पश्चिम बंगाल विधानसभा चुनावों (West Bengal Assembly Election Result 2021) में वोटों की गिनती जारी है. धमाकेदार जीत के साथ एक बार फिर से ममता बनर्जी (Mamata Banerjee) हैट्रिक लगाते हुए नजर आ रही हैं. 200+ सीटों के साथ TMC एक बार फिर से सरकार बनाने जा रही है. पूरी ताकत झोंकने के बाद भी बंगाल में भगवा नहीं फहर सका. हालांकि बीजेपी (BJP) ने कांग्रेस और लेफ्ट गठबंधन (Congress-Left Alliance) से विपक्ष का तमगा छीनने में जरूर कामयाबी हासिल की. इस सबके बीच असदुद्दीन ओवैसी (Asaduddin Owaisi) की पार्टी AIMIM को भी जनता ने ठुकरा दिया.
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पूरी ताकत के साथ उतरे थे ओवैसी
बिहार चुनाव में कमाल का प्रदर्शन करके उत्साहित AIMIM चीफ असदुद्दीन ओवैसी ने बंगाल में भी अपनी धाक जमानी चाही. प्रदेश के मुस्लिम वोटरों को रिझाने के लिए उन्होंने पूरी ताकत झोंक दी थी. AIMIM ने मुस्लिम बहुल 7 सीटों पर अपने उम्मीदवार उतारे थे. लेकिन बंगाल के मुसलमानों ने ममता का साथ नहीं छोड़ा. और AIMIM को एकदम से नकार दिया.
7 सीटों पर उतारे थे उम्मीदवार
AIMIM ने इतहार सीट पर मोफाककर इस्लाम, जलंगी सीट पर अलसोकत जामन, सागरदिघी सीट पर नूरे महबूब आलम, भरतपुर सीट पर सज्जाद हुसैन, मालतीपुर सीट पर मौलाना मोतिउर रहमान, रतुआ सीट पर सईदुर रहमान और आसनसोल उत्तर सीट दानिश अजीज को टिकट दिया था. ये सभी मुस्लिम बहुल सीटें हैं. इसलिए ओवैसी को उम्मीद थी कि इस बार बंगाल की विधानसभा में उनकी पार्टी के विधायक भी बैठेंगे. लेकिन उनका ये ख्वाब पूरा नहीं हो सका.
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AIMIM को 0.01% वोट ही मिला
बंगाल के मुसलमानों ने ओवैसी भाईजान को इतनी बुरी तरह से नकारा की उन्हें सिर्फ 0.01% ही वोट मिले. ओवैसी से ज्यादा वोट तो मायावती की पार्टी बीएसपी को बंगाल में मिल गया. बीएसपी को 0.39% लोगों ने वोट किया है. वोट प्रतिशत की बात करें तो इस चुनाव में ममता बनर्जी की पार्टी को सबसे ज्यादा 48.39% वोट मिले. टीएमसी के बाद बीजेपी को 37.77 फीसदी मतदाताओं ने वोट किया. कांग्रेस को 2.83% तो लेफ्ट को तकरीबन 5% से भी कम लोगों ने वोट किया.
HIGHLIGHTS
- AIMIM को सिर्फ 0.01 फीसदी वोट मिला
- मुस्लिम बहुल सीटों पर उतारे थे अपने उम्मीदवार
- ओवैसी ने जमकर प्रचार भी किया था