Uttar Pradesh Assembly Election 2022: 10 मार्च 2022 को उत्तर प्रदेश विधानसभा चुनाव के नतीजों की घोषणा होगी. बता दें कि कई एग्जिट पोल्स के मुताबिक उत्तर प्रदेश की सत्ता पर भारतीय जनता पार्टी एक बार फिर काबिज होने जा रही है. हालांकि इसका खुलासा 10 मार्च को ही होगा कि राज्य में किसकी सरकार बनेगी. चुनाव नतीजों को लेकर उम्मीदवारों की धड़कनें बढ़ी हुई हैं. पश्चिमी उत्तर प्रदेश के शामली जिले की थानाभवन विधानसभा सीट को लेकर हर तरफ चर्चा है. शुगर बाउली के नाम से चर्चित इस इलाके में गन्ना मंत्री सुरेश राणा की प्रतिष्ठा भी दांव पर लगी हुई है. इस चुनाव में सबसे बड़ा सवाल उभरकर सामने आ रहा है कि क्या सुरेश राणा इस चुनाव में जीत की हैट्रिक लगा पाएंगे? समाजवादी पार्टी-रालोद गठबंधन उनके विजय रथ को रोकने में कितना कामयाब हो पाते हैं ये तो दस मार्च को ही पता लग पाएगा. थानाभवन विधानसभा सीट से दूसरी बार विधायक और पहली बार कैबिनेट मंत्री बने सुरेश राणा चुनाव लड़ रहे हैं.
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2012 के पहले मुजफ्फरनगर जिले का हिस्सा होता था थानाभवन
बता दें कि विधानसभा चुनाव में शामली जिले की थानाभवन सीट पर मुकाबला रोचक होने के साथ ही कांटे का भी हो सकता है. दरअसल, इस सीट पर मुस्लिम, सैनी, जाट और कश्यप बहुल मतदाता हैं और ये ही जीत के अगुआ बनते हैं. थानाभवन सीट मुजफ्फरनगर और सहारनपुर जिले की सीमा पर आती है. आपकी जानकारी के लिए बता दें कि साल 2012 के पहले थानाभवन मुजफ्फरनगर जिले का हिस्सा होता था. मौजूदा समय में यह सीट कैराना लोकसभा के क्षेत्र में आती है. 1967 के बाद 1974 में थानाभवन विधानसभा क्षेत्र में पहले चुनाव परिसीमन का आदेश हुआ था.
थानाभवन विधानसभा सीट से रालोद-सपा गठबंधन के संयुक्त प्रत्याशी अशरफ अली ने सुरेश राणा को शिकस्त देने के लिए एड़ी चोटी का जोर लगाया हुआ है. बता दें कि आज तक इस सीट से कोई भी प्रत्याशी हैट्रिक नहीं लगा पाया है. सुरेश राणा साल 2017 में थानाभवन सीट से दूसरी बार बीजेपी के टिकट पर विधायक चुने गए थे. बीजेपी सरकार में उनको राज्यमंत्री बनाया गया था और बाद में कैबिनेट मंत्री बना दिया गया था. BSP ने इस सीट से जहीर मलिक और कांग्रेस ने सत्य संयम सैनी को
मैदान में उतारा है. अशरफ अली के समर्थकों का कहना है कि सत्य संयम सैनी के मैदान में उतरने से अशरफ अली के लिए फायदे का सौदा साबित हो सकता है.
HIGHLIGHTS
- 1974 में थानाभवन विधानसभा क्षेत्र में पहले चुनाव परिसीमन का आदेश हुआ था
- रालोद-सपा गठबंधन के संयुक्त प्रत्याशी अशरफ अली दे रहे हैं कड़ी टक्कर