राजधानी दिल्ली से सटे गाजियाबाद में राष्ट्रीय लोकतांत्रिक दल प्रमुख जयंत चौधरी के साथ संयुक्त प्रेस कांफ्रेंस के दौरान उत्तर प्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री और समाजवादी पार्टी के अध्यक्ष अखिलेश यादव ने कहा कि हमारे गठबंधन का कार्यक्रम हो रहा है. दोनों नेताओं ने यहां एक साथ लाल पोटली लेकर अन्न संकल्प लिया. उन्होंने कहा कि यह विरासत को बचाने का चुनाव है. यूपी चुनाव के लिए प्रचार अभियान के तहत दौरा कर रहे अखिलेश में केंद्र सरकार पर हमले के साथ भाषण की शुरुआत की. उन्होंने कहा कि किसान अपमानित हुए थे और उनकी बहादुरी और साहस से कृषि कानून वापस हुए हैं.
अखिलेश यादव ने कहा कि केंद्र सरकार की नाकामी के कारण देश गरीब हो रहा है और गरीबों की संख्या बढ़ रही है. उन्हें इस साल यूपी से नहीं असली सरप्राइज तो गुजरात से मिलेगा. अखिलेश ने कहा कि साल 2020 में कोरोना संक्रमण के दौर में मजदूर अपने घर पैदल ही जाने के लिए मजबूर हुए थे. बहुत से मजदूर तो घर तक नहीं पहुंच पाए. घर के रास्ते में ही 90 से ज्यादा मजदूरों की जान चली गई. सपा और रालोद ने लोगों की मदद की. सपा ने लोगों को मदद के तौर पर 1-1 लाख रुपये दिए थे.
खोले जाएंगे बंद पड़े साइकिल कारखाने
किसान आंदोलन की याद दिलाते हुए अखिलेश यादव ने कहा कि किसान बार्डर पर पहुंचे तो कील लगा दी गई. बावजूद इसके किसानों ने सर्दी, गर्मी, बरसात की परवाह नहीं की और दिल्ली के बार्डर पर डटे रहे. आखिरकार तीनों केंद्रीय कृषि कानून वापस हुए. उन्होंने किसानों को इसके लिए बधाई भी दी. अखिलेश यादव ने गाजियाबाद को लेकर कहा कि ये यूपी का बड़ा शहर है. यहां के लोगों का पेट अन्नदाता भर रहा है. लोग अन्नदाता के पक्ष में मतदान कर रहे हैं. हम नकारात्मक पालिटिक्स को हम खत्म करना चाहते हैं. हम सब एक हैं. गंगा, जमुनी तहजीब को आगे बढ़ाएंगे. उद्योगों को मदद की जाएगी. एमएसएमई सेक्टर के लिए अलग से पैकेज लाएंगे. साईकिल के बंद कारखाने खोले जाएंगे.
HIGHLIGHTS
- अखिलेश यादव ने कहा कि किसान बार्डर पर पहुंचे तो कील लगा दी गई
- दोनों नेताओं ने यहां एक साथ लाल पोटली लेकर अन्न संकल्प लिया
- अखिलेश ने कहा कि केंद्र सरकार की नाकामी के कारण देश गरीब हो रहा