चौथे चरण का मतदान शुरू हो गया है. इस बार कुल 624 उम्मीदवार 59 सीटों पर चुनाव लड़ रहे हैं. इनमें से 27 प्रतिशत यानी 167 उम्मीदवार दागी हैं. जबकि 231 करोड़पति भी चुनाव में उतरे हैं. पिछले चुनाव यानी वर्ष 2017 की बात करें तो 59 में से 50 सीटें बीजेपी के खाते में गईं. एक सीट बीजेपी के सहयोगी अपना दल (सोनेलाल) ने जीती थी. शेष दो सीटों पर कांग्रेस ने, चार पर समाजवादी पार्टी ने जीत हासिल की थी. वहीं बहुजन समाज पार्टी दो सीटें जीतने में कामयाब रही थी. हालांकि बाद में सपा, कांग्रेस और बसपा के एक-एक उम्मीदवार भाजपा में शामिल हो गए. इस बार भी वह बीजेपी के टिकट पर चुनाव लड़ रहे हैं.
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वैसे तो ये सभी सीटें हर राजनीतिक दल के लिए बेहद अहम हैं, लेकिन इनमें से दस सीटें ऐसी हैं कि सबकी निगाहें इन पर टिकी होंगी. चौथे चरण में जिन नौ जिलों में चुनाव होने हैं, उनमें से कई जिले कभी कांग्रेस का गढ़ हुआ करते थे. ऐसे में कांग्रेस के सामने अपना गढ़ फिर से हासिल करने की चुनौती होगी, बीजेपी को पुराने शासन को बनाए रखने की, जबकि समाजवादी पार्टी और बहुजन समाज पार्टी को अपनी साख बचानी होगी.
अब हम बात करें सभी 10 विधानसभा सीटों के बारे में जिन पर सभी की नजर है. चौथे चरण में जिन नौ जिलों में चुनाव होने हैं, उनमें से कई जिले कभी कांग्रेस के गढ़ कहलाते थे. ऐसे में कांग्रेस के सामने अपना गढ़ वापस हासिल करने, भाजपा के सामने अपनी बादशाहत कायम रखने, जबकि समाजवादी पार्टी और बहुजन समाज पार्टी को अपनी साख बचाने की चुनौती होगी. 59 सीटों पर इस बार कुल 624 प्रत्याशियों ने दावेदारी की है. इनमें 27 फीसदी यानी 167 दागी हैं. 231 करोड़पतियों ने भी चुनाव में ताल ठोंकी है.
इन 10 सीटों पर सबकी नजर
1. हरदोई : यह सीट सभी हॉट सीटों में से एक है. वर्ष 2017 में समाजवादी पार्टी के टिकट पर जीत हासिल करने वाले नितिन अग्रवाल इस बार बीजेपी में है और वह यहां से चुनाव लड़ रहे हैं. नितिन को योगी सरकार ने विधानसभा उपाध्यक्ष बनाया था. नितिन के पिता राज्यसभा सांसद नरेश अग्रवाल हैं. नितिन के खिलाफ समाजवादी पार्टी ने अनिल वर्मा और बहुजन समाज पार्टी ने आशीष सिंह सोमवंशी को मैदान में उतारा है.
2. सरोजनी नगर : लखनऊ की सरोजनी नगर सीट इस बार सबसे चर्चित है. यहां से भाजपा ने ईडी के जॉइंट डायरेक्टर रहे राजेश्वर सिंह को मैदान में उतारा है. राजेश्वर हाल ही में वीआरएस लेकर भाजपा में शामिल हुए हैं. उन्हें टिकट देने के लिए भाजपा ने योगी सरकार में मंत्री स्वाति सिंह का टिकट काट दिया. राजेश्वर सिंह के खिलाफ समाजवादी पार्टी ने अभिषेक मिश्र को मैदान में उतारा, जो सपा सरकार में मंत्री रह चुके हैं. बसपा ने मोहम्मद जलीस खान और कांग्रेस ने रुद्र दमन सिंह पर दांव खेला है.
3. लखनऊ पूर्व : राजधानी लखनऊ की लखनऊ पूर्व सीट से योगी सरकार के कद्दावर मंत्री आशुतोष टंडन मैदान में हैं. आशुतोष भाजपा के बड़े नेताओं में शुमार रहे लालजी टंडन के बेटे हैं. आशुतोष के खिलाफ समाजवादी पार्टी ने अनुराग भदौरिया को मैदान में उतारा है. वह समाजवादी पार्टी के राष्ट्रीय प्रवक्ता भी हैं. बसपा की तरफ से आशीष कुमार सिन्हा और कांग्रेस की तरफ से मनोज तिवारी मैदान में हैं. पिछली बार इस सीट पर आशुतोष टंडन को जीत मिली थी.
