West Bengal Assembly Election 2021: बंगाल विधानसभा चुनाव के लिए टीएमसी ने सभी विधानसभा सीटों के लिए लिस्ट जारी कर दी है. टीएमसी 294 में से 291 सीटों पर चुनाव लड़ेगी. मुख्यमंत्री ममता बनर्जी नंदीग्राम से चुनाव लड़ेंगी. पहले उनके भवानीपुर से भी चुनाव लड़ने की अटकलें लगाई जा रही थीं. ममता बनर्जी ने प्रेस कांफ्रेंस में कहा कि बांकुरा से फिल्मस्टार सायानतिका, उत्तरपाड़ा से कंचन मलिक, शिबपुर से क्रिकेटर मनोज तिवारी को टिकट दिया गया है. ममता बनर्जी ने ऐलान किया कि हम 291 सीटों पर चुनाव लड़ेंगे, बल्कि दार्जिलिंग की तीन सीटों पर अन्य पार्टियों को मौका दिया जाएगा. टीएमसी की ओर से 50 महिला उम्मीदवार, 42 मुस्लिम उम्मीदवार, 79 SC उम्मीदवार और 17 ST उम्मीदवारों को टिकट दिया गया है.
राजनीतिक रूप से महत्वपूर्ण है नंदीग्राम
नंदीग्राम ममता बनर्जी के लिए काफी मायने रखता है. ममता ने अक्सर यहीं से चुनाव अभियान की शुरुआत की है. उन्होंने खुद कई बार कहा है कि वो हमेशा विधानसभा चुनाव अभियान की शुरुआत नंदीग्राम से करती आई हैं. 2006 में जमीन अधिग्रहण को लेकर बंगाल में ममता बनर्जी के नेतृत्व में जो आंदोलना हुआ था उसकी शुरूआत सिंगूर के साथ नंदीग्राम से ही हुई थी और इससे ममता बनर्जी को पश्चिम बंगाल की सत्ता में आने में मदद मिली थी। और राज्य से वाम मोर्चे की साढ़े तीन दशक पुरानी सरकार का सफाया हो सका. साल 2016 में शुभेंदु अधिकारी ने तृणमूल कांग्रेस के उम्मीदवार के तौर पर यहां से बड़ी जीत दर्ज की थी. उन्हें 87 फीसदी वोट मिले थे. उन्होंने तब सीपीआई के अब्दुल कबीर को 81, 230 वोटों के अंतर से हराया था लेकिन अब वो तृणमूल छोड़कर बीजेपी के साथ जा चुके हैं.
1967 से अब तक इस सीट पर 12 बार (उप चुनाव समेत) चुनाव हुए हैं. इनमें से पांच बार सीपीआई ने जीत दर्ज की जबकि तीन बार तृणमूल कांग्रेस ने जीत दर्ज की है. 2009 के बाद से लगातार तृणमूल कांग्रेस यहां से जीतती रही है. शुभेंदु अधिकारी से पहले 2011 में टीएमसी की फिरोज बीबी और 2009 के उप चुनाव में भी फिरोज बीबी जीत चुकी हैं. नंदीग्राम में कुल करीब तीन लाख मतदाता हैं. इनमें से 96.65 फीसदी वोटर ग्रामीण हैं, जबकि 3.35 फीसदी वोटर शहरी हैं. इलाके में एससी-एसटी वोटर करीब 17 फीसदी हैं. दो लाख के आसपास .यहां हिन्दू मतदाता हैं, जबकि 70 हजार के करीब मुस्लिम मतदाता हैं. . यहां दूसरे चरण में 1 अप्रैल, 2021 को मतदान होंगे, जबकि 2 मई को नतीजे आएंगे.
ममता ने क्यों नंदीग्राम से चुनाव लड़ने का किया फैसला ?
नंदीग्राम- विधानसभा तमलुक संसदीय क्षेत्र के अंतर्गत आता है और यह पूर्वी मेदिनीपुर जिले का हिस्सा है. हालांकि, पूर्वी मेदिनीपुर में कुल आबादी की तुलना में मुस्लिम आबादी करीब 14.59 फीसदी है, जबकि नंदीग्रीम में मुसलमानों की आबादी करीब 34 फीसदी है. नंदीग्राम में अनुसूचित जाति की आबादी लगभग 14.59 फीसदी है. पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री की तरफ से नंदीग्राम से चुनाव लड़ने का ऐलान खुले दौर पर वहां के मौजूदा विधायक शुभेंदु अधिकारी को चुनौती देना है, जो नंदीग्राम आंदोलन के महत्वपूर्ण चेहरा थे लेकिन अब विधानसभा चुनाव से पहले वह टीएमसी से पाला बदलते हुए बीजेपी में जाकर मिल चुके हैं.
Source : News Nation Bureau