मिजोरम में विधानसभा चुनाव के लिए बुधवार को 7.68 लाख मतदाताओं में से करीब 73 फीसदी से ज्यादा ने मतदान किया. मुख्य निर्वाचन अधिकारी आशीष कुंद्रा ने मीडिया को बताया, 'चुनाव समाप्त होने की अवधि अपराह्न् चार बजे तक 7,68,181 मतदाताओं में से 73 प्रतिशत से ज्यादा ने मतदान किया है. मतदान का प्रतिशत हालांकि 77-78 प्रतिशत तक बढ़ सकता है, क्योंकि राज्य के विभिन्न मतदान केद्रों पर अभी भी मतदाता कतार में अपना मत डालने का इंतजार कर रहे हैं.
मतदान सुबह सात बजे से शुरू हुआ. सभी जिलों में लोग मतदान के लिए कतारों में खड़े दिखाई दिए.
कुंद्रा ने कहा, 'अनुकूल स्थिति और मौसम की वजह से लोगों ने सहजता के साथ अपने मताधिकार का प्रयोग किया.'
उन्होंने कहा कि 25 ईवीएम (इलेक्ट्रॉनिक वोटिंग मशीनों) के अलावा वीवीपीएटी (वोटर्स वेरिफाइबल पेपर ऑडिट ट्रेल) डिवाइस खराब हो गए, लेकिन अबतक किसी अप्रिय घटना की सूचना नहीं मिली है.मुख्य निर्वाचन अधिकारी ने कहा कि कुछ मतदाता जिनकी उम्र 100 साल से ज्यादा है, वे भी अपने परिवार की सहायता से मतदान करने आए.
A 106-year-old woman after casting her vote in Kawrthah. #MizoramElections (Pic courtesy: Office of the Chief Electoral Officer) pic.twitter.com/OSd47D4Adb
— ANI (@ANI) November 28, 2018
म्यांमार और बांग्लादेश की सीमाओं से सटा पहाड़ी राज्य मिजोरम आठ पूर्वोत्तर राज्यों में कांग्रेस का अंतिम गढ़ है.
मौजूदा मुख्यमंत्री व पार्टी के प्रदेश अध्यक्ष ललथनहावला लगातार तीसरे कार्यकाल की उम्मीद कर रहे हैं. उन्हें पूर्व मुख्यमंत्री जोरामथंगा की अगुवाई वाले मुख्य विपक्षी मिजो नेशनल फ्रंट (एमएनएफ) से कड़ी चुनौती मिल रही है.
कांग्रेस और एमएनएफ दोनों ने 40 सीटों पर अपने उम्मीदवार उतारे हैं. राज्य में भारतीय जनता पार्टी (बीजेपी) भी अपनी मौजूदगी दर्ज कराने की कोशिश कर रही है और इसने 39 उम्मीदवार उतारे हैं.
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बीजेपी और कांग्रेस के अलावा मिजो नेशनल फ्रंट (एनएनएफ) समेत कई क्षेत्रीय एवं स्थानीय पार्टियों ने भी 40 सदस्यीय विधानसभा सीटों के लिए अपने उम्मीदवारों को उतारा है.
राज्य में कुल 768,181 मतदाताओं में से 393,685 महिलाएं और 3,74,496 पुरुष मतदाता हैं. इन मतदाताओं ने 209 उम्मीदवारों के किस्मत का फैसला करने के लिए मतदान किया. इन उम्मीदवारों में से 15 महिलाएं हैं. निर्वाचन आयोग ने कन्हमुन में रेआंग जनजाति के शरणार्थी को मतदान करने के लिए 15 विशेष मतदान केंद्र बनाए हैं, जिन्होंने पिछले 21 सालों से त्रिपुरा में शरण ले रखी है. यह गांव मिजोरम-त्रिपुरा की सीमा पर स्थित है.
इससे पहले मिजोरम निर्वाचन विभाग के एक अधिकारी ने कहा कि विधानसभा चुनाव के मद्देनजर बांग्लादेश और म्यांमार के साथ लगी मिजोरम की सीमाओं पर कड़ी सुरक्षा बनाए रखने के लिए सीमा सुरक्षा बल (बीएसएफ) और असम राइफल्स के जवानों को तैनात किया गया है.
यहां मध्यप्रदेश, राजस्थाना, तेलंगाना और छत्तीसगढ़ के साथ मतगणना 11 दिसंबर को होगी.
Source : IANS