4. पुरवा : उन्नाव की पुरवा सीट भी चर्चा में है. कांग्रेस ने यहां से मशहूर शायर मुनव्वर राणा की बेटी उरूसा इमरान राणा को टिकट दिया है. उरूसा के खिलाफ भाजपा ने अनिल सिंह, सपा ने उदय राज और बसपा ने विनोद कुमार को मैदान में उतारा है. उन्नाव की सदर सीट भी चर्चा में है. यहां से भाजपा ने मौजूदा विधायक पंकज गुप्ता पर दोबारा भरोसा जताया है, जबकि सपा ने अभिनव कुमार और बसपा ने देवेंद्र सिंह को मैदान में उतारा है.
5. लखनऊ कैंट : राजधानी लखनऊ की कैंट विधानसभा सीट भी काफी चर्चा में है. यहां से योगी सरकार के मंत्री बृजेश पाठक मैदान में हैं. बृजेश ने पिछली बार लखनऊ मध्य से चुनाव जीता था. भाजपा ने इस बार उनकी सीट बदल दी. बृजेश के खिलाफ समाजवादी पार्टी ने सुरेंद्र सिंह गांधी, बसपा ने अनिल पांडेय और कांग्रेस ने दिलप्रीत सिंह को उम्मीदवार बनाया है. 2017 में यह सीट भाजपा के लिए डॉ. रीता बहुगुणा जोशी ने जीती थी. 2019 में रीता जोशी लोकसभा सांसद चुन ली गईं, इसके बाद हुए उपचुनाव में भाजपा के सुरेश तिवारी जीते थे.
6. तिंदवारी : बांदा की तिंदवारी सीट भी इस बार चर्चा में है. यहां से 2017 में भाजपा के टिकट पर चुनाव जीतने वाले बृजेश प्रजापति ने स्वामी प्रसाद मौर्य के साथ पार्टी छोड़कर समाजवादी पार्टी का दामन थाम लिया था. बृजेश को सपा ने अपना प्रत्याशी बनाया है. वहीं, भाजपा ने रामकेश निषाद को मौका दिया है. बसपा ने जयराम सिंह और कांग्रेस ने आदिशक्ति को मैदान में उतारा है.
7. बिंदकी : फतेहपुर की बिंदकी सीट भी यूपी की सियासत में चर्चा का विषय है. यहां से योगी सरकार में जेल मंत्री जय कुमार सिंह जैकी चुनाव लड़ रहे हैं. जैकी भाजपा की गठबंधन वाली अपना दल (सोनेलाल) के टिकट पर मैदान में हैं. जैकी के खिलाफ समाजवादी पार्टी ने रामेश्चर दयाल, बसपा ने सुशील कुमार और कांग्रेस ने अभिमन्यु सिंह को टिकट दिया है. 2017 में यह सीट भाजपा के खाते में थी. तब यहां से करण सिंह पटेल विधायक चुने गए थे.
8. हुसैनगंज : फतेहपुर की हुसैनगंज सीट से इस बार भाजपा ने योगी सरकार में कृषिराज्य मंत्री रणवेंद्र प्रताप सिंह उर्फ धुन्नी भैया को टिकट दिया है. रणवेंद्र पिछली बार भी इस सीट से विधायक चुने जा चुके हैं. योगी के मंत्री के खिलाफ घेरेबंदी के लिए समाजवादी पार्टी ने उषा मौर्या, बहुजन समाज पार्टी ने फरीद अहमद और कांग्रेस ने शिवाकांत को टिकट दिया है.
9. रायबरेली : यह सीट कांग्रेस का गढ़ कही जाती रही है. इस बार रायबरेली सीट से भाजपा ने कांग्रेस की ही बागी विधायक अदिति सिंह को मैदान में उतारा है. अदिति ने 2017 में कांग्रेस के टिकट पर यहां से चुनाव जीता था. उनके खिलाफ समाजवादी पार्टी ने राम प्रताप यादव, बसपा ने मोहम्मद अशरफ और कांग्रेस ने मनीष चौहान को टिकट दिया है.
10. ऊंचाहार : रायबरेली की ऊंचाहार सीट भी प्रमुख सीटों में से एक है जिसकी काफी चर्चा हो रही है. यहां से बीजेपी ने अपने प्रदेश महामंत्री अमरपाल मौर्या को टिकट दिया है, जबकि समाजवादी पार्टी ने 2017 में इस सीट पर जीत दिलाने वाले अपने विधायक मनोज कुमार पांडेय पर फिर भरोसा जताया है. बहुजन समाज पार्टी ने अंजलि मौर्या और कांग्रेस ने अतुल सिंह को प्रत्याशी बनाया है.
HIGHLIGHTS
- चौथे चरण में इस बार कुल 624 उम्मीदवार
- 59 सीटों पर चुनाव लड़ रहे हैं ये सभी उम्मीदवार
- वर्ष 2017 में 59 में से 50 सीटें बीजेपी के खाते में गईं थी