तेलंगाना की तकरार... आज यानि 30 नवंबर 2023 को तेलंगाना की 119 विधानसभा सीटों के लिए वोटिंग हो रही है. इसके मद्देनजर मंगलवार शाम से पूरे प्रदेश में धारा 144 लागू कर दिया गया है. गौरतलब है कि राज्य में कुल 2,290 उम्मीदवार मैदान में अपनी जीत का ताल ठोक रहे हैं, जिसके नतीजे 3 दिसंबर को घोषित होने हैं. इस चुनाव में जहां भाजपा और कांग्रेस एक और राज्य में अपनी मजबूत पकड़ का दावा कर रहे हैं. वहीं दूसरी तरफ पिछले दोनों चुनाव में विजयी रही सत्ताधारी पार्टी बीआरएस के लिए, तेलंगाना में अपनी साख बरकरार रखने का आज अंतिम मौका है... ऐसे में वोट डालने के दौरान हमें किन बातों का ख्याल रखना है, चलिए जानते हैं...
राज्य में बनाए गए हैं इतने मतदान केंद्र
तेलंगाना विधानसभा चुनाव में कुल 35,655 मतदान केंद्र बनाए गए हैं, जिनमें राज्य में कुल 3,26,02,799 मतदाता वोट करेंगे. इनमें 1,62,98,418 पुरुष, 1,63,01,705 महिलाएं और 2,676 ट्रांसजेंडर शामिल हैं. वहीं इनमें 15,406 सर्विस वोटर और 2,944 एनआरआई वोटर हैं. मैदान में आमने-सामने मौजूद उम्मीदवारों की बात की जाए तो, इस बार विधानसभा चुनाव में कुल 2,290 उम्मीदवार अपनी किस्मत आजमा रहे हैं, जिनमें 221 महिलाएं, एक ट्रांसजेंडर सहित शमुार हैं.
चलिए अब मुकाबले की बात करें...
बता दें कि तेलंगाना का ये मुकाबला त्रिकोणीय होने जा रहा है. जहां तकरीबन ज्यादातर सीटों पर भारत राष्ट्र समिति (बीआरएस) और कांग्रेस एक-दूसरे को सीधी टक्कर देते नजर आएंगे. वहीं कई सीटों पर भाजपा की मौजूदगी मुकाबले को त्रिकोणीय बना देगी. हालांकि तेलंगाना में चुनाव प्रचार समाप्ति की घोषणा से ठीक पहले, बीआरएस-कांग्रेस-भाजपा समेत तमाम पार्टियों ने वोट लुभाने में पूरी ताकत झोंक दी, बावजूद इसके राज्य में मुख्य मुकाबला कांग्रेस और बीआरएस में माना जा रहा है, क्योंकि कांग्रेस ने खुद को राज्य में बीआरएस के विकल्प के तौर पर पेश किया है.
तेलंगाना का चुनावी इतिहास...
तेलंगाना में 119 सदस्यों वाली विधानसभा है, जिसमें बहूमत हासिल करने के लिए किसी भी पार्टी को 60 सीटों का जादुई आंकड़ा पार करना होगा. बीते 9 साल से तेलंगाना का ताज केसीआर के सिर है, ऐसे में 2014 में तेलंगाना राज्य के गठन के बाद किसी और पार्टी को राज्य में सेंध लगाने का मौका ही नहीं मिला. इसी बीच साल 2022 में सीएम चंद्रशेखर राव ने अपनी पार्टी तेलंगाना राष्ट्र समिति का नाम बदलकर भारत राष्ट्र समिति ( बीआरएस) में तबदील कर दिया. अब नाम में तबदीली के बाद पहली बार पार्टी चुनावी मुकाबले में उतरी है.
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