तमिलनाडु के चुनावी गठबंधनों में राष्ट्रीय दलों पर क्षेत्रीय पार्टियां हावी हो रही हैं. कांग्रेस और बीजेपी जैसी राष्ट्रीय पार्टियों को 234 सीटों वाले विधानसभा चुनाव में केवल 20 से 25 सीटों पर ही संतोष करना पड़ सकता है. जहां शशिकला का राजनीति से संन्यास लेने के बाद अन्नाद्रमुक गठबंधन में अधिक भ्रम नहीं है, वहीं DMK गठबंधन में आधा दर्जन से अधिक सहयोगी दलों के बीच सीटों की मारामारी है. इस सबके बीच इन नेताओं पर सभी की निगाहें एमके करुणानिधि के बेटे और एमके स्टालिन के बेटे उदयनिधि स्टालिन पर टिकी रहेंगी. हालांकि उधैनिधि स्टालिन के तमिलनाडु चुनाव लड़ने की संभावना नहीं है, लेकिन इसके बाद भी वो चर्चा में हैं.
उधयनिधि स्टालिन को राजनीति विरासत में मिली. वो तमिलनाडु के पूर्व मुख्यमंत्री स्वर्गीय एम करुणानिधि (M Karunanidhi) के पोते और डीएमके प्रमुख एमके स्टालिन (MK Stalin) के बेटे हैं. वे जब ज्यादा सुर्खियों में आए थे, जब नवंबर को पुलिस ने उन्हें गिरफ्तार कर लिया था. दरअसल वे कोरोनाकाल के दौरान जनसंपर्क अभियान चला रहे थे. जिसके बाद पुलिस ने उन्हें गिरफ्तार कर लिया था. हालांकि उन्हें कुछ घंटों बाद रिहा भी कर दिया गया था. उदयनिधि की गिरफ्तारी की डीएमके ने नाराजगी जताई थी.
राजनीतिक करियर
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उधयनिधि 4 जुलाई 2019 को डीएमके यूथ विंग के सचिव बने और यहीं से उनके राजनीतिक जीवन की शुरूआत हुई. उन्होंने 2019 के लोकसभा चुनाव में पार्टी के लिए जमकर प्रचार किया. उन्होंने ने चेपॉक से चुनाव लड़ने के लिए अपना आवेदन प्रस्तुत किया था. चेपॉक विशेष रूप से डीएमके का घर माना जाता है और तमिलनाडु के पूर्व मुख्यमंत्री कलैंजर करुणानिधि इस क्षेत्र का प्रतिनिधित्व करते रहे हैं. AIDMK गठबंधन से चेपॉक विधानसभा क्षेत्र से BJP अभिनेत्री खुशबू सुंदर को मैदान में उतार सकती है. उदयनिधि ने अपना चुनाव अभियान नवंबर 2020 से ही शुरू कर दिया था. सियासी रणनीतिकारों का मानना है कि उदयनिधि स्टालिन को राजनीति में लाने का यह सबसे खराब समय है. उनका मानना है कि उदयनिधि को लाने से विपक्ष को वंशवाद की राजनीति पर एक जोरदार अभियान का मौका मिल जाएगा. राजनीति में आने से पहले उन्होंने एक अभिनेता और निर्माता के तौर पर भी काम किया. अभिनेता के तौर पर उनकी पहली फिल्म 'ओरु काल ओरु कन्नडी' थी, जिसके डायरेक्टर एम. राजेश थे.
नवंबर से शुरू कर दिया था चुनाव प्रचार
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उदयनिधि स्टालिन ने नवंबर से ही अपना चुनाव प्रचार शुरू कर दिया था. उदयनिधि स्टालिन ने 20 नवंबर से मई तक 100 दिनों के लिए अपना चुनाव अभियान शुरू किया था. उन्होंने चेन्नई के मरीना में अपने दादा करुणानिधि को श्रद्धांजलि देने के बाद अपना अभियान शुरू किया था. 20 नवंबर को जब वो अपना चुनाव प्रचार कर रहे थे, तो तमिलनाडु ने उनको 500 समर्थकों सहित हिरासत में ले लिया था. थिरुक्कुवलई में पुलिस ने उदयनिधि को उस वक्त हिरासत में लिया गया था जब वे एक कैंपेन में हिस्सा लेने के लिए वहां पहुंचे थे. हिरासत में लेने के कुछ देर बाद पुलिस ने उन्हें गिरफ्तार कर लिया. हालांकि शुक्रवार देर शाम उन्हें छोड़ दिया गया.
HIGHLIGHTS
- करुणानिधि के पोते और स्टालिन के बेटे हैं उदयनिधि
- 4 जुलाई 2019 को डीएमके यूथ विंग के सचिव बने थे
- लोकसभा चुनाव में पार्टी के लिए जमकर प्रचार किया था
Source : News Nation Bureau