मध्य प्रदेश में 28 नवंबर को 230 सीटों पर वोट डाले जाएंगे. चुनावी घमासान में बीजेपी और कांग्रेस के स्टार प्रचारकों का जमावड़ा इस समय राज्य में लगा हुआ है. बीजेपी के लिए जहां खुद प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी वोटरों को रिझा रहे हैं तो वहीं राहुल गांधी कांग्रेस का वनवास खत्म करने के लिए पसीना बहा रहे हैं. मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान धुआंधार चव प्रचार कर रहे हैं तो कांग्रेस के लिए ज्योतिरादित्य सिंधिया और कमलनाथ वोटरों को लुभाने में लगे हैं.
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इधर बीजेपी के फायर ब्रांड नेता और उत्तर प्रदेश के CM भी मध्य प्रदेश में अपना जादू बिखेर रहे हैं. अगर बात गूगल ट्रेंड की करें तो पिछले साज दिनो में CM शिवराज सिंह चौहान सबसे ज्यादा खोजे गए. राज्य में 42 फीसद लोगों ने शिवराज में रुचि दिखाई. वहीं इस दौरान 17 फीसद लोगों ने ज्योतरादित्य और केवल 9 फीसद लोगों ने योगी आदित्यनाथ में रुचि दिखाई है.
योगी का मध्य प्रदेश के 28 जगहों से नाता
मध्य प्रदेश के समर में यूं तो विभिन्न पाटिर्यों के दिग्गज नेता मतदाताओं को रिझाने में कोई कसर नहीं छोड़ेंगे. प्रत्याशी हो या स्टार प्रचारक, वोटरों को लुभाने के लिए वे उनसे कोई न कोई नाता जोड़ ही लेते हैं. चाहे वह भाषा से हो या बोली से या फिर स्थान के नाम से, लेकिन उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ का नाता मध्य प्रदेश के 28 स्थानों से जुड़ा है.
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योगी आदित्यनाथ बीजेपी के स्टार प्रचारक हैं. उन्होंने गुजरात और कनार्नाटक के विधानसभा चुनाव में कई हिन्दू मतों को सहेजा था. मध्यप्रदेश के इस विधानसभा चुनाव में उनकी भूमिका अहम होगी. योगी सीएम होने के साथ-साथ गोरक्षपीठ के महंत भी हैं. गोरक्षपीठ नाथ साम्प्रदाय का आस्था का प्रमुख केंद्र है और बाबा गोरखनाथ के नाम पर ही शहर का नाम गोरखपुर पड़ा. गोरखपुर से मध्यप्रदेश का बहुत लगाव है. शायद यही वजह है कि देशभर में गोरखपुर नाम से 51 गांव-क़स्बों में से 28 सिर्फ मध्यप्रदेश में हैं.
राज्य में सबसे ज्यादा गोरखपुर नाम से गांव और कस्बे सिवनी जिले में
राज्य में सबसे ज्यादा गोरखपुर नाम से गांव और कस्बे सिवनी जिले में हैं. यहां कुल आठ स्थानों के नाम बाबा गोरखनाथ पर गोरखपुर पड़ा है. धनोरा, घंसौर, छपरा, बरघाट, कैलारी तहसील में गोरखपुर नाम के गांव हैं. इसके बाद नंबर आता है डिंडौरी जिले का. यहां छह गांवों के नाम गोरखपुर है. इसके अलावा पश्चिम निमर, रायसेन, नरसिंहपुर, बालाघाट, छिंदवाड़ा, मंडला और जबलपुर जिले में भी आपको गोरखपुर नाम के शहर या कस्बे का बोर्ड मिल जायेगा।
अपने गांव-कस्बे के नाम के शहर गोरखपुर से कोई नेता उत्तर प्रदेश जैसे बड़े राज्य का मुख्यमंत्री हो तो लोगों का झुकाव योगी की तरफ होना लाज़मी है. ये अलग बात है कि योगी आदित्यनाथ इस लगाव को वोटों में कैसे बदल पाएंगे ये तो आने वाला वक़्त तय करेगा.
Source : DRIGRAJ MADHESHIA