मेट्रो मैन ऑफ इंडिया के तौर पर पहचाने जाने वाले डॉ. ई. श्रीधरन ने राजनीति में भले ही देर से प्रवेश किया हो, मगर उन्हें मध्य और उच्च वर्ग से भारी प्रतिक्रिया मिल रही है. वहीं, सत्तारूढ़ वाम लोकतांत्रिक मोर्चा (एलडीएफ) और विपक्ष युनाइटेड डेमोक्रेटिक फ्रंट (यूडीएफ) ने उनके राजनीति में प्रवेश करने को लेकर कड़ी आलोचना की है. दूसरी ओर, भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) इस विश्वास के साथ काम कर रही है कि उनकी केरल इकाई में एक ऐसे व्यक्ति का प्रवेश हुआ है, जिनकी भूमिका काफी महत्वपूर्ण हो सकती है, क्योंकि उन्हें लेकर एक राष्ट्रीय अपील भी है.
भाजपा की ओर से केरल की राजनीति में कदम रखने वाले मेट्रोमैन श्रीधरन ने एक संक्षिप्त साक्षात्कार में आईएएनएस से बात की है. पेश है उनसे बातचीत के कुछ प्रमुख अंश...
प्रश्न : आप राजनेता के रूप में एक नई भूमिका में दिखाई दिए हैं, यह सब कैसे हुआ?
उत्तर : भाजपा में शामिल होने और केरल विधानसभा चुनाव लड़ने का निर्णय अचानक हुआ, लेकिन यह राज्य में अच्छे और स्वच्छ शासन लाने के लिए एक ²ढ़ उद्देश्य के साथ हुआ है.
प्रश्न : पलक्कड़ सीट से आपकी क्या उम्मीदें हैं?
उत्तर : मुझे विश्वास है कि मैं आराम से एक अच्छे अंतर के साथ यह सीट जीतूंगा.
प्रश्न : आपके भाजपा में शामिल होने के बाद, पार्टी ने केरल में विशेष तौर पर सम्मान प्राप्त किया है, इस पर आप क्या कहेंगे?
उत्तर : भाजपा ने पूरे देश में ही सम्मान और विश्वास अर्जित किया है, अन्यथा लोगों ने इसे 2019 में वोट नहीं दिए होते और प्रचंड बहुमत के साथ दूसरी बार सत्ता में नहीं चुना जाता. कोई संदेह नहीं कि मेरे भाजपा में शामिल होने से, इसके केरल मोर्चे को अपनी छवि में अच्छी बढ़त मिली.
प्रश्न : अगर पर निर्वाचित होते हैं तो पलक्कड़ के लिए आपकी प्राथमिकताएं क्या होंगी?
उत्तर : मैंने पहले ही अगले 20 वर्षों के लिए पलक्कड़ के लिए एक मास्टर प्लान तैयार किया है, जिसमें प्राथमिकताएं हैं - चौबीसों घंटे पीने के पानी की आपूर्ति सुनिश्चित करना, ठोस अपशिष्ट प्रबंधन के लिए सुविधाएं स्थापित करना, शहर को एक ग्रीन कवर प्रदान करने के लिए बड़े पैमाने पर वनीकरण, बेहतर सड़कें और एक सार्वजनिक परिवहन प्रणाली, चिकित्सा एवं शैक्षिक सुविधाओं को उन्नत करना और रोजगार के अवसर प्रदान करने के लिए उद्योगों को जिले में लाना.
प्रश्न : पहली बार आप किसी चुनावी गतिविधि में सक्रिय रूप से शामिल हुए हैं, इसे लेकर आपका अनुभव क्या रहा है?
उत्तर : चुनावी आंदोलन एक आरामदायक और आसान मामला है, क्योंकि भाजपा ने इस उद्देश्य के लिए एक मजबूत और प्रभावी समर्थन प्रदान किया है.
प्रश्न : प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के अधीन भारत सरकार लोगों के कल्याण के लिए कई अच्छी योजनाएं चला रही है. क्या आपको लगता है कि केरल में इन्हें लागू करने में राज्य सरकार विफल रही?
उत्तर : राज्य सरकार न केवल केंद्रीय योजनाओं को ईमानदारी से लागू करने में विफल रही, बल्कि कुछ योजनाओं का श्रेय भी उन्होंने राज्य योजनाओं के रूप में लिया. हर समय राज्य सरकार केंद्र के साथ खींचतान में लगी रही. इस प्रकार राज्य ने विकास का एक अच्छा अवसर खो दिया - जैसे अखिल भारतीय आयुर्विज्ञान संस्थान खोना.
प्रश्न : जब आपने राजनीति में प्रवेश किया तो कठोर आलोचनाएं भी हुईं. आपको इससे कैसा लगा?
उत्तर : मुझे नहीं लगता कि आलोचनाएं कठोर थीं. स्पष्ट रूप से एलडीएफ और यूडीएफ के एक वर्ग को यह विचार पसंद नहीं आया, क्योंकि यह उनके पारंपरिक वोटों पर असर डालेगा.