Advertisment

first phase election: छत्‍तीसगढ़ के इस सबसे कमजोर संभाग में क्‍या मोदी दिला पाएंगे बीजेपी को जीत

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी कल बस्‍तर के जगदलपुर में चुनावी सभा को संबोधित करेंगे. इस संभाग की 18 में से केवल 6 सीटे ही बीजेपी के पास हैं. आज से पांचवें दिन पहले चरण के लिए 12 नवंबर को वोट डाले जाएंगे. ऐसे में मोदी का यह दौरा काफी महत्‍वपूर्ण माना जा रहा है.

author-image
Drigraj Madheshia
एडिट
New Update
first phase election: छत्‍तीसगढ़ के इस सबसे कमजोर संभाग में क्‍या मोदी दिला पाएंगे बीजेपी को जीत

pm modi and cm raman singh

Advertisment

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी कल बस्‍तर के जगदलपुर में चुनावी सभा को संबोधित करेंगे. इस संभाग की 18 में से केवल 6 सीटे ही बीजेपी के पास हैं. आज से पांचवें दिन पहले चरण के लिए 12 नवंबर को वोट डाले जाएंगे. ऐसे में मोदी का यह दौरा काफी महत्‍वपूर्ण माना जा रहा है. इस चरण की ज्यादातर सीटें नक्सल प्रभावित इलाकों में हैं. इधर नक्सलियों के चुनाव बहिष्कार की घोषणा और लगातार हो रहे हमलों के बीच शांतिपूर्ण मतदान करना जहां चुनाव आयोग के लिए सबसे बड़ी चुनौती होगी, वहीं कांग्रेस के लिए अपना जनाधार बनाए रखना. क्योंकि इस चरण की 18 सीटों में से 12 कांग्रेस का कब्ज़ा है. 

यह भी पढ़ें ः आठ लोगों को रौंदती हुईं निकल गईं सैकड़ों गायें, जानें फिर क्‍या हुआ

बस्‍तर संभाग की इन 18 सीटों पर कुल 192 उम्‍मीदवार मैदान में हैं. अभी तक इन सीटों पर मुख्य मुकाबला कांग्रेस और बीजेपी के बीच रहा है लेकिन इस बार पूर्व CM अजीत जोगी की छत्तीसगढ़ जनता कांग्रेस, बहुजन समाज पार्टी और सीपीआई का गठबंधन भी चुनाव मैदान में है. जाहिर है यह गठबंधन दोनों दलों के लिए मुश्किलें खड़ी करेगा. पिछले चुनाव बसपा को 4.27% मत मिले थे. इसके अलावा अजीत जोगी आदिवासी बहुल क्षेत्रों में खासे प्रभावी रहे थे.

दंतेवाड़ा और राजनांदगांव पर रहेगी सबकी नज़र

तीन बार से मुख्यमंत्री पद पर काबिज डॉ रमन सिंह को सत्ता से बेदखल करने के लिए कांग्रेस पूरा जोर लगा रही है. मुख्यमंत्री डॉ रमन सिंह चौथी बार पद पर बने रहने के लिए राजनांदगांव से मैदान में हैं. उनके खिलाफ कांग्रेस ने पूर्व प्रधानमंत्री अटल बिहारी वाजपेयी की भतीजी करुणा शुक्ला को अपना प्रत्याशी बनाया है. वहीं दंतेवाड़ा से कांग्रेस ने अपने आदिवासी नेता महेंद्र कर्मा की पत्नी देवती कर्मा को टिकट दिया है जबकि बीजेपी ने भीमा मंडावी को उतारा है, जो कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी पर टिप्पणी कर विवादों में आए थे.

नक्सल समस्या और बेरोजगारी प्रमुख मुद्दे

पहले चरण की अधिकतर सीटें नक्सल प्रभावित हैं. नक्सलियों ने चुनाव बहिष्कार का खुला ऐलान कर रखा है. वे लगातार हमले करके सुरक्षा व्यवस्था को चुनौती दे रहे हैं, ऐसे में इस समस्या से निपटने को लेकर सियासी दलों की रणनीति ही वोटरों का मिजाज तय करेगी.

यह भी पढ़ें ः जीजा बीजेपी से सीएम, साले के सिर पर कांग्रेस का 'हाथ'

रही बात बेरोजगारी की तो नक्सल प्रभावित इलाका होने के कारण यहां अपेक्षाकृत कम विकास हुआ है. इसलिए युवाओं के लिए रोजगार के अवसरों की कमी है. अगर किसानों की बात करें तो विपक्षी दलों का आरोप है कि सरकार ने कृषि की उपेक्षा की, लेकिन सरकार का दावा है कि उसके कार्यकाल में कई सुधार हुए हैं.

