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मऊ में मुख्तार के रसूख को भाजपा दे रही कड़ी चुनौती

पिछले 25 वर्षों से मुख्तार अंसारी के इर्द-गिर्द घूमने वाली मऊ सदर की विधानसभा सीट पर इस बार भाजपा कड़ी टक्कर दे रही है.

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Iftekhar Ahmed
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Abbas Ansari And Ashok Kumar Singh

मऊ में मुख्तार के रसूख को भाजपा दे रही कड़ी चुनौती( Photo Credit : News Nation)

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पिछले 25 वर्षों से मुख्तार अंसारी के इर्द-गिर्द घूमने वाली मऊ सदर की विधानसभा सीट पर इस बार भाजपा कड़ी टक्कर दे रही है. मुस्लिम बहुल इस सीट पर समाजवादी पार्टी के गठबंधन में शामिल सुहेलदेव भारतीय समाज पार्टी (सुभासपा) के टिकट पर वर्तमान विधायक मुख्तार अंसारी के पुत्र मैदान में हैं. वहीं, इस चुनाव को रोचक बनाते हुए भाजपा ने मुख्तार के कट्टर विरोधी ठाकुर बिरादरी के युवा नेता अशोक कुमार सिंह को अपना उम्मीदवार बनाया है. वहीं, बसपा ने यहां से राजभर बिरादरी की भारी जनसंख्या को देखते हुए अपने पुराने सिपहसालार भीम राजभर पर दांव लगाया है, जिससे यहां का मुकाबला त्रिकोणीय बनता दिख रहा है. हालांकि,  कांग्रेस ने भी ठाकुर बिरादरी के युवा चेहरे मानवेंद्र बहादुर को टिकट दिया है.

आबादी के लिहाज से देखा जाए तो यहां अब्बास अंसारी जीत के सबसे मजबूत दावेदार नजर आ रहे हैं. दरअसल, इस सीट पर एक लाख 70 हजार मुस्लिम मतदाता हैं. वहीं, 90 हजार यादव मतदाता है. दरअसल, अंसारी अखिलेश यादव और ओमप्रकाश राजभर के गठबंधन का प्रत्याशी है. ऐसे में अगर सिर्फ मुस्लिम और यादव वोट ही उन्हें मिल जाता है तो वे जीत जाएंगे. इसके अलावा उनके पिता के कई चुनावों के संचालन का अनुभव है. वहीं, अब्बास को खुद भी 2017 में घोसी क्षेत्र से बसपा से चुनाव लड़ने का अनुभव है. हालांकि, राजनीति में कुछ भी संभव है.


यही वजह है कि भाजपा इस बार जीत के दावे कर रही है. दरअसल, भाजपा प्रत्याशी अशोक सिंह के अपने भाई की हत्या में आरोपी विधायक मुख्तार अंसारी के खिलाफ हर मोर्चे पर खड़े रहने से एक वर्ग में वह काफी लोकप्रिय हैं, जिससे वह इस बार मुख्य मुकाबले में खड़े नजर आ रहे हैं. हालांकि, बसपा के भीम राजभर भी अनुभवी हैं. उन्होंने  2012 के चुनाव में कड़ी चुनौती पेश की थी. इधर, कांग्रेस प्रत्याशी मानवेंद्र सिंह का यह पहला चुनाव है. हालांकि, उनके पिता सुरेश बहादुर सिंह राजनीतिक दांवपेच में माहिर माने जाते हैं. हालांकि, इस सीट पर 1996 से 2017 तक लगातार पांच चुनाव जीतने वाले मुख्तार अंसारी के लिए कोई दल या किसी पार्टी का समर्थन कोई महत्व नहीं रखता है. मुख्तार यहां से 2002 और 2007 में निर्दलीय भी चुनाव जीत चुके हैं.



ये है मऊ सदर सीट पर वोटों का गणित
मुस्लिम    1.70 लाख
एससी    70 हजार
यादव    90 हजार
चौहान    45 हजार
क्षत्रिय    45 हजार
वैश्य    21 हजार

HIGHLIGHTS

  • मुस्लिम बनाम ठाकुर हुआ मऊ का विधानसभा चुनाव
  • सुभासपा के टिकट पर मुख्तार अंसारी के पुत्र हैं मैदान में
  • भाजपा ने अशोक कुमार सिंह को उतारा है मैदान  में
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