पंजाब में समय-समय पर चलती रार के बीच अगले साल होने वाले विधानसभा चुनाव को लेकर कांग्रेस ने कुछ ऐसे कदम उठाए हैं, जो चुनावी बयार में उसके लिए सिरदर्द भी साबित हो सकते हैं. हालांकि इन कदमों के पीछे कांग्रेस प्रदेश अध्यक्ष नवजोत सिंह सिद्धू का ही दिमाग माना जा रहा है, जिन्होंने फिर से एक तीर से कई निशाने साधे हैं. गौरतलब है कि कांग्रेस ने एक परिवार एक टिकट फॉर्मूला तय कर दिया है, जिससे उन नेताओं को बड़ा झटका लगा है जो अपने परिवार के सदस्यों को भी चुनाव मैदान में उतारने की कोशिश कर रहे थे.
मौजूदा विधायक नहीं बदल सकेंगे सीट
प्राप्त जानकारी के मुताबिक विधानसभा चुनाव के लिए नियुक्त स्क्रीनिंग कमेटी ने कई बड़े फैसले लिए. इन पर अंतिम निर्णय से पहले कांग्रेस महासचिव अजय माकन के नेतृत्व में बीती रात फिर से बैठक की गई. इसमें एक परिवार एक टिकट फॉर्मूले के अलावा यह भी तय किया गया कि मौजूदा विधायक अपनी सीट नहीं बदल सकेंगे. सूत्र बताते हैं कि एक परिवार एक टिकट के फॉर्मूले के पीछे कांग्रेस अध्यक्ष नवजोत सिंह सिद्धू का हाथ था. उन्होंने इस फॉर्मूले को लागू कर मुख्यमंत्री चन्नी समेत अपने विरोधी खेमे के कई नेताओं को पटखनी दे दी है.
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जल्द 30 से 35 सीटों पर दावेदारों का ऐलान
इसके साथ ही कांग्रेस ने विधानसभा टिकटों को लेकर भी बड़ी तैयारी कर ली है. राज्य के प्रभारी हरीश चौधरी के मुताबिक प्रदेश की कुल 117 सीटों में से 90 पर सहमति बन चुकी है. पार्टी ने जिताऊ उम्मीदवारों की तलाश के लिए सर्वेक्षण भी कराया है. इस सर्वेक्षण में पता चला है कि कुछ मंत्री ऐसे हैं, जो आसानी से एक बार फिर चुनाव जीतने की स्थिति में हैं. सूत्रों के मुताबिक अगले सप्ताह केंद्रीय चुनाव समिति की बैठक हो सकती है, जिसके बाद 30 से 35 उम्मीदवारों का ऐलान किया जा सकता है. सूत्रों के मुताबिक इससे पहले शनिवार को फिर स्क्रीनिंग कमिटी की बैठक हो सकती है.
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सीएम चन्नी को भी लगेगा बड़ा झटका
सूत्रों की मानें तो एक परिवार एक टिकट नियम से पहला झटका राज्य के सीएम चरणजीत सिंहह चन्नी को लगेगा. बताते हैं कि उनके भाई डॉ. मनोहर सिंह बस्सी पठाना से चुनावी समर में उतरने की तैयारी कर रहे थे. इसके अलावा विधायक कपूरथला के विधायक राणा गुरजीत अपने बेटे को सुल्तानपुर लोधी सीट से उतारना चाहते थे. यही नहीं, पूर्व प्रदेश अध्यक्ष और सांसद प्रताप सिंह बाजवा भी अपने भाई के लिए बैटिंग करने की तैयारी में थे. यही नहीं, वरिष्ठ नेता राजिंदर कौर भट्टल और ब्रह्म मोहिंद्रा भी बेटों को चुनाव लड़ाने की तैयारी कर रहे थे. इस फॉर्मूले से कई राजनीतिक परिवारों को गहरा झटका लगेगा.
HIGHLIGHTS
- विधानसभा चुनाव में एक परिवार से एक को ही टिकट
- मौजूदा विधायक नहीं बदल सकेंगे अपनी वर्तमान सीट
- जल्द ही ऐलान कर दिया जाएगा तीन दर्जन नामों का