तेलंगाना विधानसभा चुनाव से पहले राजनीतिक पार्टियां जोर-शोर से चुनाव प्रचार कर रही हैं. चुनाव से पहले सियासी घटनाक्रम रोमांचक होते जा रहे है. बीजेपी के बाद कांग्रेस ने बागी उम्मीदवारों को बाहर का रास्ता दिखा दिया है. कांग्रेस के अधिकृत प्रत्याशियों के खिलाफ चुनावी मैदान में उतरने के कारण 19 पार्टी कार्यकर्ताओं को 6 साल के लिए निष्कासित कर दिया है. महबूबनगर जिले की नारायणपेट विधानसभा सीट से चुनावी मैदान में उतरे उम्मीदवार के विरुद्ध चुनाव लड़ने पर कांग्रेस ने यह कदम उठाया है.
कांग्रेस विपक्ष के बड़े गठबंधन यानि 'महाकुटमी' का नेतृत्व कर रही है, जिसमें तेलुगू देशम पार्टी, तेलंगाना जन समिति और भारतीय कम्युनिस्ट पार्टी (सीपीआई) भी शामिल हैं. भारतीय जनता पार्टी और टीआरएसएस अकेले चुनाव लड़ रही है. मुख्य निर्वाचन अधिकारी रजत कुमार के अनुसार, राज्य में मतदाताओं की कुल संख्या 2,80,64,680 है जिनमें 7,46,077 नए मतदाता शामिल हैं. 119 सदस्यीय विधानसभा के लिए चुनाव एक ही चरण में होंगे जबकि मतगणना 11 दिसंबर को होगी.
इससे पहले बीजेपी ने राजस्थान के 11 बागी सदस्यों को पार्टी की प्राथमिक सदस्यता से 6 साल के लिए निष्कासित कर दिया था. इनमें जैतारण विधानसभा से सुरेन्द्र गोयल, मारवाड़ जंक्शन से लक्ष्मीनारायण दबे, श्रीगंगानगर से राधेश्याम गंगानगर, थानागाजी से हेमसिंह भड़ाना, रतनगढ़ से राजकुमार रिणवां, सुजानगढ़ से रामेश्वर भाटी, विराटनगर से कुलदीप धनकड़, फुलेरा से दीनदयाल, श्रीडूंगरगढ़ से किशनाराम नाई, बांसवाडा से धनसिंह रावत, डूंगरपुर से अनिता कटारा शामिल हैं.
पिछले सप्ताह मध्य प्रदेश में भी बीजेपी ने 53 बागियों को पार्टी से बाहर का रास्ता दिखाया था. इनमें से अधिकतर पहले ही पार्टी छोड़कर चुनाव मैदान में या तो कांग्रेस की टिकट पर या फिर निर्दलीय चुनाव लड़ रहे हैं. मध्य प्रदेश में पार्टी से बाहर किए गए नेताओं में सरताज सिंह, रामकृष्ण कुष्मारिया, नरेंद्र कुशवाहा, समीक्षा गुप्ता, लता मस्की, धीरज पटेरिया, राजकुमार यादव के नाम शामिल हैं.
Source : News Nation Bureau