सिलचर विधानसभा सीट असम (Silchar Assembly Seat) की महत्वपूर्ण विधानसभा सीट है, इस विधानसभा सीट पर साल 2016 में हुए विधानसभा चुनावों में भारतीय जनता पार्टी (BJP) ने जीत दर्ज की थी. इस बार सिलचर विधानसभा सीट के परिणाम किस पार्टी के पक्ष में होंगे, यह जनता को तय करना है. न्यूज नेशन टीवी डॉट कॉम (NewsNationTV.com) आपके लिए लाया है असम विधानसभा सीटों के बारे में विस्तृत कवरेज, जिसमें आप विधानसभा सीट पर प्रत्याशियों की सूची, पार्टी प्रचार व अन्य खबरों के साथ-साथ जान सकेंगे यहां के विजेता, उपविजेता, वोट शेयर के बारे में जान सकेंगे.
आपको बता दें कि सिलचर विधानसभा सीट असम के महत्वपूर्ण विधानसभा सीटों में से एक है. साल 2016 में सिलचर विधानसभा सीट पर कुल 75 फीसदी वोटिंग हुई थी. 2016 में भारतीय जनता पार्टी से दिलीप कुमार पॉल ने इंडियन नेशनल कांग्रेस के बिथिका देव को 39,920 वोटों के अंतर से हराया था. इस चुनाव में तीसरे नंबर पर सीपीएम की सुप्रिया भट्टाचार्य रहीं थी जिन्हें 1,961 वोट मिले थे.
चुनाव के लिए महत्वपूर्ण तिथियां
पहला चरण (47 सीट)
नोटिस जारी होने की तिथिः 2 मार्च
नामांकन की अंतिम तिथिः 9 मार्च
नामांकन जांचने की तिथिः 10 मार्च
नाम वापस लेने की तिथिः 12 मार्च
वोटिंग की तिथिः 27 मार्च
दूसरा चरण (39 सीट)
नोटिस जारी होने की तिथिः 5 मार्च
नामांकन की अंतिम तिथिः 12 मार्च
नाम वापस लेने की तिथिः17 मार्च
वोटिंग की तिथिः 1 अप्रैल
तीसरा चरण (40 सीट)
नोटिस जारी होने की तिथिः 12 मार्च
नामांकन की अंतिम तिथिः 19 मार्च
नामांकन जांचने की तिथिः 20 मार्च
नाम वापस लेने की तिथिः 22 मार्च
वोटिंग की तिथिः 6 अप्रैल
मौजूदा विधानसभा की स्थिति (प्रदेश/सीटें)
बीजेपी/ 60
एजीपी /14
कांग्रेस/ 26
एआईयूडीएफ/ 13
बीओपीएफ/ 12
अन्य/ 1
क्या है सीटों की स्थिति
असम में विधानसभा की 126 सीटें हैं. साल 2016 के चुनाव में बीजेपी को यहां पहली बार सरकार बनाने का मौका मिला था. सर्वानंद सोनोवाल के नेतृत्व में भगवा पार्टी ने 15 साल से सत्ता में काबिज कांग्रेस सरकार को उखाड़ फेंका था. बीजेपी को 60 सीटों पर जीत मिली थी. वहीं कांग्रेस को 26 सीटें मिली थीं. बीजेपी की सहयोगी असम गण परिषद ने 14 सीटें हासिल की थीं.
चुनावी में हावी रहेंगे ये मुद्दे
बीजेपी ने पहली बार असम में साल 2016 में सरकार बनाई थी. सत्ता में रहने के बाद इस बार जब बीजेपी चुनाव में जाएगी तो उस पर पांच साल के कामों का हिसाब देने का दबाव होगा. ऐसे में प्रदेश के विकास के मुद्दे बीजेपी के लिए ज्यादा अहम होंगे. कांग्रेस क्षेत्रीयता के मुद्दे और एनआरसी को लेकर बीजेपी सरकार को घेरने की कोशिश कर सकती है. संसद में सीएए पास होने के बाद असम में इसका सबसे ज्यादा विरोध किया गया था. इसके अलावा प्रदेश में एनआरसी रजिस्टर में गड़बड़ियों को लेकर भी बीजेपी की सरकार लगातार निशाने पर रही है. ऐसे में इन मुद्दों पर बीजेपी रक्षात्मक मोड में हो सकती है. वहीं कांग्रेस इसका फायदा उठाने की पूरी कोशिश करेगी.
HIGHLIGHTS
- असम में विधानसभा में हैं 126 सीटें
- 2 मार्च से शुरू हो रहे हैं विधानसभा चुनाव
- सिलचर पर मौजूदा समय बीजेपी का कब्जा