बॉलीवुड अभिनेता Mithun Chakraborty बीजेपी में शामिल होते ही खुद को कोरोना बताने लगे हैं. उन्होंने कहा कि वह गरीबों के लिए काम करना चाहते हैं. रविवार को ब्रिगेड मैदान पर भाषण में खुद को कोबरा बताने पर उन्होंने जवाब दिया कि वह राजनीति नहीं, मनुष्य नीति करते हैं. एक टीवी इंटरव्यू में उन्होंने कहा कि "मैं 18 साल का था तब मैंने ये सपना देखा था कि मैं गरीबों के लिए लड़ूंगा, गरीबों को सम्मान दिलाऊंगा क्योंकि दुनिया की सभी जिल्लतें मैंने झेली हैं." मिथुन चक्रवर्ती ने कहा कि गरीबों के लिए काम करने के लिए उन्हें कहीं से तो शुरूआत करनी थी. बीजेपी में उन्हें वह सब नजर आया जिससे वह गरीबों के लिए काम कर सकते हैं. अगर लोग उन्हें स्वार्थी कहना चाहते हैं, तो भी उन्हें यह मंजूर है.
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"पीएम मोदी के कारण बीजेपी की जॉइन"
मिथुन चक्रवर्ती ने कहा कि लोग पूछ रहे हैं कि वह बीजेपी में क्यों शामिल हुए. उन्हें बताना चाहता हूं कि "जहां तक बात बीजेपी की बात है तो प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के कारण आया. आप उनके सामाजिक कार्यों को नजरअंदाज नहीं कर सकते हैं ना?" मिथुन चक्रवर्ती ने ममता बनर्जी पर परिवारवाद का भी आरोप लगाया. मिथुन चक्रवर्ती ने कहा कि जब राजनीति में अपना मतलब आगे आ जाए तो मैं बर्दाश्त नहीं कर सकता. मिथुन ने ममता पर हमला बोलते हुए कहा कि मेरे लिए पहले राज्य, फिर राज्यवासी, फिर मैं का सिद्धांत सर्वोपरि है. लेकिन ममता बनर्जी 'पहले मैं' के सिद्धांत में विश्वास करने लगी हैं. मैं तो कह रहा हूं- भौंकने वाला कुत्ता हूं. आप मुझे भूल जाओ ना. आप लगे रहो ना. मेरी चिंता ही मत करो. मैं कोई स्टार नहीं हूं, कुछ नहीं हूं. किसी को कोई फर्क नहीं पड़ने वाला, लेकिन मैं अपना काम करूंगा.
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'कोबरा' बयान पर दी यह सफाई
कोलकाता रैली में खुद को कोबरा बताने पर उन्होंने कहा कि 'मैं पानी वाला सांप नहीं, कोबरा हूं' वो उनका एक डायलॉग है. मैं कहना चाहता हूं कि "मैं कंप्रोमाइज्ड पॉलिटिक्स नहीं करता, मैं सीधा बात करता हूं. कोबरा मेरे पीछे (पुरानी फिल्म) का डायॉलग है." उन्होंने कहा कि बंगाल की पब्लिक समझ गई है. मिथुन ने कहा, "अब वक्त आ गया है, इस पार या उस पार."
हर काम राजनीति के लिए नहीं
मिथुन चक्रवर्ती ने कहा कि वो हर काम राजनीति के लिए नहीं करते हैं. मिथुन ने कहा कि "अभी जब तक बीजेपी की बात नहीं आई थी, मेरे डैडी गुजर गए. मैं लॉकडाउन में बेंगलुरु में था. मैं डैडी को देख भी नहीं पाया, लेकिन वहां से भी कोविड में यहां खाना भेजा हूं. तब राजनीति थी? कैसा लगता है? दिल लगता है. पहले वो दिल बनाओ, तब ऐसी बातें करना ठीक लगेगा. तब तो बीजेपी भी नहीं, राजनीति भी नहीं. मैं मिथुन चक्रवर्ती जो बंगाल से प्यार करता था. बेंगलुरु से भेजा... हर जिले में पूछकर देखिएगा."
Source : News Nation Bureau