मध्य प्रदेश में शिवराज सिंह चौहान की सरकार एक बार फिर क़र्ज़ लेने की तैयारी में है. 5 दिसंबर को होने वाली कैबिनेट मीटिंग से पहले सरकार अपने खर्चे के लिए करीब 800 करोड़ रुपए का क़र्ज़ लेने की तैयारी में है. सरकार इसके लिए नोटिफिकेशन भी जारी कर रही है. अब तक शिवराज सरकार करीब 1,75,000 करोड़ का कर्ज ले चुकी है. सरकार के इस कदम में आचार संहिता भी आड़े नहीं आती है और सरकार अपने खर्चों के लिए इस तरह का क़र्ज़ ले सकती है.
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मप्र सरकार पर मार्च 2017 तक डेढ़ लाख करोड़ रुपए से ज्यादा का कर्ज है। इस वित्तीय वर्ष में मप्र सरकार बाजार से साढ़े ग्यारह हजार करोड़ रुपए का कर्ज ले चुकी है। जबकि राज्य सरकार 2017-18 में 23 हजार करोड़ रुपए तक लोन ले सकती है। इससे पहले चार से पांच बार किस्तों में बाजार से कर्ज लिया जा चुका है।
ज्यादा चुकानी होगी ब्याज दर
अधिकारियों के मुताबिक राज्य सरकार ने वित्तीय वर्ष के अंतिम महीनों में कर्ज लिया है, इसलिए सरकार को ज्यादा ब्याज दर चुकानी होगी। आमतौर पर सरकार पहली तीन तिमाही में ही जरूरत के मुताबिक कम ब्याज दरों पर लोन लेती है। गौरतलब है कि जीएसटी के बाद चरमराई राजस्व व्यवस्था की वजह से सरकार के पास फंड की कमी है। वहीं राज्य के लगातार बढ़ते खर्चों के चलते सरकार कर्ज लेने को मजबूर हुई है।
वित्तीय वर्ष 2017-18 में कब-कितना लिया कर्ज
- तारीख लोन राशि
- 18 अगस्त 1000 करोड़
- 8 सितंबर 2000 करोड़
- 22 सितंबर 2000 करोड़
- 27 अक्टूबर 2000 करोड़
- 19 जनवरी 2000 करोड़
Source : NEERAJ SRIVASTAV