देश के पांच राज्यों में जारी विधानसभा चुनाव के बीच कांग्रेस ने केंद्र की भाजपा सरकार पर गंभीर आरोप लगाए हैं। देश में बैंकों से पैसे लेकर भागने वालों को लेकर कांग्रेस नेता रणदीप सुरजेवाला ने रविवार को केन्द्र सरकार पर जमकर हमला बोला। उन्होंने ऋषि अग्रवाल और अन्य के मालिकाना हक वाली गुजरात स्थित एबीजी शिपयार्ड कंपनी द्वारा कथित रूप से 28 कंपनियों को चूना लगाए जाने के लिए रविवार को केंद्र सरकार को जिम्मेदार ठहराया। सुरजेवाला ने चंडीगढ़ में एक संवाददाता सम्मेलन में कहा कि पिछले 75 साल में भारत की सबसे बड़ी बैंक धोखाधड़ी मोदी सरकार की निगरानी में हुई है। सात साल में 5 लाख 35,000 करोड़ रुपए की बैंक धोखाधड़ी ने देश में बैंकिंग प्रणाली को ध्वस्त करके रख दिया है। कांग्रेस नेता ने आरोप लगाया कि बैंक धोखाधड़ी के मामलों की जांच में देर मोदी सरकार में शीर्ष पदों पर बैठे लोगों की सांठगांठ और आपसी मिलीभगत के सबूत सामने आ चुके हैं।
धोखाधड़ी करने वालों के सत्तारूढ़ पार्टी संग है करीबी रिश्ते
सुरजेवाला ने कहा कि पिछले 75 साल में पहली बार 22 हजार 842 करोड़ रुपये की बैंक धोखाधड़ी का मामला सामने आया है। उन्होंने कहा कि पांच साल तक टालमटोल करके जनता के धन को दिनदहाड़े गबन करने की छूट देने के बाद आखिरकार केंद्रीय जांच ब्यूरो ने इस मामले में सात फरवरी को एफआरआई दर्ज किया। उन्होंने आरोप लगाया कि मोदी सरकार बैंक के साथ धोखाधड़ी करने वालों के लिए लूटो और भागो योजना चला रही है। उन्होंने कहा कि धोखाधड़ी करने वालों की सूची में नीरव मोदी यानी छोटा मोदी, मेहुल चोस्की, नीशल मोदी, ललित मोदी, विजय माल्या, जतिन मेहता, चेतन संदेसरा, नितिन संदेसरा और अन्य कई नाम हैं, जिनका सत्तारूढ़ पार्टी के साथ करीबी रिश्ता रहा है। ऋषि अग्रवाल और अन्य लोग शहंशाह के नए रत्न हैं।
मोदी सरकार की लूट और फ़्लैगशिप स्कीम के कई मोहरे देश ने देखे, क्या देश ऐसे चलेगा ?#BankLootEscapePlan#लूटो_भगाओ_बैंक_लूटवाओ pic.twitter.com/SNPHlu1dzV
— Randeep Singh Surjewala (@rssurjewala) February 13, 2022
सीबीआई में हुई देरी पर उठाया सवाल
कांग्रेस नेता ने अपने बयान में कहा है कि आठ नवंबर 2019 को एसबीआई ने एबीजी शिपयार्ड के ऋषि अग्रवाल और अन्य के खिलाफ एफआईआर दर्ज कराने के लिए सीबीआई में अपनी शिकायत दी। इस धोखाधड़ी और जनता के पैसे के गबन के बावजूद सीबीआई, एसबीआई और मोदी सरकार ने पूरे मामले को लालफीताशाही और आपसी टकराव में उलझा दिया। ये कई साल तक होता रहा और जनता का धन नाली में बहता रहा और धोखेबाज लाभ उठाते रहे। उन्होंने ने कहा कि एक और मजेदार तथ्य यह है कि कैग की रिपोर्ट के बावजूद गुजरात के तत्कालीन मुख्यमंत्री नरेंद्र मोदी की सरकार ने गुजरात के दहेज में एबीजी शिपयार्ड को 50 हेक्टेयर भूमि आवंटित की। दहेज परियोजना को शिपयार्ड कंपनी ने वर्ष 2015 में बंद कर दिया।
HIGHLIGHTS
- कांग्रेस ने केन्द्र पर बैंक लूटेरों पर नरमी दिखाने का लगाया आरोप
- एसबीआई की शिकायत के बाद भी नहीं हुई FIR
- 2019 में एसबीआई ने सीबीआई से की थी शिकायत
Source : News Nation Bureau