निर्वाचन आयोग ने शनिवार को तेलंगाना सहित पांच राज्य विधानसभाओं के चुनाव 12 नवंबर से 7 दिसंबर के बीच कराने की घोषणा कर दी. तेलंगाना में 7 दिसंबर को एक चरण में चुनाव होंगे. तेलंगाना में के चंद्रशेखर राव की पार्टी टीआरएस सत्ता में थी, जहां पूर्व सीएम चंद्रशेखर राव ने अपना कार्यकाल खत्म होने से ठीक एक साल पहले ही राज्य विधानसभा को भंग कर दिया और अपना इस्तीफा भी राज्यपाल को सौंप दिया.
यहां 119 सीटों पर राजनीतिक दल सत्ता की चाबी लेने के लिए जोर आजमाइश करेंगी वहीं टीआरएस अपने दूसरे कार्यकाल के लिए जोर लगाएगी.
गौरतलब है कि तेलंगाना राष्ट्रीय समिति (टीआरएस) सरकार का कार्यकाल मई 2019 तक का था लेकिन मुख्यमंत्री इस साल के अंत में चार राज्यों में होने वाले चुनाव के साथ ही यहां भी चुनाव कराना चाहते थे इसलिए उन्होंने विधानसभा भंग करने का फैसला लिया.
विधानसभा भंग करने के साथ ही टीआरएस प्रमुख चंद्रशेखर राव ने चुनाव के लिए 105 उम्मीदवारों की सूची भी जारी कर दी थी.
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5 राज्यों में होने वाले चुनावों में कम से कम तीन राज्यों में बीजेपी और कांग्रेस के बीच जबरदस्त टक्कर की स्थिति है. 4 राज्यों में तत्काल प्रभाव से आचार संहिता लागू हो गई है, जबकि तेलंगाना में पिछले महीने सदन भंग करने के बाद से ही आचार संहिता लागू है.
मुख्य निर्वाचन आयुक्त ओ.पी. रावत ने यहां एक संवाददाता सम्मेलन में चुनावी कार्यक्रम की घोषणा करते हुए कहा कि सभी राज्यों में मतगणना 11 दिसंबर को पूरी हो जाएगी.
तेलंगाना में 12 नवंबर को अधिसूचना जारी होगी और नामांकन पत्र भरने की अंतिम तिथि 19 नवंबर होगी. नामांकन पत्रों की जांच 20 नवंबर को की जाएगी और नामांकन पत्र वापस लेने की तिथि 22 नवंबर होगी.
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रावत ने बताया कि सभी राज्यों में शतप्रतिशत वीवीपेट युक्त ईवीएम से मतदान कराया जायेगा. उन्होंने बताया कि इन चुनावों में प्रत्येक मतदान केन्द्र पर पहली बार मतदाता सहायता बूथ बनाये जायेंगे.
साथ ही आपराधिक पृष्ठभूमि वाले उम्मीदवारों को चुनाव प्रक्रिया से दूर करने संबंधी सुप्रीम कोर्ट के हाल के फैसले का अनुपालन करते हुये उम्मीदवारों द्वारा पेश किये जाने वाले हलफनामे की रूपरेखा में बदलाव किया गया है. इसमें प्रत्येक उम्मीदवार को लंबित आपराधिक मामलों की जानकारी विभिन्न मीडिया माध्यमों से सार्वजनिक करने के पालन की जानकारी देनी होगी.
उन्होंने बताया कि चुनाव के दौरान निर्वाचन नियमों के उल्लंघन की शिकायत मोबाइल एप 'सी विजिल' के जरिये मतदाता कर सकेंगे. इससे पहले इस एप को पायलट प्रोजेक्ट के तौर पर कर्नाटक विधानसभा चुनाव के दौरान सिर्फ बेंगलुरु विधानसभा सीट पर सफलता पूर्वक प्रयोग किया गया था. अब पहली बार इसका व्यापक पैमाने पर इस्तेमाल किया जायेगा.
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संवाददाता सम्मेलन का समय अपराह्न् 12.30 बजे से बदलकर अपराह्न् तीन बजे कर दिया गया और ऐसा इसलिए किया गया, क्योंकि प्रधानमंत्री की अजमेर में अपराह्न् एक बजे रैली थी, और इस वजह से आयोग पर दबाव था. इस बारे में पूछे जाने पर रावत ने कहा, 'कहीं से कोई भी दबाव नहीं था.'
उन्होंने कहा, 'तेलंगाना में मतदाता सूची से संबंधित समस्याओं की वजह से दो-तीन घंटों की देरी हुई. अगर किसी को कोई समस्या है तो पार्टियां इस संबंध में शिकायत दर्ज करा सकती हैं.'
उन्होंने कहा, 'यह आयोग का कर्तव्य है कि वह सभी हितधारकों को संतुष्ट करे. हम स्वतंत्र, निष्पक्ष और विश्वसनीय चुनाव कराएंगे, जो कि हमारी प्रतिबद्धता और बाध्यता है.'
तेलंगाना में पूर्ण आयोग के दौरे बगैर चुनाव की घोषणा के बारे में पूछे जाने पर उन्होंने कहा, 'अंतिम मतदाता सूची के प्रकाशन में कुछ समस्या थी, जिसकी वजह से तिथि को 12 अक्टूबर को तय किया गया और इस मामले पर उच्च न्यायालय में सुनवाई होनी है. राज्य में चुनाव वैसे भी सबसे अंत में होने हैं, इसलिए किसी भी तरह की समस्या को सुलझाने का समय है.'
रावत ने कहा कि चुनाव आयोग के अधिकारियों की एक टीम पहले ही राज्य का दौरा कर चुकी है और हितधारकों से विस्तृत बातचीत की गई है. आयोग संतुष्ट था और इसलिए चुनाव की तिथियों की घोषणा की गई.
उन्होंने कहा कि इलेक्ट्रॉनिक वोटिंग मशीन(ईवीएम) और वोटर वेरीफाइबल्ड पेपर ऑडिट ट्रेल(वीवीपीएटी) का इन चुनावों में इस्तेमाल किया जाएगा और इसकी पर्याप्त संख्या के लिए व्यवस्था कर ली गई है.
Source : News Nation Bureau