वेलाचेरी विधानसभा सीट तमिल नाडुके चेन्नई जिले में आती है. वेलाचेरी विधानसभा सीट तमिल नाडु की महत्वपूर्ण विधानसभा सीट है, जहां 2016 में द्रविड़ मुनेत्र कषगम ने जीत दर्ज की थी. 2016 में वेलाचेरी में कुल 40.95 प्रतिशत वोट पड़े थे. 2016 में द्रविड़ मुनेत्र कषगम से वागई चंदरसेकर ने अखिल भारतीय अन्ना द्रविड़ मुनेत्र कड़गम के C मुनुसामी को 8872 वोटों के मार्जिन से हराया था. वेलाचेरी विधानसभा सीट चेन्नई दक्षिण के अंतर्गत आती है. इस संसदीय क्षेत्र से सांसद हैं तमिझची थंगपांडियन, जो द्रविदा मुनेत्रा कज़ागम से हैं . उन्होंने ऑल इंडिया अन्ना द्रविद मुन्नेत्रा कज़ागमके डॉ. जे जयलर्धन को 262223 से हराया था.
2016 के चुनाव में, यहां 300891 योग्य मतदाता थे, जिनमें से 149637 पुरुष, 151164 महिला और 90 मतदाता थर्ड जेंडर के थे. 2011 के चुनाव में, यहां 227204 योग्य मतदाता थे, जिनमें से 114003 पुरुष, 113201 महिला और 45 मतदाता थर्ड जेंडर के थे. कुल वोटरों की संख्या वेलाचेरी में 2016 में 54थी. 2011 में कुल वोटरों की संख्या 51 थी. 2016 के चुनाव में वेलाचेरी में सेवा मतदाताओं की संख्या 54 थी. 2011 के चुनाव में इनकी संख्या 51थी.
तमिलनाडु में छह अप्रैल को मतदान होगा. जबकि दो मई को वोट की गिनती की जाएगी. तमिलनाडु में सिर्फ एक चरण में विधानसभा चुनाव कराए जाएंगे. इस दौरान कोरोना गाइडलाइंस का सख्ती के साथ पालन किया जाएगा. इसके साथ ही मतदान का समय भी एक घंटे के लिए बढ़ाया गया है. तमिलनाडु में विधानसभा का मौजूदा कार्यकाल 24 मई 2021 को समाप्त हो रहा है. तमिलनाडु में विधानसभा की कुल 234 सीटे हैं, जिसमें ऑल इंडिया अन्ना द्रविड़ मुनेत्र कड़गम (AIADMK) के पास 136 विधायक हैं. इसके अलावा द्रविड़ मुनेत्र कड़गम (DMK) के पास 89 हैं. वहीं कांग्रेस के पास सात, इंडियन मुस्लिम लीग के पास पांच सीट हैं.
तमिलनाडु में विधानसभा की कुल 234 सीटें हैं और इसका कार्यकाल 24 मई को पूरा हो रहा है. तमिलनाडु विधानसभा में चुनाव एक ही चरण में छह अप्रैल को होंगे और दो मई को वोटों की गिनती की जाएगी. तमिलनाडु में पिछले 10 सालों से ऑल इंडिया अन्ना द्रविड़ मुनेत्र कड़गम (AIADMK) का शासन है. राज्य की जनता ने साल 2016 के विधानसभा चुनाव में AIADMK प्रमुख जे जयललिता को दोबारा सत्ता सौंपी थी. इस चुनाव में AIADMK को 135 सीटों पर जीत हासिल हुई थी, जबकि द्रविड़ मुनेत्र कड़गम (DMK) 88 सीटों पर सिमट गई थी. कांग्रेस को आठ सीटें मिली थी जबकि भाजपा का खाता भी नहीं खुल सका था. एआईएडीएम भाजपा के साथ गठबंधन करके चुनाव लड़ रही है, जबकि एमके स्टालिन की डीएमके ने कांग्रेस से हाथ मिलाया है। कांग्रेस 25 सीटों पर चुनाव लड़ेगी। वहीं, अभिनेता से नेता बने कमल हसन की पार्टी एमएनएल भी चुनावी मैदान में है.
Source : News Nation Bureau