पूर्वोत्तर के आखिरी राज्य में सत्ता पर काबिज कांग्रेस का वहां से सूपड़ा साफ हो गया है. मिजोरम विधानसभा चुनाव 2018 में कांग्रेस के हारने के बाद अब पूरे पूर्वोत्तर से कांग्रेस की सत्ता खत्म हो गई है. मिजोरम उसका आखिरी गढ़ था जिसे एमएऩएफ ने छीन लिया है. अब तक मुख्य विपक्षी दल रहे मिजो नेशनल फ्रंट (एमएनएफ) को वहां की जनता ने पूर्ण बहुमत दिया है. मिजोरम में एमएनएफ को 26 सीटें इस विधानसभा चुनाव में मिली है जबकि कांग्रेस को 5, बीजेपी को 1 और निर्दलीय उम्मीदवारों को 8 सीटें मिली है. मिजोरम में विधानसभा की कुल 40 सीटें थी जिसमें सरकार बनाने के लिए 21 सीटों की जरूरत थी. मिजो नेशनल फ्रंट (एमएनएफ) को बहुमत से 5 सीटें अधिक मिली है.
कांग्रेस के मुख्यमंत्री ललथनहवला चम्फाई दक्षिण सीट और अपने गृह क्षेत्र सरछिप दोनों जगहों से हार चुके हैं. सरकार बनाने को लेकर एमएऩएफ पार्टी के अध्यक्ष जोरा मथंगा ने पार्टी की जीत के बाद कहा, हम किसी के साथ गठबंधन नहीं करेंगे न ही बीजेपी के साथ और न ही किसी दूसरी पार्टी के साथ क्योंकि हमारी पार्टी अपने बलबूते 40 में से 26 सीटों पर जीत दर्ज की है. हम नॉर्थ ईस्ट डेमोक्रेटिक गठबंधन का हिस्सा है लेकिन हम कांग्रेस की अगुवाई वाले यूपीए का हिस्सा नहीं बनना चाहते हैं.
मिजोरम विधानसभा चुनाव 2018 के लिए 28 नवंबर को एक चरण में मतदान हुए थे. इस छोटे राज्य में विधानसभा की 40 सीटें हैं और कांग्रेस 2008 से यहां सत्तारूढ़ पार्टी है. कांग्रेस के लिए यह विधानसभा चुनाव काफी अहम इसलिए माना जा रहा था कि पिछले 2 सालों तक उत्तर-पूर्व में पार्टी का दबदबा कायम था लेकिन अब सिर्फ इसी राज्य से आस बची हुई थी.
कांग्रेस और एमएनएफ दोनों ने 40 सीटों पर अपने उम्मीदवार उतारे थे. वहीं बीजेपी ने भी 39 उम्मीदवार उतारे थे. मुख्यमंत्री ललथनहावला ने अपना वोट डालने के बाद बताया था कि वे 40 विधानसभा सीटों में से कम से कम 27 पर जीत हासिल कर दोबारा सत्ता में वापसी को लेकर आश्वस्त हैं. पिछले 2 सालों में पूर्वोत्तर के सात में से छह राज्यों में अकेली पूर्ण बहुमत वाली पार्टी के तौर पर या गठबंधन के साथ सत्ता में आने के बाद भारतीय जनता पार्टी (बीजेपी) भी जीत के दावे कर रही है.
जानिए पिछले दो विधानसभा का हाल
2013 विधानसभा चुनाव: पिछले चुनाव में कांग्रेस ने 40 में से 34 सीटें हासिल की थी. इसी चुनाव में 10 विधानसभा सीटों पर भारत में पहली बार वीवीपीएटी (वोटर वैरिफाइड पेपर ऑडिट ट्रेल) मशीनों का उपयोग हुआ था.
कांग्रेस को कुल 44.6 फीसदी वोट मिले थे वहीं 5 सीटें जीतने वाली मिजो नेशनल फ्रंट को 28.7 फीसदी वोट हासिल हुई थी. पिछले चुनाव में बीजेपी की मौजूदगी न के बराबर थी और सिर्फ 0.4 फीसदी वोट मिली थी. राज्य की एक सीट मिजोरम पीपल्स कांफ्रेंस के पास गई थी.
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2008 विधानसभा चुनाव: राज्य में 5 बार मुख्यमंत्री रह चुके ललथनहवला के नेतृत्व में कांग्रेस ने 10 साल के बाद दोबारा वापसी की थी. कांग्रेस को कुल 32 सीटें मिली थी वहीं मिजो नेशनल फ्रंट 3 सीटों पर सिमट गई थी.
इसके अलावा मिजोरम पीपल्स कांफ्रेंस और जोराम नेशनलिस्ट पार्टी के पास दो-दो सीटें और मारालैंड डेमोक्रेटिक पार्टी को 1 सीट मिली थी. इससे पहले 1998 और 2003 के विधानसभा चुनावों में मिजो नेशनल फ्रंट की सरकार बनी थी.
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Source : News Nation Bureau