तमिलनाडु विधानसभा चुनाव (Tamil Nadu Election) के लिए ऑल इंडिया अन्ना द्रविड़ मुनेत्र कड़गम (AIADMK) ने उम्मीदवारों की पहली सूची जारी कर दी है. मुख्यमंत्री के पलानीस्वामी अपने गृह जिले सेलम में इडाप्पडी निर्वाचन क्षेत्र से चुनाव लड़ेंगे. इसके अलावा उपमुख्यमंत्री ओ पनीरसेल्वम थेणी जिले में बोदिनायाकनूर से चुनाव लड़ेंगे. एक मामूली किसान परिवार में पैदा होने वाले ईके पलानीस्वामी (EK Palaniswami) का देश के सबसे बड़े राज्यों में से एक तमिलनाडु के मुख्यमंत्री हैं. कहते हैं संघर्ष करने वाले कभी निराश नहीं होते. पलानीस्वामी के साथ भी ऐसा ही हुआ. छात्र जीवन से मुख्यंमत्री बनने तक का उनका सफर आसान नहीं था.
ऐसा रहा सफर
पलानीस्वामी का जन्म 2 मार्च, 1954 को तमिलनाडु के सलेम जिले में हुआ था. छात्र राजनीति से शुरुआत करने वाले पलानीस्वामी 1974 में AIADMK से जुड़े. यहां से सियासत में उनका कद तेजी से बढ़ा और कम समय में ही उन्होंने तमिलनाडु के कद्दावर नेताओं में अपनी जगह बना ली. वो दिवंगत जयललिता और शशिकला दोनों के ही सबसे भरोसेमंद विधायकों में से रहे हैं. पलानीस्वामी जयललिता और पन्नीरसेल्वम सरकार में मंत्री रह चुके हैं. उनके पास राजमार्ग, लोक निर्माण और लघु बंदरगाह जैसे महत्वपूर्ण विभागों का दायित्व था. बतौर पथ निर्माण मंत्री पलानीस्वामी के कामकाज की तारीफ होती है.
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4 बार के विधायक पलानीस्वामी सबसे पहली बार 1989 में चुनाव जीतकर आए थे. वो इदापडी सीट से 1989, 1991, 2011 और 2016 में चुनाव जीतकर विधायक बने. हालांकि, मंत्री बनने के लिए उन्हें 2011 तक इंतजार करना पड़ा. इस दौरान, 1998 में एक बार तिरुचेंगोडे से लोकसभा चुनाव जीतकर पलानीस्वामी संसद भी पहुंच चुके हैं.
10 साल से सत्ता में है AIDMK
तमिलनाडु में विधानसभा की कुल 234 सीटें हैं और इसका कार्यकाल 24 मई को पूरा हो रहा है. तमिलनाडु में पिछले 10 सालों से ऑल इंडिया अन्ना द्रविड़ मुनेत्र कड़गम (AIADMK) का शासन है. राज्य की जनता ने साल 2016 के विधानसभा चुनाव में AIADMK प्रमुख जे जयललिता को दोबारा सत्ता सौंपी थी. इस चुनाव में AIADMK को 135 सीटों पर जीत हासिल हुई थी, जबकि द्रविड़ मुनेत्र कड़गम (DMK) 88 सीटों पर सिमट गई थी. कांग्रेस को 8 सीटें मिली थीं, जबकि बीजेपी का खाता भी नहीं खुल सका था.
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बता दें कि तमिलनाडु की सभी 234 सीटों पर एक चरण में 6 अप्रैल को वोटिंग होगी. तमिलनाडु में ऑल इंडिया अन्ना द्रविड़ मुनेत्र कड़गम (AIDMK) और बीजेपी (BJP) गठबंधन का मुकाबला द्रविड़ मुनेत्र कषगम (DMK) और कांग्रेस गठबंधन से है. 2016 चुनाव में एआईडीएमके को 134 सीटों पर जीत हासिल हुई थी तो डीएमके ने 89 सीटों पर कब्जा जमाया था. कांग्रेस को 8 सीटें मिली थीं.
HIGHLIGHTS
- जयललिता के निधन के बाद बने मुख्यमंत्री
- 1998 में लोकसभा चुनाव भी जीत चुके हैं
- पहली बार 1989 में चुनाव जीतकर विधायक बने
Source : News Nation Bureau