चुनाव आचार संहिता लगने के बाद मध्य प्रदेश में नगदी पकड़े जाने के मामले बढ़ते जा रहे हैं. एक लाख से अधिक नगद राशि लेकर चलने पर इसे जब्त करने के आदेश हैं. यह रकम चुनाव के बाद ही वापस मिल पाएगी. यदि रकम 10 लाख से अधिक हुई तो मामला इनकम टैक्स विभाग तक जाता है. मध्य प्रदेश में आचार संहिता तक 50 हजार से ज्यादा रकम, सोना-चांदी जैसी कीमती वस्तु के लाने ले जाने को चुनाव आयोग यही मानेगा कि इस रकम का इस्तेमाल राजनीतिक लाभ के लिए हो सकता है.
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अगर आप घर, दुकान या ऑफिस से 50 हजार या उससे अधिक की नगद रकम चेक या जेवर लेकर निकल रहे हैं तो इससे संबंधित दस्तावेज साथ रखें. फोन पर आया ट्रांजेक्शन का मैसेज, एटीएम की स्लिप, खरीद-फरोख्त की रसीद जैसे कागजात मान्य होंगे. रकम को व्यक्तिगत साबित करने के लिए पुलिस-प्रशासन को उसकी वैधता बताने वाले दस्तावेज से संतुष्ट करना होगा. हलांकि व्यापारियों की मानें तो हर बार कैश का हिसाब लेकर चलना संभव नहीं होता.
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रकम जब्त होने पर सीधे जा सकते हैं कोर्ट
- जब्त होने के बाद यह कार्रवाई पुलिस चेकिंग के दौरान मिले रुपयों, जेवर और चेक अवैधानिक मानकर 41 (2) के तहत जब्ती बनाती है. रुपए जब्त होने पर पीड़ित सीधे कोर्ट भी जा सकता है. वह सोर्स बताकर रुपए वापस ले सकता है.
- नियमानुसार 50 हजार से अधिक राशि बैंक में जमा करने या पास होने पर पैन कार्ड होना आवश्यक है. आपके पास मिली राशि आपके द्वारा आईटी विभाग को टैक्स के बारे में दी गई जानकारी के अनुरूप होना चाहिए.
- इनकम टैक्स की लिमिट 10 लाख है, लेकिन चुनाव के दौरान हम 50 हजार रुपए से अधिक की रकम होने पर उसकी जांच होती है. चेक जब्त नहीं करते हैं, लेकिन अगर वह कैश के साथ मिलता है, तो जांच के बाद उससे जब्त करते हैं.
Source : News Nation Bureau