भाजपा ने अगले साल होने वाले उत्तर प्रदेश विधानसभा चुनाव से पहले ब्राह्मणों को लुभाने के लिए विभिन्न कार्यक्रमों को अंतिम रूप देने के लिए रविवार को चार सदस्यीय समिति बनाने का फैसला किया. भाजपा के एक अंदरूनी सूत्र ने कहा, पूर्व केंद्रीय मंत्री महेश शर्मा और शिव प्रताप शुक्ला, पार्टी नेता राम भाई मोकारिया और अभिजीत मिश्रा ब्राह्मणों को लुभाने के लिए आउटरीच कार्यक्रम तय करने वाली समिति के सदस्य हैं. इसको लेकर केंद्रीय मंत्री धर्मेंद्र प्रधान के घर पर एक बैठक आयोजित की गई थी. माना जा रहा है कि यूपी के ब्राह्मणों की नाराजगी कम करने के लिए ही बीजेपी आलाकमान ने यह कदम उठाया है.
जनसंपर्क कार्यक्रमों की अगुवाई ब्राह्मण नेता करेंगे
पार्टी के एक अन्य वरिष्ठ नेता ने बताया कि केंद्रीय मंत्री धर्मेद्र प्रधान के आवास पर हुई बैठक में कमेटी बनाने का फैसला लिया गया. पता चला है कि प्रदेश के सभी 403 विधानसभा क्षेत्रों में जनसंपर्क कार्यक्रमों की अगुवाई भाजपा के ब्राह्मण नेता करेंगे. बैठक में उत्तर प्रदेश के चुनाव प्रभारी प्रधान और राज्य के पार्टी के वरिष्ठ ब्राह्मण नेताओं ने चुनाव से पहले समुदाय को लुभाने की योजना पर चर्चा की. पिछले कुछ महीनों से अटकलें लगाई जा रही हैं कि उत्तर प्रदेश में ब्राह्मण समुदाय राज्य में सत्तारूढ़ भाजपा से नाखुश है. सूत्रों ने बताया कि बैठक में इस बात पर चर्चा हुई कि ब्राह्मण भाजपा और उसकी सरकार से नाखुश हैं, लेकिन कुछ प्रशासनिक कारणों से स्थानीय स्तर पर नाराजगी हो सकती है.
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ब्राह्मणों की नाराजगी दूर करने की कवायद
सूत्रों ने कहा इस बात पर चर्चा हुई है कि अगर कोई नाराजगी है तो पार्टी के नेताओं को समुदाय से मिलना चाहिए और उनकी शिकायतों को जल्द से जल्द दूर करना चाहिए. यहां प्रधान के आधिकारिक आवास पर हुई बैठक में यूपी सरकार के मंत्री, सांसद, विधायक शामिल हुए. बैठक करीब तीन घंटे तक चली. ब्राह्मण उत्तर प्रदेश के कुल मतदाताओं का 10 प्रतिशत से अधिक हैं और उनका समर्थन 2022 में भाजपा की जीत के लिए महत्वपूर्ण है. सूत्रों ने बताया कि बैठक में यूपी के उपमुख्यमंत्री दिनेश शर्मा, राज्य सरकार में मंत्री श्रीकांत शर्मा, सांसद हरीश द्विवेदी समेत अन्य लोग शामिल हुए. पता चला है कि उत्तर प्रदेश भाजपा महासचिव (संगठन) सुनील बंसल भी बैठक में मौजूद थे.
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पहले चलाया था प्रबुद्ध वर्ग सम्मेलन
भाजपा ब्राह्मण नेताओं को उन्हें शांत करने के लिए एक सामुदायिक आउटरीच योजना शुरू करने और उन्हें सरकारी कल्याणकारी योजनाओं के बारे में समझाने के लिए कहा गया है, जिससे समुदाय को लाभ हुआ है. सितंबर में भाजपा ने समुदाय तक पहुंचने के लिए राज्यभर में एक 'प्रबुद्ध वर्ग सम्मेलन' का आयोजन किया था. पार्टी के एक वर्ग को लगता है कि समुदाय के बीच यह धारणा है कि योगी आदित्यनाथ सरकार ने समुदाय की उपेक्षा की है. हालांकि पार्टी के एक अन्य वर्ग को लगता है कि समुदाय पार्टी के साथ है और नाराजगी विपक्षी दलों की पैदाइश है.
HIGHLIGHTS
- पार्टी को लग रहा है कि यूपी में ब्राह्मण हो गए हैं नाराज
- उनकी खलिश दूर करने को बनाई 4 सदस्यीय समिति
- केंद्रीय मंत्री धर्मेंद्र प्रधान के घर हुई बैठक में फैसला