राजस्थान(Rajasthan) के चुनावी रण में कांग्रेस के पक्ष में चुनाव प्रचार कर रहे वरिष्ठ कांग्रेसी नेता सीपी जोशी को प्रधानमंत्री मोदी और उमा भारती समेत बीजेपी के कई नेताओ की जाति पर टिप्पणी को लेकर चुनाव आयोग ने नोटिस जारी किया था. जिसके बाद कांग्रेस की तरफ से उनके वकील ने निर्वाचन अधिकारी निशा अग्रवाल के सामने अपनी सफाई पेश की. अभिकर्ता द्वारा जवाब पेश कर कहा गया, 'चुनाव आयोग के सामने शिकायतकर्ता के खिलाफ जो सबूत दिखाए गए है वो तोड़-मरोड़ कर पेश किए गए हैं ओर उनके भाषण का गलत मतलब निकाला गया है, कांग्रेस प्रत्याशी का ऐसा कोई इरादा नहीं था.'
बता दें कि सीपी जोशी का एक वीडियो सामने आया था जिसमें वह देश के प्रधामंत्री नरेंद्र मोदी से उनकी जाति पूछ रहे हैं. हालांकि कांग्रेस नेता ने इसके बाद माफी भी मांग ली है.
इस पर बीजेपी के राष्ट्रीय प्रवक्ता सुधांशु त्रिवेदी ने कहा कांग्रेस का स्तर गिर रहा है, विकास की बात करने वाली कांग्रेस जाति की बात कर रही है. अब तो साधू साध्वियों की भी जाति भी पूछी जा रही है. क्या यह बयान गफलत में, सियासत में, शरारत में दिया बयान है. उन्होंने सवाल करते हुए कहा कि जनेऊ धारी राहुल गांधी बताएं आखिर वो अपने नेताओं का क्या सिखा रहे हैं. बयान से लगता है कांग्रेस के नेताओ को हिन्दू धर्म का ज्ञान नहीं हैं.
सुधांशु ने कांग्रेस सवाल करते हुए कहा कि वाल्मीकि कौन थे, संत रैदास कौन थे. उन्होंने सीपी जोशी पर आरोप लगाते हुए कहा था कि उन्होंने भारतीय संस्कृति और हिन्दू धर्म का घोर अपमान किया है.
और पढ़ें: पीएम मोदी बोले - जो जज मुद्दे पर सुनवाई करना चाहते थे, कांग्रेस ने उन्हें डराने का काम किया
गौरतलब है कि वरिष्ठ नेता सीपी जोशी के बयान को लेकर कांग्रेस बैकफुट पर आ गई थी. बयान के सामने आने के बाद कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी ने तत्काल नसीहत दी इसके बाद सीपी जोशी ने अपने बयान पर खेद भी जता दिया था.
सीपी जोशी ने अपने टि्वटर हैंडल पर लिखा था, कांग्रेस के सिद्धांतो एवं कार्यकर्ताओं की भावनाओं का सम्मान करते हुए मेरे कथन से समाज के किसी वर्ग को ठेस पहुंची हो तो मैं उसके लिए खेद प्रकट करता हूं.
Source : News Nation Bureau
सीपी जोशी ने चुनाव आयोग के सामने दी अपनी सफाई, पीएम मोदी पर किया था जातिगत टिप्पणी
वरिष्ठ कांग्रेसी नेता सीपी जोशी को प्रधानमंत्री मोदी और उमा भारती समेत बीजेपी के कई नेताओ की जाति पर टिप्पणी को लेकर चुनाव आयोग ने नोटिस जारी कर दिया है.
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राजस्थान(Rajasthan) के चुनावी रण में कांग्रेस के पक्ष में चुनाव प्रचार कर रहे वरिष्ठ कांग्रेसी नेता सीपी जोशी को प्रधानमंत्री मोदी और उमा भारती समेत बीजेपी के कई नेताओ की जाति पर टिप्पणी को लेकर चुनाव आयोग ने नोटिस जारी किया था. जिसके बाद कांग्रेस की तरफ से उनके वकील ने निर्वाचन अधिकारी निशा अग्रवाल के सामने अपनी सफाई पेश की. अभिकर्ता द्वारा जवाब पेश कर कहा गया, 'चुनाव आयोग के सामने शिकायतकर्ता के खिलाफ जो सबूत दिखाए गए है वो तोड़-मरोड़ कर पेश किए गए हैं ओर उनके भाषण का गलत मतलब निकाला गया है, कांग्रेस प्रत्याशी का ऐसा कोई इरादा नहीं था.'
बता दें कि सीपी जोशी का एक वीडियो सामने आया था जिसमें वह देश के प्रधामंत्री नरेंद्र मोदी से उनकी जाति पूछ रहे हैं. हालांकि कांग्रेस नेता ने इसके बाद माफी भी मांग ली है.
इस पर बीजेपी के राष्ट्रीय प्रवक्ता सुधांशु त्रिवेदी ने कहा कांग्रेस का स्तर गिर रहा है, विकास की बात करने वाली कांग्रेस जाति की बात कर रही है. अब तो साधू साध्वियों की भी जाति भी पूछी जा रही है. क्या यह बयान गफलत में, सियासत में, शरारत में दिया बयान है. उन्होंने सवाल करते हुए कहा कि जनेऊ धारी राहुल गांधी बताएं आखिर वो अपने नेताओं का क्या सिखा रहे हैं. बयान से लगता है कांग्रेस के नेताओ को हिन्दू धर्म का ज्ञान नहीं हैं.
सुधांशु ने कांग्रेस सवाल करते हुए कहा कि वाल्मीकि कौन थे, संत रैदास कौन थे. उन्होंने सीपी जोशी पर आरोप लगाते हुए कहा था कि उन्होंने भारतीय संस्कृति और हिन्दू धर्म का घोर अपमान किया है.
और पढ़ें: पीएम मोदी बोले - जो जज मुद्दे पर सुनवाई करना चाहते थे, कांग्रेस ने उन्हें डराने का काम किया
गौरतलब है कि वरिष्ठ नेता सीपी जोशी के बयान को लेकर कांग्रेस बैकफुट पर आ गई थी. बयान के सामने आने के बाद कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी ने तत्काल नसीहत दी इसके बाद सीपी जोशी ने अपने बयान पर खेद भी जता दिया था.
सीपी जोशी ने अपने टि्वटर हैंडल पर लिखा था, कांग्रेस के सिद्धांतो एवं कार्यकर्ताओं की भावनाओं का सम्मान करते हुए मेरे कथन से समाज के किसी वर्ग को ठेस पहुंची हो तो मैं उसके लिए खेद प्रकट करता हूं.
Source : News Nation Bureau