यमंत्री चाहते हैं. बता दें, महाराष्ट्र में इस वक्त सियासी घमासान अपने चरम पर है. एक तरफ जहां शिवसेना अपने 50-50 फॉर्मूले पर सरकार बनाने की अपनी शर्त पर अड़ी हुई है तो बीजेपी ने भी अपना रुख साफ कर दिया है कि राज्य में 50-50 फॉर्मूले पर कोई सरकार नहीं बनेगी और केवल मुख्यमंत्री फडणवीस ही अगले 5 सालों के लिए सीएम पद संभालेंगे. दोनों पार्टियों में इसे लेकर काफी बातचीत हुई लेकिन अब तक इसका कोई हल निकलता नहीं दिख रहा है. वहीं दूसरी तरफ दोनों पार्टियों की ही नजर एनसीपी पर है और सरकार बनाने के लिए किसी भी तरह एनसीपी को अपने पाले में करना चाहती है. लेकिन हाल ही में एनसीपी ने भी कह दिया था कि वो विपक्ष में ही बैठना चाहती है. ऐसे में बीजेपी-शिवसेना दोनों के लिए परेशानी बढ़ती जा रही है. हालांकि गुरुवार को खबर ये आई थी कि संजय राउत ने एनसीपी चीफ शरद पवार से मुलाकात की है लेकिन क्या एनसीपी शिवसेना के साथ आने के लिए राजी हो जाएगी या नहीं इस बारे में कुछ कहा नहीं जा सकता.
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महाराष्ट्र में सरकार बनाने के लिए 145 सीटों की जरूरत है. विधानसभा चुानवों में बीजेपी ने 105 और शिवसेना ने 56 सीटों पर जीत हासिल की. यानी दोनों पार्टियों के गठबंधन ने आराम से बहुमत के आंकड़े को पार कर लिया था. लेकिन 50-50 फॉर्मूले के बाद अब स्थिति कुछ और नजर आ रही है. इस बार एनसीपी ने 54 सीटों पर और कांग्रेस ने 44सीटों पर जीत हासिल की है. अगर कांग्रेस और एनसीपी का गठबंधन शिवसेना का साथ देने के लिए राजी हो जाती है तो शिवसेना आराम से सरकार बनाने का दावा पेश कर सकेगी. ऐसे में अब सारी चीजें कांग्रेस-एनसीपी के फैसले पर टिकी हुई हैं.