देश के चार राज्यों और एक केंद्रशासित प्रदेश में हुए विधानसभा चुनाव की मतगणना शुरू हो गई है. पश्चिम बंगाल से सामने आए रुझानों में जहां ममता बनर्जी की पार्टी टीएमसी को 200 से अधिक सीटें मिलती दिख रही हैं तो वहीं भाजपा 100 से नीचे सिमटती दिख रही है. ममता बनर्जी के लिए चुनावी रणनीति बनाने वाले प्रशांत किशोर (prashant kishor) ने रुझानों के बाद बड़ी घोषणा की है. प्रशांत किशोर (PK) ने कहा कि अब वह चुनावी रणनीतिकार का काम नहीं करेंगे. प्रशांत किशोर ने एनडीटीवी को दिए साक्षात्कार में कहा कि अब वह यह जगह खाली कर रहे हैं. उनका कहना है कि वह भविष्य में चुनावी रणनीति बनाने का काम नहीं करेंगे. पीके ने आगे कहा कि मैं जो कर रहा हूं, अब मैं वो काम नहीं करना चाहता हूं. मैंने बहुत कुछ कर लिया है. मेरे लिए अब थोड़ा आराम करने का सम आ गया है और जीवन में कुछ और काम करने का भी. अब मैं यह जगह खाली करना चाहता हूं.
इस बार रणनीतिकार प्रशांत किशोर ने पश्चिम बंगाल के विधानसभा चुनाव में तृणमूल कांग्रेस के लिए चुनावी रणनीति बनाई थी. उनका कहना है कि लोकसभा चुनाव में ममता बनर्जी की रैलियों में भी बहुत ज्यादा भीड़ आती थी. बावजूद इसके वह 18 सीटें हारी थीं. भीड़ का मतलब केवल वोट नहीं होता है. बीजेपी ने भी राज्य में 40 रैलियां की थीं, लेकिन इसका मतलब यह नहीं था कि तृणमूल कांग्रेस (TMC) हार जाएगी.
गौरतलब है कि इससे पहले पश्चिम बंगाल चुनाव को लेकर 21 दिसंबर, 2020 को प्रशांत किशोर ने एक ट्वीट भी किया था. उन्होंने दावा किया था कि भाजपा राज्य में डबल डिजिट पार करने में भी जद्दोजहद करेगी. वो अगर बेहतर प्रदर्शन करती है तो मैं यह स्थान खाली कर दूंगा.
चुनाव आयोग पक्षपात नहीं करता तो बीजेपी यहां भी नहीं पहुंचतीः प्रशांत किशोर
पश्चिम बंगाल (West Bengal) चुनाव में ममता बनर्जी (mamata Banerjee) के साथ-साथ प्रशांत किशोर का भी भविष्य दांव पर लगा हुआ था. पीके ने दावा किया था कि बंगाल चुनाव में बीजेपी तीन अंकों का सफर तय नहीं कर सकेगी और अगर ऐसा हुआ तो वह चुनावी रणनीतिकार का काम बंद कर देंगे. ऐसे में अब जब बीजेपी दो अंकों में समिटती दिख रही है तो प्रशांत किशोर (Prashant Kishor) की पहली प्रतिक्रिया सामने आई है. प्रशांत ने बेलौस अंदाज में कहा कि बीजेपी (BJP) के 80 के करीब सीटों पर ही सिमटने का अंदाजा उन्हें पहले से था. इसके साथ ही उन्होंने चुनाव आयोग पर भी निशाना साधते हुए पक्षपात का आरोप लगाया. प्रशांत किशोर ने कहा, 'चुनाव आयोग (Election Commission) की ओर से पक्षपात के चलते बीजेपी ऐसी स्थिति में आ सकी है. यदि आयोग ने निष्पक्षता के साथ काम किया होता तो ऐसा नहीं होता. आयोग ने अपने सिस्टम के जरिए बीजेपी को सपोर्ट करने का काम किया था. इसके चलते ही चुनाव ज्यादा से ज्यादा चरणों में कराया गया था. यह चुनाव 10 या 15 दिनों ही कराया जा सकता था, लेकिन दो महीने का समय लिया गया.'
Source : News Nation Bureau