उत्तर प्रदेश विधानसभा चुनाव से पहले प्रधानमंत्री नरेद्र मोदी ने राज्य के हर कोनें की जमीन नाप ली है. इस दौरान उन्होंने यहां लोगों को न केवल तमाम विकास योजनाओं की सौगात दी है, बल्कि आस्था, धर्म, समाज के प्रति भी अपनी प्रतिबद्धता जताई है. प्रधानमंत्री के तकरीबन आठ से ज्यादा दौरे हो चुके है. ये अभी आगे भी जारी रहेंगे. विपक्षियों को उनके इस दौरे से रणनीति में दिक्कत हो सकती है. शाहजहांपुर में गंगा एक्सप्रेस वे के शिलान्यास के बाद अगले 10 दिनों में उनके कई दौरे हैं. प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी का 21 दिसंबर को प्रयागराज का दौरा है. संगमनगरी प्रयागराज में प्रधानमंत्री मोदी स्वयं सहायता समूहों (एसएचजी) के बैंक खाते में एक हजार करोड़ रुपये की राशि ट्रांसफर करने के साथ 202 सप्लीमेंट्री न्यूट्रिशन मैन्युफैक्चि रिंग यूनिट का भी शिलान्यास करेंगे. इस दौरान उनका समूह में काम करने वाली 75 विशिष्ट महिलाओं से संवाद का भी कार्यक्रम है.
23 दिसंबर को फिर से काशी दौरा
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी 23 दिसंबर को एक बार फिर काशी आएंगे और वह काशीवासियों को कई करोड़ की योजनाओं की सौगात देंगे. मोदी अपने काशी दौरे के दौरान सीरगोवर्धनपुर के संत रविदास मंदिर में बने लंगर हॉल को भी श्रद्धालुओं को समर्पित करेंगे. जानकारी के मुताबिक छह वार्डों में किए जाने वाले कार्यों के साथ ही वह लहरतारा से मोहनसराय तक फोर लेन सड़क का शिलान्यास भी करेंगे. इस दौरान वह खिड़किया घाट में छह वार्डों के सुंदरीकरण कार्य, बेनियाबाग में मल्टी लेवल पार्किंग सहित 800 करोड़ की परियोजनाओं का लोकार्पण करेंगे. इसके अलावा मोहनसराय-लहरतारा व चांदपुर फोरलेन सहित 700 करोड़ की परियोजना का शिलान्यास करेंगे.
28 दिसंबर को कानपुर दौरा
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी 28 दिसंबर को कानपुर आएंगे और मेट्रो के साथ विभिन्न परियोजनाओं का लोकार्पण और शिलान्यास करेंगे. प्रधानमंत्री आईआईटी से गीता नगर और गीता नगर से आईआईटी तक मेट्रो की सवारी भी करने की संभावना है. आचार संहिता से पहले भाजपा प्रधानमंत्री की एक रैली जनवरी माह में लखनऊ में कराना चाह रही है. इसमें कई लाख लोगों की भीड़ इकट्ठा करके यादगार बनाने का प्रयास होगा.
यह है पीएम मोदी का नफा-नुकसान
राजनीतिक विश्लेषक प्रसून पांडेय कहते हैं कि भाजपा में मोदी सबसे बड़ा चेहरा हैं. उनके दम पर पूरा चुनाव लड़ा जाता है. उनके दौरे का निश्चत तौर पर असर पड़ेगा. मोदी हर बार एक नया जुमला छोड़कर विपक्ष को परेशान कर देते हैं. जाहिर बात है उन्हें सबसे ज्यादा कवरेज भी मिलती है. उनके दौरे के कारण विपक्ष और उसके नेताओं को जो जगह मिलनी चाहिए थी, वह नहीं मिल पाएगी. बीते एक माह में यूपी मोदी और योगी के साथ उद्घाटनों की ही चर्चा है. सबसे ज्यादा चर्चा में वाराणसी के काशी विश्वनाथ का कॉरिडोर है, जिसे लेकर कई दिनों तक असर रहा है. भाजपा की कोशिश होगी चुनावों तक इसी तरह का माहौल बनाए रखा जाए, जिसमें विपक्ष को ज्यादा मौका नहीं मिल पाए. राजनीतिक जानकार बताते हैं कि यूपी के चुनावी समीकरणों में कांग्रेस व बसपा का कमजोर होना भाजपा के लिए मुसीबत बढ़ा सकता है. इसमें भाजपा विरोधी चाहे अनचाहे सपा के साथ आ सकते हैं इसलिए भाजपा को अपनी ताकत और ज्यादा बढ़ाने की जरूरत है और वह काम सिर्फ प्रधानमंत्री मोदी ही कर सकते हैं.
HIGHLIGHTS
- मोदी 23 दिसंबर को फिर काशी में
- 28 दिसंबर को करेंगे कानपुर का दौरा
- आचार संहिता से पहले बड़ी रैलियां