यूपी की राजनीति में आजम खान (Azam Khan profile) सबसे बड़े नाम हैं. उनके इर्द-गिर्द यूपी की पूरी सियासत घूमती नजर आती है. खासकर, पश्चिमी यूपी की राजनीति आजम खान का नाम लिए बिना पूरी नहीं हो सकती है. विरोधियों के निशाने पर भी आजम खान का नाम सबसे ऊपर रहता है. मोहम्मद आजम खान उत्तर प्रदेश की राजनीति का एक बड़ा चेहरा हैं. AMU की छात्र राजनीति से निकलकर आजम खान ने प्रदेश की सियासत में अपनी धाक जमाई. रामपुर में नवाब परिवार को चुनौती दी और लगातार सियासी शिकस्त दी. प्रदेश में खुद को एक मुस्लिम चेहरे के रूप में स्थापित किया. सपा राज में कहा जाता था कि आजम खान को सीएम जैसी ताकत हासिल रहती है. मगर वक्त बदला और आजम खान महीनों से जेल में बंद हैं. पूरा परिवार सलाखों के पीछे जा चुका है.
14 अगस्त, 1948 को आजम खान का जन्म यूपी के रामपुर में हुआ था. मोहम्मद मुमताज खान के सामान्य परिवार में जन्मे आजम खान ने खुद को तालीम से जोड़े रखा. जमकर पढ़ाई की. बीए (ऑनर्स) और एमए (ऑनर्स) की पढ़ाई की. LLM की पढ़ाई की और कानून की डिग्री ली.
AMU में पढ़ते हुए ही आजम खान ने राजनीति शुरू कर दी.
आजम खान कितनी बार बने विधायक?
1980 में आजम खान जनता पार्टी के टिकट पर लड़े और जीते. ये पहली बार था जब आजम खान विधायक बने. इसके बाद उन्होंने पीछे मुड़कर नहीं देखा. 1985 में लोक दल के टिकट पर विधायक बने. 1989 में जनता दल के टिकट पर निर्वाचित हुए और पहली बार यूपी सरकार में मंत्री बने.
इसके बाद 1991, 1993, 2002, 2007, 2012 और 2017 में भी आजम खान ने विधानसभा चुनाव में अपने विरोधियों को बैक-टू बैक शिकस्त दी. हालांकि, 1996 में उन्हें हार का स्वाद भी चखना पड़ा. कांग्रेस के अफरोज अली खान ने आजम खान को हराया. ये चुनाव हारे तो उन्हें राज्यसभा सदस्य बना दिया गया. कुल मिलाकर आजम खान नौ बार विधायक बन चुके हैं. एक बार राज्यसभा सांसद और एक बार 2019 में लोकसभा सांसद निर्वाचित हुए हैं. अब 2022 में वो रामपुर सीट से ही जेल में रहते हुए भी विधानसभा का चुनाव लड़ रहे हैं.
Source : News Nation Bureau