आज यानि कि रविवार को पुडुचेरी विधानसभा चुनाव के नतीजे आ आएंगे. बता दें कि पुडुचेरी की 30 विधानसभा सीटों पर 6 अप्रैल को मतदान हुए थे. नतीजों से पहले आए एग्जिट पोल के नतीजों के मुताबिक, पुडुचेरी में कांग्रेस की हार होती नजर आ रही है. वहीं एएनआरसीआर की अगुवाई वाले एनडीए का राज्य में चुनाव जीतने की संभावना है. टाइम्स नाऊ/एबीपी न्यूज-सी वोटर एग्जिट पोल के अनुसार एनडीए के पक्ष में 17 प्रतिशत वोटों की वृद्धि की भविष्यवाणी की गई है. वहीं यूपीए को 2016 के चुनाव के मुताबिक 5 प्रतिशत वोटों की कमी देखने को मिल सकती है. एनडीए के पक्ष में 16.6 प्रतिशत वोट बढ़ने का अनुमान है, जबकि यूपीए का वोट शेयर में कटौती होने के साथ मानइस 5.3 प्रतिशत की कमी हो सकती है.
टाइम्स नाऊ/एबीपी न्यूज-सी वोटर एग्जिट पोल के अनुसार, अनुमान यह है कि यूपीए को 34.2 प्रतिशत वोट मिलेंगे, जबकि एनडीए को 47.1 प्रतिशत वोट मिलने का अनुमान है. 30 सदस्यों वाली विधानसभा में 21 सीटों पर एनडीए और 8 पर यूपीए की जीत होने का अनुमान है जबकि एक सीट अन्य को मिल सकती हैं.
और पढ़ें: उतार-चढ़ाव से भरा रहा पुडुचेरी के पूर्व मुख्यमंत्री वी. नारायणसामी का राजनीतिक सफर
एनडीए को 19 से 23 सीट मिलने की उम्मीद है जबकि यूपीए को 6 से 10 सीटों की उम्मीद है,वहीं दो सीटें अन्य को मिलने की संभावना है. एनडीए की जीत प्रधानमंत्री के आक्रामक अभियान और पूर्व भाजपा नेताओं के साथ साथ पूर्व मुख्यमंत्री और एआईएडीएमके के नेताओं के प्रचार का कारण बन सकता है.
राज्य में शासन कर रही कांग्रेस भाजपा के साथ कई विधायकों के साथ असंतुष्ट थी और उनकी सरकार अल्पमत में आने के बाद मुख्यमंत्री वी नारायणसामी को इस्तीफा देना पड़ा था.
राज्य में मुख्यमंत्री और पूर्व एलजी किरण बेदी के बीच प्रशासन और राज्य में आगामी चुनाव से पहले काफी गहमागहमी देखी गई थी. जिसके बाद राज्यपाल को पद से हटा दिया गया था.
वर्षों तक कांग्रेस के मुख्यमंत्री रहे वी नारायणसामी राज्य में चुनाव नहीं लड़े थे और राज्य में राहुल गांधी के दौरे के दौरान यह आरोप लगाया गया था कि उन्होंने राहुल गांधी से महिलाओं की गलत शिकायत बताई थी.
पुडुचेरी में कुल 30 विधानसभा सीट
बता दें कि पुडुचेरी में कुल 30 विधानसभा सीट है. पुडुचेरी विधानसभा में तीन सदस्य को नामित किया जाता है. 1963 में तीन सदस्यों को नामित करने का प्रविधान किया गया था. 1985 में पहली बार एमओएच फारूक की कांग्रेस सरकार के कार्यकाल में इसका इस्तेमाल किया गया था और उस समय से अभी तक यह लगातार जारी है.
2016 के कांग्रेस को मिली थी 15 सीट
2016 के चुनाव में कांग्रेस ने 15 सीटों पर जीत दर्ज की थी. कांग्रेस ने डीएमके साथ मिलकर सरकार बनाई थी. मुख्य विपक्षी दल एआईएनआरसी को 8 सीटों पर जीत मिली थी. बता दें कि कांग्रेस और डीएमके गठबंधन सरकार के कई विधायकों के द्वारा इस्तीफा दिए जाने की वजह से सदन में वी. नारायणसामी के नेतृत्व वाली सरकार का संख्या बल सिर्फ 11 रह गया था. विपक्ष के पास मौजूदा समय में 14 विधायक थे.