भले ही बीजेपी (BJP) और शिवसेना (Shiv Sena) के बीच मुख्यमंत्री पद को लेकर खींचतान चल रही हो, लेकिन सुब्रमण्यम स्वामी (Subramanyam Swami) ने पार्टी की राय से अलग जाते हुए कहा कि बाला साहब ठाकरे (Bala Sahab Thakrey) भी चाहते थे कि उनके परिवार का कोई सदस्य मुख्यमंत्री बने. आदित्य ठाकरे (Aditya Thakrey) में वह तमाम गुण हैं जो मुख्यमंत्री की योग्यता रखते हैं. आदित्य ठाकरे के पास अगर अनुभवी मंत्रिमंडल (Cabinet) हो तो वह महाराष्ट्र सरकार (Maharashtra Govt) आसानी से चला सकते हैं. आदित्य ठाकरे में राहुल गांधी (Rahul Gandhi) से 10 गुना अधिक योग्यता है.
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दूसरी ओर, यूरोपियन यूनियन के डेलिगेशन को लेकर स्वामी ने कहा कि ऐसे प्रतिनिधिमंडलों से भारत की संप्रभुता पर कोई फर्क नहीं पड़ता. जहां तक सऊदी अरब के दौरे का सवाल है, प्रधानमंत्री को जनादेश मिला है, उनके पास अधिकार है कि वह किस देश से कैसे संबंध बनाएं. हालांकि स्वामी ने ईयू सांसदों के डेलिगेशन के खर्चे और एनजीओ द्वारा उन्हें बुलाए जाने पर सवाल जरूर खड़े किए.
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नागरिक उड्डयन के अंतरराष्ट्रीय संगठन के बाद भारत को भारतीय राष्ट्रपति और प्रधानमंत्री के लिए एयर रूट नहीं खोलने का सवाल नहीं उठाना चाहिए. इससे तो अच्छा है, पाकिस्तान के चार टुकड़े कर दो एयर स्पेस की समस्या ही सुलझ जाएगी.
Source : न्यूज स्टेट ब्यूरो