Rajasthan Assembly Election 2023: राजस्थान में इस बार रिकॉर्ड तोड़ 75.45% वोटिंग हुई है. निर्वाचन विभाग ने शनिवार को हुई वोटिंग के फाइनल आंकड़े रविवार रात जारी कर दिए हैं. इसमें 74.62% वोटिंग EVM से हुई है, जबकि 0.83% पोस्टल बैलट से मतदान हुआ है. पिछली बार से इस बार 0.73% ज्यादा वोटिंग हुई है. 2018 में 74.71% वोटिंग हुई थी. वोटिंग करने में महिलाएं पुरुषों से आगे रही हैं. पुरुषों का वोटिंग प्रतिशत 74.53 रहा, जबकि महिलाओं का वोटिंग प्रतिशत 74.72% रहा है. महिला वोटर्स के ज्यादा वोट करने के सियासी मायने निकाले जा रहे हैं. 2018 में पुरुषों का मतदान प्रतिशत 74.71 और महिलाओं का वोट प्रतिशत 74.67 रहा था.
प्रदेश में 5,25,48,105 कुल वोटर हैं. इनमें से 3,92,11,399 ने ईवीएम के जरिए वोट किया. कुल पुरुष वोटर 2,73,48,999 में से 2,03,83,757 ने वोट डाला है. प्रदेश के कुल 2,51,98,492 महिला वोटर्स में से 1,88,27,294 ने वोटिंग की.
सबसे ज्यादा 88.13% वोटिंग कुशलगढ़ में
प्रदेश में सबसे ज्यादा 88.13 प्रतिशत वोटिंग के साथ बांसवाड़ा का कुशलगढ़ विधानसभा क्षेत्र टॉप पर रहा. पोकरण विधानसभा क्षेत्र 87.79 प्रतिशत के साथ दूसरे नंबर पर है. तिजारा में 86.11, बाड़ी में 84.22, घाटोल में 85.35, निम्बाहेड़ा 85.58, मनोहरथाना में 84.12 प्रतिशत वोट पड़े हैं.
6 जिलों में 80% से ज्यादा वोटिंग
प्रदेश के 6 जिलों में 80% या इससे ज्यादा वोटिंग हुई है. बांसवाड़ा, जैसलमेर, चित्तौड़गढ़, हनुमानगढ़, झालावाड़, प्रतापगढ़ जिलों में 80 फीसदी से ज्यादा वोटिंग हुई है. बांसवाड़ा जिले में 83%, चित्तौड़गढ़ में 80.41%, हनुमानगढ़ में 82.52% और जैसलमेर में 82.32% वोटिंग हुई है.
महिलाओं के ज्यादा वोट करने के मायने
महिलाओं का वोट प्रतिशत ज्यादा रहने के सियासी मायने हैं. कांग्रेस सरकार समर्थक फ्री मोबाइल स्कीम को इसका कारण बता रहे हैं, जबकि बीजेपी समर्थक बढ़ते महिला अपराधों से इसे जोड़कर देख रहे हैं. आमतौर पर महिलाओं का वोट प्रतिशत पहले कम रहता था, लेकिन अब कई चुनावों में महिलाएं पुरुषों से ज्यादा वोट कर रही हैं. सबसे कम वोटिंग 1951 में हुई राजस्थान के इतिहास में सबसे कम वोटिंग 1951 में हुए पहले विधानसभा चुनाव में हुई थी. इस चुनाव में सीटों की संख्या 140 थी, जबकि कुल वोटर्स 76 लाख 76 हजार थे. इनमें से करीब 35.19 प्रतिशत लोगों ने वोट डाला था. इस इलेक्शन में कांग्रेस ने सबसे ज्यादा 82 सीटें जीती थीं. दूसरे नंबर पर निर्दलीय जीते थे. इनकी संख्या 35 थी.
इन विधानसभा क्षेत्रों में सबसे अधिक रहा मतदान प्रतिशत
बसेड़ी विधानसभा क्षेत्र में सर्वाधिक 9.6 प्रतिशत, तारानगर में 7.65 प्रतिशत, आसपुर में 7.01 प्रतिशत मतदान में बढ़ोतरी हुई. वहीं, फलौदी में मतदान प्रतिशत में सबसे अधिक 7.15 प्रतिशत, हिंडौन में 6.10 प्रतिशत और जैसलमेर में 4.79 प्रतिशत की गिरावट दर्ज की गई. सबसे अधिक वोटिंग 1967 में हुई बीते 15 विधानसभा चुनाव में सबसे अधिक वोटिंग 1967 में हुई थी. इस इलेक्शन में सीटों की संख्या 184 थी, जबकि कुल वोटर्स करीब 80 लाख 79 हजार थे. इनमें से 87.93 प्रतिशत ने अपने मताधिकार का प्रयोग किया था. चुनाव में सबसे ज्यादा 89 सीटें कांग्रेस ने जीती. भारतीय जनसंघ (अब भाजपा) ने 22 सीटों पर चुनाव जीता था. वहीं, स्वतंत्र पार्टी ने 48 सीटें जीतीं.
Source : News Nation Bureau