Telangana Election: कांग्रेस नेतृत्व को तेलंगाना में ही एक मात्र सफलता मिली है. मगर यहां पर सीएम चेहरे को लेकर चुनौती खड़ी हो गई है. अगर यहां पर सबकुछ ठीक नहीं रहा तो इस राज्य का हाल भी राजस्थान और मध्यप्रदेश की तरह हो सकता है. तेलंगाना की परिस्थिति कांग्रेस के शासन के समय मध्यप्रदेश और राजस्थान में भी देखी गई थी. 2018 में कांग्रेस ने तीन राज्यों मध्य प्रदेश, राजस्थान और छत्तीसगढ़ में जीत हासिल कर ली थी. कांग्रेस ने मध्य प्रदेश में कमलनाथ को सीएम बनाया, राजस्थान में अशोक गहलोत को सीएम बनाया और छत्तीसगढ़ में भूपेश बघेल को सीएम बनाया. मध्यप्रदेश में जहां सरकार सवा दो साल चलने के बाद गिर गई. वहीं राजस्थान में अशोक गहलोत और सचिन पायलट के बीच टकराहट देखने को मिली.
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तेलंगाना में कांग्रेस विधानसभा चुनाव रेवंत रेड्डी के नेतृत्व में लड़ रही थी. पार्टी को जीत दिलाने में उनका बड़ा योगदान रहा. ऐसे ही 2018 में सचिन पायलट ने राजस्थान में पार्टी को जीत दिलायी और सरकार बनाने का रास्ता साफ किया. रेवंत रेड्डी अभी तेलंगाना के प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष हैं, और ठीक वैसे ही राजस्थान में सचिन पायलट प्रदेश कांग्रेस के अध्यक्ष हुआ करते थे.
कांग्रेस ने तेलंगाना में चुनाव तो जीत लिया, मगर सीएम पर दावेदारी का मसला बिलकुल वैसा ही लग रहा है, जिस तरह 2018 में राजस्थान, मध्य प्रदेश और छत्तीसगढ़ में दिख रहा था. सीएम बनाने के बाद कांंग्रेस को मुंह की खानी पड़ी थी. राजस्थान और मध्यप्रदेश में मनमुटाव सामने आए. सबसे बुरा नतीजा तो मध्य प्रदेश में देखने को मिला. यहां पर कमलनाथ की सरकार गिर गयी थी.
इस बार अगर तेलंगाना का मामला राहुल गांधी ने ठीक से नहीं सुलझाया, तो दो परिस्थितियां खड़ी हो सकती हैं. या तो सरकार किसी तरह पांच साल राजस्थान और छत्तीसगढ़ की तरह पूरी करेगी या फिर मध्य प्रदेश की तरह बीच में गिर सकती है और पांच साल बाद कांग्रेस को बुरी तरह हार सामना करना पड़ सकता है. तेलंगाना में शुरू से ही सीएम की कुर्सी की लड़ाई जारी थी. पहले से ही अंदर आग सुलग रही थी. अब जीत के बाद तस्वीर साफ हो गई है. रेवंत रेड्डी को राहुल गांधी का बहुत करीबी समझा जाता है. ऐसे में रेवंत का सीएम बनना तय माना गया है.
इस रेस में पूर्व प्रदेश अध्यक्ष व मौजूदा सांसद एम उत्तम कुमार रेड्डी भी शामिल हैं. किरण कुमार सरकार में मंत्री रहे उत्तम कुमार रेड्डी हुजूरनगर से चुनाव में विजयी हुए. ऐसी चर्चा भी कि अगर दोनों रेड्डी के बीच मामला फंस जाता है तो मौजूदा कांग्रेस विधायक दल के नेता विकमार्क मालू भट्टी की लॉटरी लग सकती है. इस रेस में बोइंगीर लोकसभा सीट से सांसद व कांग्रेस सरकार के पूर्व मंत्री कोमटिरेड्डी वेंकट रेड्डी भी शामिल हैं. वे नालगोंडा असेंबली सीटे से विजयी हुए.
Source : News Nation Bureau