मध्य प्रदेश में चुनावी समर अपने चरम पर है. भारतीय जनता पार्टी (बीजेपी) और कांग्रेस दोनों दलों ने जनता के सामने वादों और नारों की लंबी फेहरिस्त लगा रखी है. लेकिन नीमच के बघाना में 7 अनाधिकृत कॉलोनियों के निवासियों ने अपने-अपने घरों के बाहर पोस्टर लगाकर आगामी विधानसभा चुनाव का बहिष्कार कर रहे हैं. स्थानीय लोग इलाके में किसी भी राजनेता के प्रवेश पर भी प्रतिबंध लगा रहे हैं.
स्थानीय लोगों का कहना है कि जब तक उनकी कॉलोनी अधिकारपूर्ण नहीं घोषित होगा और मूलभूत सुविधाओं को नहीं दिया जाएगा, वे इलाके में किसी को भी कैंपेन करने की इजाजत नहीं देंगे, न ही मताधिकार का उपयोग करेंगे.
एक स्थानीय निवासी मुकेश राव ने कहा, '5 साल पहले उन्होंने वादा किया था कि वे हमारी कॉलोनियों को अधिकृत कर देंगे लेकिन कुछ नहीं हुआ. कॉलोनी को बने 30 साल हो गए है. बीजेपी और कांग्रेस ने हमें धोखा दिया है, हम किसी भी नेता को यहां नहीं आने देंगे और न ही वोट डालेंगे.'
स्थानीय लोगों ने प्रदर्शन जाहिर करने के उद्देश्य से अपने घरों के आगे एक काला झंडा भी लगा रखा है. लोगों का कहना है कि चुनावों के दौरान राजनेता अपने क्षेत्र में कैंपेन करते हैं, लंबे-लंबे वादे करते हैं लेकिन कभी उसे पूरा नहीं करते हैं.
एक और स्थानीय निवासी कहते हैं, 'वे हमारे लिए कुछ भी नहीं करते हैं, उन्हें यहां दोबारा क्यों आने दिया जाना चाहिए. हम दूसरी जगहों से पानी लगाते हैं, यहां तक कि यहां नाले भी सही नहीं हैं.'
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मध्य प्रदेश में 28 नवंबर को एक चरण में मतदान होने हैं, राज्य में कुल 230 विधानसभा सीट हैं. साल 2013 विधानसभा में यहां बीजेपी को कुल 165 सीटों पर जीत हासिल हुई थी जबकि कांग्रेस को मात्र 58 सीटों से संतोष करना पड़ा था. इसके अलावा अन्य को 3 सीट और बीएसपी (बहुजन समाज पार्टी) को 4 सीटों पर विजय मिली थी. 2018 चुनाव के नतीजे अन्य राज्यों के वोटों की गिनती के साथ 11 दिसंबर को घोषित होंगे.
Source : News Nation Bureau