पश्चिम बंगाल के मंत्री और तृणमूल कांग्रेस (TMC) के नेता फ़रहाद हकीम (Janab Firhad Hakim) ने सोमवार को कोलकाता नगर निगम के अध्यक्ष के रूप में पद छोड़ दिया. भारत के चुनाव आयोग (ECI) ने पश्चिम बंगाल नगर निगमों के बोर्ड प्रशासक के रूप में सेवारत राजनीतिक नियुक्तियों पर रोक लगा दी है, जिनका कार्यकाल समाप्त हो गया है, जब तक कि मॉडल कोड की आचार संहिता लागू नहीं हो जाती. दरअसल, इसबार पश्चिम बंगाल में आगामी विधानसभा चुनावों के लिए भारती जनता पार्टी और टीएमसी के बीच एक हाई-वोल्टेज लड़ाई देखी जा रही है.
बता दें कि माना जाता है कि तृणमूल कांग्रेस (TMC) के नेता फ़रहाद हकीम (Janab Firhad Hakim) बंगाल की सीएम ममता बनर्जी (Mamata Banerjee) के सबसे विश्वास पात्रों में एक हैं. ममता बनर्जी (Mamata Banerjee) उन पर सबसे ज्यादा भरोसा करती है. इसलिए उनके ऊपर पार्टी की अहम जिम्मेदारी दी है. वह टीएमसी (TMC) के सबसे कद्दवार नेताओं में शुमार हैं. बंगाल सरकार में वह नगर मामलों, शहरी विकास मंत्री (Municipal Affairs, Urban Development Minister) हैं. ममता बनर्जी (Mamata Banerjee) ने उनको यह महत्वपूर्ण जिम्मेदारी दी है.
टीएमसी और बीजेपी में इस बार सत्ता के लिए संघर्ष
दरअसल, इस बार के पश्चिम विधानसभा चुनाव ( West Bengal Election 2021) में टीएमसी और भारतीय जनता पार्टी (BJP) के बीच बंगाल (Bengal) की सत्ता पर काबिज होनी के लिए जंग चल रही है. तमाम सियासी पंडितों का भी यही मानना है कि बंगाल में विधानसभा चुनाव में सीधी टक्कर दोनों के बीच है. टीएमसी (TMC) की तरफ से ममता बनर्जी ने कमान संभाल ली है. वहीं बीजेपी के लिए केंद्रीय मंत्री अमित शाह (Amit Shah) और प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी (PM Modi) तक कैंपेनिंग कर रहे हैं. ममता बनर्जी (Mamata Banerjee) की टीएमसी (TMC) से जहां एक-एक कर कई वरिष्ठ नेता पार्टी छोड़ रहे हैं, वहीं बीजेपी उन्हें अपने पाले में खींचकर अपना पक्ष मजबूत करने में लगी है. प्रदेश की 294 विधानसभा सीट पर 27 मार्च से लेकर 29 अप्रैल तक 8 चरणों में चुनाव होंगे. नतीजे 2 मई को घोषित किए जाएंगे.
HIGHLIGHTS
- टीएमसी के कद्दवार नेता हैं फ़रहाद हकीम
- ममता सरकार में मंत्री हैं फ़रहाद हकीम
- पार्टी में अहम जिम्मेदारी संभालते हैं