तमिलनाडु में छह अप्रैल को होने वाले विधानसभा चुनाव के लिए सत्तारूढ़ अन्नाद्रमुक (AIADMK) ने अपने उम्मीदवारों की घोषणा कर दी है. पहली लिस्ट में मुख्यमंत्री के पलानीस्वामी अपने गृह जिले सेलम में इडाप्पडी निर्वाचन क्षेत्र से चुनाव लड़ेंगे. बता दें कि उपमुख्यमंत्री ओ पनीरसेल्वम थेणी जिले में बोदिनायाकनूर से चुनाव लड़ेंगे. मुख्यमंत्री के पनीरसेल्वम सातवीं बार अपनी परंपरागत सीट इडाप्पडी से चुनाव लड़ेंगें. मुख्यमंत्री के पनीरसेल्वम चार बार 1989, 1991, 2०11 और 2016 से चुनाव जीत चुके है और 1996 तथा 2001 में इस विधानसभा सीट से चुनाव हार चुके हैं.
ईडापड्डी विधानसभा सीट तमिल नाडु की महत्वपूर्ण विधानसभा सीट है. ईडापड्डी विधानसभा सीट सेलम के अंतर्गत आती है. 2016 में अखिल भारतीय अन्ना द्रविड़ मुनेत्र कड़गम ने जीत दर्ज की थी. ईडापड्डी विधानसभा सीट तमिल नाडुके सलेम जिले में आती है. 2016 में ईडापड्डी में कुल 44.12 प्रतिशत वोट पड़े थे. 2016 में अखिल भारतीय अन्ना द्रविड़ मुनेत्र कड़गम से Palaniswami। क ने पट्टली मक्कल काची के अन्नादुरई एन को 42022 वोटों के मार्जिन से हराया था. इस संसदीय क्षेत्र से सांसद हैं एस आर पार्थिबन, जो द्रविदा मुनेत्रा कज़ागम से हैं. उन्होंने ऑल इंडिया अन्ना द्रविद मुन्नेत्रा कज़ागमके केआरएस सरवनन को 146926 से हराया था.
बता दें कि एडप्पडी के. पलानीस्वामी तमिलनाडु के मुख्यमंत्री हैं और एआईएडीएमके के प्रमुख भी. पलानीस्वामी ने 1974 में अन्नाद्रमुक के साथ राजनीति में अपना राजनीतिक करियर शुरू किया था. 2017 में तमिलनाडु के मुख्यमंत्री के रूप में कार्यभार संभालने से पहले, उन्होंने जयललिता और ओ. पन्नीरसेल्वम के नेतृत्व वाले तमिलनाडु सरकार के मंत्रालयों में राजमार्ग और लघु बंदरगाह मंत्री के रूप में कार्य किया. उन्होंने 1989,1991, 2011 और 2016 में एडप्पादी निर्वाचन क्षेत्र से चार बार विधानसभा चुनाव लड़ा और जीत हासिल की. राजनीति में प्रवेश करने से पहले पलानीस्वामी एक गुड़ व्यापारी थे. उस समय उन्हें 'गुड़ पलानीस्वामी' के रूप में जाना जाता था। 1989 के राज्य विधानसभा चुनावों के दौरान अन्नाद्रमुक दो गुटों में बंट गई। उन्होंने जयललिता के नेतृत्व में मुर्गा चुनाव चिह्न के साथ चुनाव लड़ा।
तमिलनाडु में विधानसभा की कुल 234 सीटें हैं और इसका कार्यकाल 24 मई को पूरा हो रहा है. तमिलनाडु विधानसभा में चुनाव एक ही चरण में छह अप्रैल को होंगे और दो मई को वोटों की गिनती की जाएगी. तमिलनाडु में पिछले 10 सालों से ऑल इंडिया अन्ना द्रविड़ मुनेत्र कड़गम (AIADMK) का शासन है. राज्य की जनता ने साल 2016 के विधानसभा चुनाव में AIADMK प्रमुख जे जयललिता को दोबारा सत्ता सौंपी थी. इस चुनाव में AIADMK को 135 सीटों पर जीत हासिल हुई थी, जबकि द्रविड़ मुनेत्र कड़गम (DMK) 88 सीटों पर सिमट गई थी. कांग्रेस को आठ सीटें मिली थी जबकि भाजपा का खाता भी नहीं खुल सका था. एआईएडीएम भाजपा के साथ गठबंधन करके चुनाव लड़ रही है, जबकि एमके स्टालिन की डीएमके ने कांग्रेस से हाथ मिलाया है। कांग्रेस 25 सीटों पर चुनाव लड़ेगी। वहीं, अभिनेता से नेता बने कमल हसन की पार्टी एमएनएल भी चुनावी मैदान में है.
Source : News Nation Bureau