पीएम मोदी ने गुरुवार को महाराष्ट्र के सातारा में रैली को संबोधित किया. इस दौरान उन्होंने कहा कि सातारा संतों की भूमि है. देश और समाज को दिशा देने वाले नेतृत्व की भूमि है. वीर संभाजी, वीर शाहू जी, समर्थ रामदासजी, राम शास्त्री प्रभुणे, श्रीमंत प्रताप सिंह, सावित्रीबाई फुले, क्रांति सिंह नाना पाटील जैसे अतुलनीय सामाजिक और आध्यात्मिक नेतृत्व यहां से निकले हैं. यशवंत राव चव्हाण जी जैसा विजनरी राजनेता भी सातारा ने देश को दिया है. मेरे लिए तो सातारा एक प्रकार से गुरुभूमि है.
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आज तक भाजपा के पास सिर्फ शिवाजी महाराज के संस्कार थे, अब हमारे पास उनका परिवार भी है. संस्कार और परिवार का ये संगम वीर शिवाजी के सपनों का महाराष्ट्र, उनके सपनों का अखंड हिंदुस्तान, अभेद्यता, एक भारत-श्रेष्ठ भारत बनाने में, हमें एक नई ऊर्जा देगा. पिछले 5 वर्षों से महायुती की सरकार ने केंद्र और महाराष्ट्र में शिवाजी महाराज के संस्कारों के अनुसार ही काम किया है. राष्ट्ररक्षा और राष्ट्रवाद को हमने प्राथमिकता दी है. शिवाजी महाराज ने राष्ट्ररक्षा के लिए एक सशक्त सेना को प्राथमिकता दी. उन्होंने एक सशक्त नौसेना का निर्माण किया था.
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बीते 5 वर्षों में हमारी सरकार ने भारत की सेना को दुनिया की ताकतवर सेनाओं की श्रेणी में खड़ा कर दिया है. राष्ट्र रक्षा, राष्ट्र के एकीकरण के लिए महायुती की सरकार ने ऐसे फैसले लिए हैं, जिनके लिए पहले हिम्मत नहीं दिखाई गई थी. लेकिन दुर्भाग्य की बात है कि आज महाराष्ट्र में जो हमारे विरोध में खड़े हैं, उन्होंने राष्ट्ररक्षा के लिए उठाए गए हर कदम का विरोध किया. जब ये राफेल जैसे आधुनिक जहाज को लेकर अपप्रचार करते हैं तो मुझे विश्वास है इस राष्ट्रभक्ति की धरती को पीड़ा होती है. जब ये आर्टिकल-370 को लेकर अफवाहें फैलाते हैं, तब पूरा सातारा निराश होता है. जब वीर सावरकर जैसे राष्ट्रनायकों को ये बदनाम करने का प्रयास करते हैं, तब सातारा का पारा सातवें आसमान पर चढ़ जाता है.
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कांग्रेस और NCP के दलों के भीतर भी दंगल है और दोनों दलों के नेताओं और कार्यकर्ताओं के बीच दंगल चल रहा है. वो एक-दूसरों को हैसियत दिखाने के लिए बिसात बिछा रहे हैं. दूसरी तरफ भाजपा-शिवसेना की महायुती. जहां कार्यकर्ताओं में, गठबंधन में ही बंटवारा है वो महाराष्ट्र को एकजुट भला कैसे कर सकते हैं. इनकी राजनीति का एक ही आधार है, बांटो और बांटो. और मलाई खाओ. ये संस्कार छत्रपति शिवाजी के बिलकुल नहीं हैं. उन्होंने तो समभाव और सद्भाव से राष्ट्र सेवा का मार्ग दिखाया है.
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90 के दशक में जब महाराष्ट्र में महायुती की सरकार थी तब यहां पानी की परेशानी को देखते हुए कुछ डैम स्वीकृत हुए थे. लेकिन महायुती की सरकार गई तो डैम की ये फाइलें भी बंद हो गई. आपने जब केंद्र में नरेन्द्र और महाराष्ट्र में देवेन्द्र को अवसर दिया, तो पुरानी फाइलें खुल गई, अब सिंचाई परियोजनाओं पर तेजी से काम चल रहा है. गन्ना किसानों की मुश्किलों को हल करने के लिए हर संभव कोशिश बीते 5 वर्षों में की गई है. गन्ने के लाभकारी मूल्य को लागत का डेढ़ गुणा से अधिक तय किया गया है. जब भी कोई समस्या हुई है, हमने यह कोशिश की है कि किसानों को उनका बकाया समय पर मिले.
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हमारी सरकार सिंचाई से लेकर कमाई तक के तमाम प्रयास कर रही है. महाराष्ट्र के सभी किसान परिवारों को पीएम किसान सम्मान निधि का लाभ पहुंच रहा है. लघु किसान परिवारों, खेत मजदूरों, छोटे दुकानदारों को, 60 वर्ष की आयु के बाद पेंशन की सुविधा भी तय हो चुकी है. बीते 5 वर्ष में महिला सशक्तिकरण को भी अभूतपूर्व बल मिला है. हमारी बहनों की सुरक्षा से लेकर सम्मान के लिए पहली बार बड़े कदम उठाए गए हैं. सामाजिक सद्भाव की यही नीति पूरे देश को पसंद आ रही है, इसलिए पूरे देश का स्नेह और आशीर्वाद हमें मिल रहा है. हमारा ये प्रयास रहेगा कि सातार टूरिज्म के क्षेत्र में देश और दुनिया के 15 बेस्ट डेस्टिनेशन में हमेशा बना रहना चाहिए.
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गन्ना किसानों को सिर्फ चीनी के भरोसे न रहना पड़े इसके लिए इथेनॉल के उत्पादन पर जोर दिया जा रहा है. देशभर में इसके लिए आधुनिक फैक्ट्रियां बनाई जा रही हैं. हमारा प्रयास है कि आने वाले समय में पेट्रोल-डीजल में करीब 10% इथेनॉल का इस्तेमाल किया जाएगा. जैसे-जैसे इथेनॉल का उपयोग बढ़ेगा, गन्ना किसानों का लाभ भी बढ़ेगा. महाराष्ट्र के विकास के लिए जो भी संकल्प हमने लिए हैं, वो तभी सिद्ध हो सकते हैं जब आप महायुती के उम्मीदवारों को ज्यादा से ज्यादा संख्या में विजयी बनाएंगे. स्वरोजगार और रोजगार एक प्रमुख माध्यम पर्यटन है. पर्यटन की संभावनाओं को बढ़ाने के लिए कनेक्टिविटी पर बल दिया जा रहा है. समाज में जब सद्भाव होता है तो उद्योगों को बल मिलता है. आज मुद्रा योजना से पूरे देश में स्वरोजगार से युवा जुड़ रहे हैं. मोदी सरकार के प्रयासों से विश्व में तेजी से बढ़ती अर्थव्यवस्था बन रहा भारत