दिल्ली की सत्ता पर आम आदमी पार्टी (AAP) अगले पांच साल के लिए फिर बैठने जा रही है. बीजेपी और कांग्रेस को हराकर वो फिर से दिल्ली की कमान थामने जा रही है. इस चुनाव में जिस पार्टी की सबसे ज्यादा दुर्दशा हुई है वो है कांग्रेस की. जो कुछ साल पहले ही शीला दीक्षित के नेतृत्व में लगातार 15 साल शासन कर चुकी है. उसकी पिछली बार की तरह इस बार फिर खाता नहीं खुला. कांग्रेस नेता संदीप दीक्षित ने हार पर प्रतिक्रिया देते हुए कहा कि कांग्रेस का प्रदर्शन चौंकाने वाला नहीं है. हम इस चुनाव में कहीं नहीं थे.
शीला दीक्षित के बेटे संदीप दीक्षित ने कहा, ' कांग्रेस का प्रदर्शन आश्चर्यजनक नहीं है...हम कहीं नहीं थे. हमने शीला जी द्वारा किए गए काम को दिखाने की कोशिश की. लेकिन यह कोशिश देर से शुरू हुई. क्योंकि सुभाष चोपड़ा जी को जिम्मेदारी देर से दी गई थी.
इसके साथ ही उन्होंने कांग्रेस के कुछ नेताओं पर आरोप लगाते हुए कहा, 'पार्टी के कुछ वरिष्ठ नेताओं ने पिछले 6-7 साल में शीला जी का अपमान किया. उनका अपमान तब भी किया गया जब वो सत्ता में थीं. यदि आप एक तरह कांग्रेस को हरवाते हैं और फिर दूसरी तरह कांग्रेस के किए गए काम का दावा करते हैं तो आप पर कौन विश्वास करेगा?
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बता दें कि खबर लिखें जाने तक आम आदमी पार्टी 63 सीटों और बीजेपी 7 सीटों पर आगे है. कांग्रेस 0 पर आगे है. पिछले चुनाव 2015 में भी कांग्रेस का खाता नहीं खुला था. कांग्रेस को महज 9.7 फीसदी वोट मिले थे. इस बार और कांग्रेस का वोट प्रतिशत गिरता नजर आ रहा है.