राजस्थान, मध्य प्रदेश और छत्तीसगढ़ में BJP को कांग्रेस ने उसी के फार्मूले से मात दी है. कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और बीजेपी अध्यक्ष अमित शाह के मंत्रों को अपना कर उन्हें तीनों राज्यों से बेदखल कर दिया. छत्तीसगढ़ में जहां कांग्रेस की सुनामी आई तो वहीं मध्य प्रदेश और राजस्थान में मुकाबला कांटे का रहा. आइए जानते हैं मोदी-शाह के वो 3 मंत्र जिसे कांग्रेस ने भुनाया और हासिल की जीत..
पहला मंत्रः बूथ जीतो
बीजेपी अध्यक्ष बनने के बाद अमित शाह ने अगर सबसे ज्यादा किसी चीज पर मेहनत की थी तो वो थ बूथ लेवल पर जीत हासिल करना. एक के बाद एक चुनावों में उन्होंने इस मंत्र के सहारे कई राज्य जीते. पूर्वोत्तर की जीत में बूथ को मजबूत करने के लिए पन्ना प्रमुखों ने अहम भूमिका निभाई थी.
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नमो एप के जरिए बीजेपी ने मतदाताओं को जोड़ा, बूथ लेवल पर वोटों को सहेजा और इसे भुनाया. लेकिन इस चुनाव में बीजेपी के इसी मंत्र को कांगेस ने अपनाया और 'शक्ति’ एप के जरिए बूथ लेवल तक मतदाताओं पर अपनी पकड़ मजबूत की. इसका उद्देश्य बूथ स्तर तक कांग्रेस कार्यकर्ताओं की पहचान करना, नए कार्यकर्ताओं को कांग्रेस से जोड़ना, वोटर को कांग्रेस के पक्ष में लाना और फिर उसे वोटिंग के दिन बूथ तक ले जाना था. कांग्रेस का यह प्रयास रंग लाया और तीनों राज्यों का परिणाम सामने है.
दूसरा मंत्र: उग्र हिंदुत्व
चुनावों के दौरान बीजेपी का मंत्र तुरुप का इक्का साबित होता था. मोदी और शाह ने मंदिरों में मत्था टेकने की जो शुरुआत की उसे राहुल ने लपक लिया. गुजरात और कर्नाटक में यह मंत्र कांग्रेस के लिए बहुत ज्यादा असरदार तो साबित नहीं हुआ लेकिन इस चुनाव में उनका सॉफ्ट हिंदुत्व का कार्ड चल गया. मध्य प्रदेश में राहुल यहां 5 मंदिरों में जाकर 28 सीटों को कवर किया. इनमें से कांग्रेस को 13 पर जीत मिली. राजस्थान में राहुल 3 मंदिरों में गए, इनका 28 सीटों पर प्रभाव है. यहां कांग्रेस को 12 सीटों पर जीत मिली.
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वहीं छत्तीसगढ़ में राहुल सिर्फ 2 मंदिरों में गए. इनका 12 सीटों पर असर था. कांग्रेस को 10 मिली. वहीं शाह जिन 3 राज्यों में मंदिरों में गए उनका 56 सीटों पर प्रभाव, भाजपा को 20 मिलीं. मध्य प्रदेश में अमित शाह 2 मंदिरों में गए, इनका 12 सीटों पर असर है. भाजपा को 5 पर जीत मिली. राजस्थान में यहां 5 मंदिर गए, इनका 29 सीटों पर असर है. भाजपा ने इनमें से 10 पर जीत दर्ज की. छत्तीसगढ़ में शाह राज्य में 3 मंदिर गए 15 सीटों पर असर है. यहां भाजपा को सिर्फ 5 पर जीत मिली.
तीसरा मंत्रः कोई CM कंडीडेट नहीं
नरेंद्र मोदी के पीएम बनने के बाद जितने भी राज्यों में चुनाव हुए अधिकतर में बीजेपी का चेहरा PM मोदी ही थे. चाहे उत्तर प्रदेश हो या हरियाणा, पूर्वोत्तर के राज्य हों या उत्तराखंड, बीजेपी ने किसी भी राज्य में CM कैंडिडेट प्रोजेक्ट नहीं किया. यही काम इस बार कांग्रेस ने किया. राजस्थान, छत्तीसगढ़ और मध्य प्रदेश में कांग्रेस राहुल गांधी के चेहरे पर चुनाव लड़ी. बीजेपी की ओर से राजस्थान में वसुंधराजे सिंधिया, मध्य प्रदेश में शिवराज सिंह चौहान और छत्तीसगढ़ में डॉ रमन सिंह को बतौर मुख्यमंत्री पद के लिए प्रोजेक्ट किया गया था. लेकिन मंत्र उल्टा पड़ गया बाजी मार ली कांग्रेस ने.
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Source : DRIGRAJ MADHESHIA