महाराष्ट्र-हरियाणा विधानसभा चुनाव के अब तक आए रुझानों से दोनों राज्यों की तस्वीर लगभग साफ हो चुकी है. महाराष्ट्र में जहां बीजेपी-शिवसेना गठबंधन को रुझानों में बहुमत मिल गया है, वहीं हरियाणा में अब तक किसी भी पार्टी को बहुमत नहीं मिला है. इसी बीच एनसीपी अध्यक्ष शरद पवार ने प्रेसवार्ता में कहा कि विपक्ष में बैठना मंजूर है, लेकिन हम शिवसेना से हाथ नहीं मिलाएंगे.
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महाराष्ट्र में कांग्रेस-एनसीपी को मिले जनादेश पर शरद पवार ने कहा कि जो भी निर्णय जनता ने दिया है उसे एनसीपी दिल से स्वीकारती है. एनसीपी और कांग्रेस के कार्यकर्ताओं ने मिलकर काम किया है उसका आभार मानता हूं. इस बार के चुनाव में मर्यादाओं को भी तोड़ा गया, जिस पर बाद में बात करेंगे. उन्होंने आगे कहा कि सतारा की जनता का मैं शुक्रगुजर हूं कि उन्होंने श्रीनिवास पाटिल को मतदान किया. मैं वहां जाकर लोगों का धन्यवाद करूंगा.
उन्होंने आगे कहा कि राज्य के सब इलाकों में मैं गया और युवाओं को एनसीपी से जोड़ा, जिसका काफी फायदा मिला. आगे भी मैं इस अभी अभियान को और व्यापक तरीके से बढ़ाऊंगा. 220 का आंकड़ा जो रूलिंग पार्टी ने खुद के लिए रखी थी, लेकिन विपक्ष को इस बार जनता ने अच्छा सहयोग किया है. हम इसके आगे भी जाने की इच्छा रखते थे.
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शरद पवार ने आगे कहा कि इस चुनाव में हमने ये देखा कि सरकार बनाने के बाद अपने पैर हमेशा जमीन पर रखना चाहिए, लेकिन हमने ये देखा कि विपक्ष के दमन के लिए निचले स्तर पर गए. इसे जनता ने समर्थन नहीं दिया. हमें विपक्ष में बैठना मंजूर है, लेकिन सरकार बनाने को लेकर हम किसी भी हाल में शिवसेना के साथ हाथ नहीं मिलाएंगे. इस मौके पर शरद पवार के साथ प्रफुल पटेल भी मौजूद थे.
उन्होंने आगे कहा कि शरद पवार की राजनीति खत्म हो गईं है अब ऐसा बोलने वाले लोगों को जनता ने जवाब दिया है और उन लोगों के पास बात करने के लिए कोई और मुद्दा नहीं होगा, इसलिए वो ऐसा बोल रहे हैं. ईडी का दुरुप्रयोग या सत्ता का दुरुपयोग किया गया इसका नतीजा चुनाव में जनता ने दिया है.