पंजाब विधानसभा चुनाव (Punjab Assembly Election) के लिए रविवार का दिन मतदान का दिन है. रविवार को पंजाब के 2.14 करोड़ मतदाता 117 सीटों पर लड़ाई लड़ रहे 1304 प्रत्याशियों की किस्मत का फैसला ईवीएम में बंद कर देंगे. इसके लिए चुनाव आयोग ने अपनी तैयारियां पूरी कर ली है. रविवार को सुबह 8 बजे से शुरू होकर मतदान शाम 6 बजे तक चलेगा. हालांकि जिन जगहों पर लंबी लाइन लगी होगी, वहां पर लाइन खत्म होने तक मतदान चलेगा. बता दें कि पंजाब विधानसभा चुनाव के नतीजे अन्य 4 चुनावी राज्यों के नतीजों के साथ ही 10 मार्च को आएंगे.
कुल 93 महिलाएं भी चुनावी समर में आजमा रहीं किस्मत
पंजाब राज्य की 117 विधानसभा सीटों पर भले ही 1304 कैंडिडेट चुनाव लड़ रहे हों, लेकिन इसमें महिलाओं की भागीदारी बेहद कम है. इस बार के चुनाव में सिर्फ 93 महिलाएं अपनी किस्मत आजमा रही हैं. अब इसमें कितनी महिलाएं सफल होंगी, ये जानने के लिए 10 मार्च तक का इंतजार करना पड़ेगा.
धुरंधरों ने किया चुनाव प्रचार, कुछ ऐसा था पिछले चुनाव का हाल
इस बार पंजाब विधानसभा चुनाव प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी, केंद्रीय गृहमंत्री अमित शाह, रक्षामंत्री राजनाथ सिंह, केंद्रीय मंत्री स्मृति ईरानी, कांग्रेस नेता राहुल गांधी, कांग्रेस महासचिव प्रियंका गांधी, आप संयोजक अरविंद केजरीवाल (Arvind Kejriwal) जैसे धुरंधरों ने जमकर प्रचार किया. इस चुनाव हर तरफ से जोरदार जुबानी हमले हुए, तो राष्ट्रीय सुरक्षा का मुद्दा भी अहम मुद्दा बना. पिछले विधानसभा चुनाव की बात करें तो साल 2017 में हुए विधानसभा चुनाव में कांग्रेस को 77, शिअद-भाजपा गठबंधन को 18, आप को 20 सीटें मिली थीं जबकि दो सीटें लोक इंसाफ पार्टी के खाते में गई थीं.
पंजाब में इस बार बहुकोणीय मुकाबला
पांच राज्यों के विधानसभा चुनाव (Elections 2022) के तीसरे दौर में पंजाब में मतदान होना है. यहां 117 सीटों पर मतदान होना है. इस बार बीजेपी ने अमरिंदर सिंह की अगुवाई में अलग गठबंधन किया है, तो आम आदमी पार्टी ने भी चुनाव में अपनी पूरी ताकत झोंक दी है. वहीं, कांग्रेस चरणजीत सिंह चन्नी और नवजोत सिंह सिद्धू की अगुवाई में पूरी ताकत झोंके हुए है. अभी तक पंजाब में बीजेपी-अकाली दल के गठबंधन की टक्कर कांग्रेस से होती थी, लेकिन इस बार चुनाव में कई फैक्टर सामने आए हैं. पिछले विधानसभा चुनाव में दूसरी सबसे बड़ी पार्टी बनकर उभरी आम आदमी पार्टी (Aam Aadmi Party) भी मजबूत चुनौती दे रही है, तो बीजेपी-अकाली दल का गठबंधन भी टूट चुका है. इस बार अकाली दल ने बसपा के साथ गठबंधन किया है, जिसकी नजर सिख+दलित वोटबैंक पर है. हालांकि कांग्रेस ने चरणजीत सिंह चन्नी को मुख्यमंत्री बनाकर इस गठबंधन की काट खोजने की कोशिश की है, लेकिन कांग्रेस पार्टी इसमें कितना सफल होती है, इसका पता 10 मार्च को ही चल पाएगा.
HIGHLIGHTS
पंजाब विधानसभा चुनाव के लिए रविवार को मतदान
इस बार बहुकोणीय मुकाबले की उम्मीद
राष्ट्रीय सुरक्षा के मुद्दे ने बटोरी चर्चा
Source : News Nation Bureau