देश के पांचों चुनावी राज्यों में 30 नवंबर को मतदान पूरा हुआ था. आज चार राज्यों के चुनावी नतीजे आने वाले. तेलंगाना में 30 नवंबर 119 सीटों पर मतदान हुआ. आज तेलंगाना विधानसभा का भी परिणाम आने वाला है. तेलंगाना में कुल 35,655 मतदान केंद्रों पर वोटिंग हुई थी, हालांकि, राज्य के 106 निर्वाचन क्षेत्रों में सुबह सात बजे से शाम 5 बजे तक और 13 वामपंथी उग्रवाद प्रभावित क्षेत्रों में सुबह 7 बजे से शाम 4 बजे तक मतदान हुआ था. गौरतलब है कि राज्य के इस विधानसभा में कुल 2,290 उम्मीदवार अपनी किस्मत आजमाने जा रहे हैं. जिनके राजनीतिक भाग्य का आज फैसला होगा.
ये है राज्य का गुणा-भाग
राज्य के सीएम केसीआर उनके मंत्री-पुत्र के टी रामाराव, राज्य कांग्रेस अध्यक्ष ए रेवंत रेड्डी एवं भाजपा के लोकसभा सदस्य बंदी संजय कुमार और डी अरविंद जैसे खास चेहरे चुनाव मैदान में हैं. अन्य राज्यों के रिजल्ट की तरह तेलंगाना के परिणाम तीन दिसंबर को आएंगे.
आपको बता दें कि चुनाव आयोग ने 9 अक्टूबर को चुनावी कार्यक्रम का ऐलान किया था. इसके बाद से राज्य में आदर्श आचार संहिता लागू हो गई. राज्य की सत्तारूढ़ पार्टी बीआरएस ने सभी 119 सीटों पर अपने उम्मीदवार उतारे हैं.
वहीं भाजपा एवं अभिनेता पवन कल्याण की अगुवाई वाली जन सेना 111 और आठ सीटों पर मैदान में खड़ी है. वहीं कांग्रेस ने अपने सहयोगी सीपीआई को मात्र एक सीट दी है. कांग्रेस खुद 118 अन्य सीटों पर चुनाव लड़ रही है.
मुख्य निर्वाचन अधिकारी विकास राज के अनुसार, विधानसभा चुनाव के लिए 2.5 लाख से ज्यादा कर्मचारी चुनावी ड्यूटी पर तैनात हैं. तेलंगाना में पहली बार दिव्यांगो और 80 वर्ष से अधिक उम्र के वोटरों को घर पर मतदान की सुविधा दी गई है.
दो विधानसभा सीटों पर खडे़ केसीआर
सीएम केसीआर दो विधानसभा सीटों पर लड़ रहे हैं. ये है गजवेल और कामारेड्डी. वह इस समय गजवेल से फिलहाल विधायक हैं. कामारेड्डी एवं गजवेल में रोमांचक मुकाबला देखने को मिल सकता है. कांग्रेस ने कामारेड्डी में प्रदेश अध्यक्ष रेवंत रेड्डी पर दांव लगाया है. वहीं भाजपा ने वेंकट रमण रेड्डी को उम्मीदवार बनाया है.
गजवेल में भाजपा ने चुनावी अभियान अध्यक्ष एटाला राजेंदर को उतारा है. असदुद्दीन ओवैसी की अगुवाई वाली एआईएमआईएम ने नौ जगहों से अपने उम्मीदवार उतारे हैं. बीआरएस 2014 से यहां पर जमी हुई है. वहीं कांग्रेस 2018 के बाद से दोबारा फिर सत्ता में वापसी करना चाहती है. आपको बता दें कि पिछली यूपीए सरकार ने तेलंगाना को राज्य का दर्जा दिया था.
केसीआर का कांग्रेस और भाजपा के बीच अहम मुकाबला
तेलंगाना में तीनों पार्टियां भाजपा, बीआरएस और कांग्रेस के बीच कड़ा मुकाबला देखने को मिल रहा है. भाजपा ने पिछड़ी जाति के नेता को सीएम बनाने और मडिगाओं के सशक्तिकरण और अयोध्या में भगवान राम मंदिर की फ्री यात्रा का वादा किया है. भाजपा ने “डबल इंजन सरकार” को चुनने पर जोर दिया है. उसने केसीआर के “पारिवारिक शासन” और कथित भ्रष्टाचार को लेकर निशाना साधा है.
Source : News Nation Bureau