पिछले चुनाव में अपनी संपत्ति घोषित करने वाले मध्य प्रदेश के सबसे अमीर 5 विधायकों से ज्यादा दौलत एक ऐसे विधायक के पास है जिसका नाता तो इस राज्य से है, लेकिन चुनाव लड़ता है पड़ोसी राज्य से. इतना ही नहीं वह 2013 में मध्य प्रदेश, राजस्थान, दिल्ली और मिजोरम में चुने के गए सभी विधायकों में भी सबसे ज्यादा दौलत उन्हीं के पास है.
हम बात कर रहे हैं छत्तीसगढ़ विधानसभा के नेता प्रतिपक्ष त्रिभुवनेश्वर शरण सिंहदेव की. वह सरगुजा रियासत के राजा हैं. यहां लोग उन्हें प्यार से टीएस बाबा बुलाते हैं. टीएस बाबा के पास 500 करोड़ से अधिक की संपत्ति है. इतनी बड़ी रियासत के मालिक होने के बावजूद टीएस सिंहदेव की बेहद सादगी से रहते हैं. वह हमेशा सादे कुर्ते-पायजामे में ही नजर आते हैं.
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पांच विधायकों की कुल दौलत 424 करोड़
मध्य प्रदेश के 2013 के चुनावों में सर्वाधिक घोषित संपत्ति वाले मुख्य 5 विधायकों में विजयराघवगढ़ से बीजेपी विधायक संजय पाठक (141 करोड़ रु.), रतलाम सिटी से बीजेपी विधायक चेतन कश्यप (120 करोड़ रु.) तथा तेंदूखेड़ा विधायक संजय शर्मा (65 करोड़ रु.), पिछोर से कांग्रेस विधायक के पी सिंह कक्काजू (60 करोड़), भोजपुर से बीजेपी विधायक सुरेन्द्र पटवा (38 करोड़) शामिल हैं. इन पांचों की कुल दौलत 424 करोड़ टीएस बाबा की दौलत से काफी कम है.
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पिछले चुनाव में अंबिकापुर विधानसभा सीट से कांग्रेस टिकट पर त्रिभुवनेश्वर शरण सिंहदेव ने चुनाव लड़ा और जीता भी. वह नेता प्रतिपक्ष भी हैं और सियासी हलकों में चर्चा है कि अगर छत्तीसगढ़ में कांग्रेस की सरकार बनी तो मुख्यमंत्री वही बनेंगे. टीएस बाबा ने चुनाव के दौरान 514 करोड़ की संपत्ति का शपथपत्र दिया था. अंबिकापुर क्षेत्र में जहां तक नजर जाती है, वहां तक इनकी मालिकाना हक़ वाले मकान, सरकारी इमारतें, यात्रियों के लिए बनाए गए सराय, हॉस्पिटल, स्कूल या खेत दिख जायेंगे.
मध्य प्रदेश की वर्तमान विधानसभा में 72 प्रतिशत विधायक करोड़पति
इलेक्शन वॉच और एसोसिएशन फॉर डेमोक्रेटिक रिफार्मस (एडीआर) के मुताबिक मध्य प्रदेश की वर्तमान विधानसभा में 72 प्रतिशत विधायक करोड़पति हैं. पिछली विधानसभा (2008) में ये संख्या महज 38 प्रतिशत थी. ये आंकड़े वर्तमान विधानसभा के 230 विधायकों में से 225 की शपथ पत्र में घोषित संपत्ति के विश्लेषण के बाद जारी किए गए हैं
बीजेपी के विधायक सबसे अमीर, कांग्रेसी भी पीछे नहीं
इन आंकड़ों के मुताबिक, बीजेपी के 162 विधायकों में से 118 (73 प्रतिशत) विधायक करोड़पति हैं, जबकि कांग्रेस के 56 में से 40 (71 प्रतिशत) विधायक करोड़पति हैं. निर्दलीय 3 में से 2 और बीएसपी के 4 विधायकों में से 1 करोडपति है. मध्य प्रदेश की 2013 की विधानसभा में प्रति विधायक औसत संपत्ति 5.24 करोड़ रुपए है, जबकि यह 2008 में 1.44 करोड़ थी. बीजेपी में प्रति विधायक औसत संपत्ति 5.37 करोड़ रुपए, वहीं कांग्रेस में प्रति विधायक औसत संपत्ति 4.95 करोड़ रुपए है. बसपा विधायकों की औसत संपत्ति 3.22 करोड़ रुपए है.
बीजेपी विधायक ऊषा ठाकुर सबसे गरीब, संजय पाठक सबसे बड़े कर्जदार
इंदौर-3 विधानसभा क्षेत्र से बीजेपी विधायक ऊषा ठाकुर ने सबसे कम संपत्ति (1.38 लाख रुपए) की घोषणा की है. कुल 21 विधायकों ने एक करोड़ रुपए या उससे ज्यादा की देनदारी की घोषणा की है. कर्जदारों में सबसे बड़े विजयराघवगढ़ से बीजेपी विधायक संजय पाठक हैं. उन पर 58 करोड़ रुपए की देनदारी है.
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इस मामले में दूसरे नंबर पर हैं भोजपुर से बीजेपी विधायक सुरेंद्र पटवा, जिनके ऊपर 34 करोड़ की देनदारी है. उज्जैन दक्षिण से बीजेपी विधायक डॉ. मोहन यादव का नाम इस मामले में तीसरे नंबर पर है. उनपर कुल देनदारी 5 करोड़ की है.
Source : DRIGRAJ MADHESHIA