कांग्रेस को सत्ताविरोधी लहर की आस

पहले चरण की 18 में से 12 सीटों पर काबिज कांग्रेस को अपनी सीटों को बचाए रखना जहां बड़ी चुनौती है वहीं 15 वर्ष से राज्य में बीजेपी की सरकार होने के कारण उसे उम्मीद है कि सत्ताविरोधी रुख का उसे लाभ मिलेगा. बीजेपी इस बार डॉ रमन सिंह को ही चेहरा बनाकर मैदान है वहीं CM पद के लिए कांग्रेस ने किसी का नाम आगे नहीं किया है.अजीत जोगी के अलग होने के बाद पार्टी के पास राज्य में कोई करिश्माई चेहरा नहीं है. यही वजह है कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी खुद बहुत मेहनत कर रहे हैं और संकल्प यात्रा से चुनाव प्रचार को धार दे रहे हैं. हालांकि पार्टी में गुटबाजी बड़ी कांग्रेस के लिए बड़ी समस्या है.

पिछली बार इन सीटों पर रहा था नजदीकी मुकाबला

मोहला मानपुर : 2013 में कांग्रेस के तेजकुंवर नेताम 42,648 वोट पाकर बीजेपी के भोजेश मंडावी को मात्र 956 वोटों के अंतर से हराया था. इस बार बीजेपी ने नई उम्मीदवार कंचनमाला भूआर्य को टिकट दिया है , वहीं कांग्रेस ने वर्तमान विधायक तेजकुंवर गोवर्धन नेताम का टिकट काटकर इंदरशाह मंडावी को मौका दिया है.

डोंगरगांव: 2013 में कांग्रेस के दलेश्वर साहू 67,755 वोट पाकर बीजेपी के दिनेश गांधी को महज 1698 वोटों के अंतर से हराया था. इस बार कांग्रेस ने वर्तमान विधायक दलेश्वर साहू को मैदान में उतारा है वहीं बीजेपी ने पूर्व सांसद व वर्तमान में महापौर मधुसूदन यादव को टिकट दिया है. दोनों पहली बार आमने-सामने होंगे.

यह भी पढ़ें ः Bhai Dooj 2018: भाई को ऐसे लगाएं उसकी लंबी उम्र का टीका, दूर होंगे सभी कष्ट

खैरागढ़: 2013 में कांग्रेस के गिरवर जंघेल ने बीजेपी के कोमल जंघेल महज 2190 वोटों से हराया था. इस बार कांग्रेस ने वर्तमान विधायक गिरवर जंघेल को चुनाव मैदान में उतारा है, जबकि बीजेपीने पराजित कोमल जंघेल को टिकट दिया है. दोनों दूसरी बार आमने-सामने होंगे.

कांकेर : इस सीट पर 2013 में कांग्रेस के शंकर ध्रुवा 50,58 वोट पाकर बीजेपी के संजय कोडोपी को मात दी थी . हार-जीत का अंतर 4625 वोटों का रहा. इस बार बीजेपी और कांग्रेस ने नए उम्मीदवारों को टिकट दिया है. कांग्रेस ने वर्तमान विधायक शंकर ध्रुवा का टिकट काटा है. दोनों पहली बार आमने-सामने होंगे.

डोंगरगढ़: 2013 में बीजेपी की सरोजनी बंजारे 67158 वोट पाकर कांग्रसे के डॉ. थानेश्वर पाटिला को 4684 वोटों से हराया था. यह सीट दो चुनावों से बीजेपी के पास है. इस बार बीजेपी ने विधायक सरोजनी बंजारे और कांग्रेस ने नए उम्मीदवार भुनेश्वर बघेल को टिकट दिया है. दोनों प्रत्याशी पहली बार आमने-सामने होंगे.

कोंडागांव : 2013 में इस सीट से कांग्रेस के मोहन मरकाम 54,290 वोट पाकर बीजेपी की लता उसेंडी को 5135 वोटों से हराया था . इस बार कांग्रेस ने वर्तमान विधायक मोहन मरकाम और बीजेपी ने पराजित प्रत्याशी लता उसेंडी को टिकट दिया है. दोनों दूसरी बार आमने-सामने होंगे.

दंतेवाड़ा : कांग्रेस के देवती कर्मा 41417 वोट पाकर बीजेपी के भीमा राम मंडावी को 5987 वोटों से हराया था. इस बार कांग्रेस ने वर्तमान विधायक और महेंद्र कर्मा की पत्नी देवती कर्मा और बीजेपी ने हारे हुए उम्मीदवार भीमाराम मंडावी को टिकट दिया है. दोनों दूसरी बार आमने-सामने हैं.

Source : DRIGRAJ MADHESHIA

BJP congress rahul gandhi modi magic dr raman singh Assembly election 2018 chhattisgarh first phase election chhattisgarh tour of Pm
Advertisment
Advertisment
Advertisment