महाराष्ट्र में सियासी घमासान के बीच बीजेपी की सरकार बन चुकी है. देवेन्द्र फडणवीस के मुख्यमंत्री पद की शपथ लेने के बाद कांग्रेस ने हालात की समीक्षा के लिए आपातकालीन बैठक बुलाई है. बैठक में महाराष्ट्र में बीजेपी की सरकार बनने के बाद पैदा हुए सियासी हालात पर चर्चा की जाएगी. बैठक में मल्लिकार्जुन खड़गे और केसी वेणुगोपाल सहित महाराष्ट्र कांग्रेस के सीनियर नेता शामिल हुए हैं.
महाराष्ट्र में कई दिनों से जारी राजनीतिक उथल पुथल में एक ऐसा मोड़ आया जब यह तय हो गया कि महाराष्ट्र में शिवसेना-एनसीपी-कांग्रेस गठबंधन की सरकार बनने वाली है.
मुख्यमंत्री से लेकर उपमुख्यमंत्री और मंत्रालयों के बंटवारे पर भी लगभग सहमति बन चुकी थी. शनिवार को तय माना जा रहा था उद्धव ठाकरे मुख्यमंत्री पद की शपथ ले सकते हैं. लेकिन शनिवार सुबह ही महाराष्ट्र से राष्ट्रपति शासन हटने के साथ ही यह तय माना जा रहा था कि राज्य में कोई बड़ा सियासी उथल पुथल हो सकती है. महाराष्ट्र में राष्ट्रपति शासन हटने के बाद देवेन्द्र फडणवीस ने मुख्यमंत्री पद की शपथ ले ली.
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कांग्रेस ने बुलाई बैठक
कांग्रेस ने हालात की समीक्षा के लिए आपातकालीन बैठक बुलाई है. दरअसल शिवसेना के साथ आने के फैसले को लेकर कांग्रेस में काफी असमंजस थी. कांग्रेस का एक धड़ा शिवसेना के साथ सरकार बनाने को लेकर असमंसज में था. जबकि दूसरा धड़ा बीजेपी को सत्ता से दूर रखने के लिए शिवसेना से हाथ मिलाने के पक्ष में था.
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30 नवंबर तक साबित करना होगा बहुमत
महाराष्ट्र में देवेंद्र फड़णवीस की सरकार ने सत्ता संभाल ली है. बीजेपी नेता देवेंद्र फड़णवीस ने मुख्यमंत्री तो एनसीपी नेता अजीत पवार ने डिप्टी सीएम पद शपथ ले ली है. सूत्रों का कहना है कि राज्यपाल ने 30 नवंबर तक मुख्यमंत्री देवेंद्र फड़णवीस को बहुमत साबित करने का समय दिया है. वहीं बीजेपी का कहना है कि उसके पास 170 से अधिक विधायकों का समर्थन है और वह आसानी से बहुमत साबित कर लेगी. बीजेपी नेता गिरीश महाजन ने कहा, हम 170 से अधिक विधायकों के समर्थन के साथ बहुमत साबित करेंगे. अजीत पवार ने राज्यपाल को अपने विधायकों के समर्थन के बारे में एक पत्र दिया है और चूंकि वह राकांपा के विधायक दल के नेता हैं, जिसका मतलब है कि सभी राकांपा विधायकों ने हमारा समर्थन किया है.
Source : न्यूज स्टेट ब्यूरो