हरियाणा में विधानसभा चुनाव (Haryana Assembly Election 2019) के लिए छिड़े समर में बगावत का सिलसिला थमने का नाम ही नहीं ले रहा. कांग्रेस के वरिष्ठ नेता संपत सिंह (Sampat Singh) ने कांग्रेस का हाथ छोड़कर बीजेपी (BJP) में शामिल हो गए हैं. मीडिया रिपोर्टस के मुताबिक उन्होंने गृहमंत्री अमित शाह के सामने बीजेपी (BJP) की सदस्या ली. पहले इनेलो तो फिर कांग्रेस में रह 6 बार विधायक बने वरिष्ठ नेता संपत सिंह (Sampat Singh) ने सोमवार को कांग्रेस पार्टी छोड़ दी थी. संपत सिंह (Sampat Singh) कांग्रेस की तरफ से उम्मीदवारी नहीं दिए जाने से पार्टी नेतृत्व से नाराज चल रहे थे.
कांग्रेस का दामन छोड़ने से पहले संपत सिंह पूर्व मुख्यमंत्री भजन लाल के बेटे कुलदीप बिश्नोई पर जमकर बरसे. सोमवार को उन्होंने कहा, 'जिस परिवार को चुनावों में मैंने पटखनी दी थी, आज उसी परिवार ने मेरी टिकट कटवा दी.' पार्टी से बगावत का झंडा बुलंद कर चुके संपत सिंह रविवार को रोहतक में मुख्यमंत्री मनोहर लाल खट्टर से भी मिले थे.
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सोमवार को हिसार में प्रेस कॉन्फ्रेंस कर संपत सिंह ने कहा था कि जो बड़े नेता उन्हें कांग्रेस पार्टी में लेकर आए, वह नेता भी आज उनसे दूरी बनाए हुए हैं. न टिकट कटते समय फोन किया और न टिकट कटने के बाद एक फोन किया. मेरा अब कांग्रेस में मन नहीं लग रहा. मैं घुटन महसूस कर रहा हूं. कांग्रेस में छह-सात मठाधीश हैं. ऐसा लगता है इन मठाधीशों ने खुद एमएलए बनने के लिए बीेजेपी (BJP) को बाकी सीटें गिफ्ट कर दी हैं. हिसार में भी छह टिकटें कांग्रेस ने बीेजेपी (BJP) की झोली में डाल दी गई नजर आती हैं. जिन लोगों ने पांच साल ग्राउंड लेवल पर काम किया, उन लोगों के टिकट काट दिए गए हैं.
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संपत सिंह ने प्रेस वार्ता के दौरान संपत सिंह ने आरोप लगाते हुआ कहा था कि भूपेंद्र सिंह हुड्डा को 51, कुमारी सैलजा को 15, अशोक तंवर को 6, रणदीप सुरजेवाला को 5, किरण को 3, अजय सिंह को 4, सावित्री जिंदल को 1 और कुलदीप बिश्नोई के नाम पांच टिकट बांटी गईं. इनके कहने पर ही प्रत्याशियों का चुनाव हुआ.
कौन हैं संपत सिंह
संपत सिंह प्रदेश के तीन लाल देवीलाल, बंसीलाल और भजन लाल के साथ काम कर चुके हैं. प्रदेश के गृहमंत्री और वित्तमंत्री जैसे बड़े पदों पर रह चुके हैं. नलवा विधानसभा से भजन लाल की पत्नी जसमा देवी को बड़े अंतर से हरा चुके हैं.