यूपी विधानसभा चुनाव के ठीक पहले एक बड़े सियासी घटनाक्रम के तहत कौमी एकता दल का बहुजन समाज पार्टी (बीएसपी) हो गया है। विलय की घोषणा के बाद बसपा सुप्रीमो मायावती ने मुख्तार अंसारी को राजनीतिक तौर पर 'बलि का बकरा' बनाए जाने को लेकर सपा सरकार पर निशाना साधा।
मायावती ने कहा, 'जब बीजेपी के पूर्व विधायक कृष्णानंद राय की हत्या हुई, तब राज्य में सपा की सरकार थी। कृष्णानंद राय की हत्या के मामले में मुख्तार अंसारी के परिवार को साजिशन फंसाया गया। उस वक्त राज्य में समाजवादी पार्टी की सरकार थी।'
गौरतलब है कि मुख्तार अंसारी पर कृष्णानंद राय की हत्या का आरोप है। मुख्तार अंसारी के अलावा उनके दोनों भाई और बेटे को भी बहुजन समाज पार्टी का टिकट दिया गया है। बाहुबली मुख्तार अंसारी को मऊ के सदर से टिकट मिला है।
मुख्तार अंसारी के बेटे को घोसी विधानसभा से टिकट दिया गया है। इसके अलावा मुख्तार अंसारी के सबसे बड़े भाई सिबगतुल्ला अंसारी को मोहमदाबाद से टिकट मिला है।
ये भी पढ़ें: मायावती का बीजेपी और आरएसएस पर हमला, कहा- आरक्षण खत्म नहीं करने देंगे
कौमी एकता दल को ऐसे वक्त में बसपा में शामिल किया गया है, जब समाजवादी पार्टी कांग्रेस से गठबंधन कर चुकी है। मुख्तार अंसारी की पार्टी कौमी एकता दल के सपा में विलय को लेकर शुरू हुए विवाद के बाद अखिलेश यादव ने पार्ट को दो-फाड़ कर दिया था।
कौमी एकता दल के विलय का फैसला शिवपाल यादव का था, जिसे अखिलेश यादव ने मंजूरी नहीं दी थी। अखिलेश की जिद की वजह से सपा और कौमी एकता दल का विलय नहीं हो पाया। इसके बाद मुख्तार अंसारी की सियासी तकदीर को लेकर कई तरह की अटकलें लगाई जा रही थी। आखिरकार मुख्तार अंसारी को बसपा में जगह मिल गई है।
ये भी पढ़ें: सपा गुंडो और माफियाओं की पार्टी, घोषणा पत्र में हाथी का जिक्र करने के लिए शुक्रिया: मायावती
बसपा सुप्रीमो ने कहा, 'जब-जब बसपा की सरकार आई है, तब प्रदेश में कानून-व्यवस्था बनी। सांप्रदायिक ताकतों को झुकना पड़ा और अगर कोई हमारी सरकार के खिलाफ आया तो उसे जेल जाना पड़ा। इसका उदाहरण अंसारी परिवार है। उनके बढ़ते प्रभाव को देखकर विरोधियों ने उन्हें परेशान किया। कुछ साल पहले बसपा में शामिल हुए, लेकिन सपा की वजह से उन्हें पार्टी छोड़नी पड़ी।'
अपराधी छवि वालों को पार्टी में जगह नहीं
मायावती ने आगे कहा, 'राजा भैया, विजय मिश्रा और अतिक अहमद जैसे अपराधी छवि वाले लोगों को हमारी पार्टी में कोई जगह नहीं दी जाएगी।' बसपा सुप्रीमो ने बीजेपी पर निशाना साधते हुए कहा, 'इसके अलावा बीजेपी के टिकट बंटवारे में अल्पसंख्यकों की उपेक्षा बर्दाश्त नहीं की जाएगी।'
यूपी में सात चरण में होंगे चुनाव
उत्तर प्रदेश की 403 विधानसभा सीटों के लिए सात चरणों में विधानसभा चुनाव होने हैं। पहले चरण की शुरुआत 11 फरवरी और आखिरी चरण 8 मार्च को होगा। चुनाव के नतीजों का ऐलान 11 मार्च को किया जाएगा। गौरतलब है कि देशभर में 4 हजार 33 विधानसभा सीटें हैं। वहीं, यूपी में चुनाव की जोरशोर से तैयारी हो रही है। हाल ही में समाजवादी पार्टी और कांग्रेस में गठबंधन हुआ है। सपा 298 और कांग्रेस 105 सीटों पर चुनाव लड़ेगी।
ये भी पढें: डोनाल्ड ट्रंप के राष्ट्रपति बनने के बाद अमेरिका में मेक्सिकी प्रवासियों की संख्या घटी
Source : News Nation Bureau