पश्चिम बंगाल के चुनावी रण में वोटर्स को साधने पहुंचे प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने ममता बनर्जी पर जमकर वार किया है. उन्होंने कहा कि हर चरण के चुनाव के साथ ममता बनर्जी की बौखलाहट बढ़ती चली जाएगी और इतना ही नहीं, मुझ पर गालियों की बौछार भी बढ़ती जाएगी. प्रधानमंत्री ने कहा कि 2 मई को क्या नतीजे आने वाले हैं, इसकी झलक हम दो दिन पहले नंदीग्राम में देख चुके हैं. ममता पर हमला बोलते हुए नरेंद्र मोदी ने कहा कि दीदी हार आपके सामने है, अब इसे स्वीकार कीजिए.
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पश्चिम बंगाल के तारकेश्वर में चुनावी जनसभा को संबोधित करते हुए प्रधानमंत्री मोदी ने कहा कि बंगाल को क्या चाहिए और क्या करना है, इसे लेकर जनता में कभी भी भ्रम नहीं रहा है. इसलिए यहां के लोगों ने चुनाव में हमेशा स्पष्ट बहुमत को प्राथमिकता दी है. इसलिए आज बंगाल के लोगों ने एक बार फिर परिवर्तन की कमान संभाल ली है. आशोल पॉरिबोर्तोन के उद्घोष में और शोनार बांग्ला के विजन में, बंगाल की यही आकांक्षा है. इसलिए, उन्होंने पहले दो चरण के चुनाव से ही बीजेपी के प्रचंड बहुमत का रास्ता तय कर दिया है.
ममता बनर्जी द्वारा लगातार चुनाव आयोग पर सवाल उठाने पर भी पीएम नरेंद्र मोदी ने जवाब दिया है. उन्होंने कहा, 'क्रिकेट के मैदान में अगर कोई खिलाड़ी बार-बार अंपायर पर सवाल उठाए तो समझो उसके खेल में खोट है. चुनाव के मैदान में कोई कभी EVM को गाली दे, कभी चुनाव आयोग को, तो समझो उसका खैला शेष है.' नरेंद्र मोदी ने कहा कि दीदी, चुनाव कोई खेल नहीं है. लोकतंत्र, खेल नहीं. लोकतंत्र, लोगों की सेवा करने का तरीका और मानव प्रगति का मार्ग है.
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उन्होंने कहा कि ममता बनर्जी की बौखलाहट का एक बहुत बड़ा कारण है, उनके 10 साल का रिपोर्ट कार्ड. पुरानी इंडस्ट्री बंद, नई इंडस्ट्री का रास्ता बंद, नए निवेश, बिजनेस और चाकरी की संभावनाएं मंद. मोदी ने कहा कि तृणमूल सरकार तो अपने आप में पश्चिम बंगाल के लिए आपदा सिद्ध हुई है. मानवता कहती है कि जब भी किसी पर मुसीबत आए तो मदद का हाथ आगे बढ़ाना चाहिए, लेकिन तृणमूल के लोगों ने तो मुसीबत को ही कमाई का साधन बना दिया. नरेंद्र मोदी ने कहा कि बार-बार आने वाले चक्रवातों से पश्चिम बंगाल परेशान होता है, चारों तरफ तबाही आती है, गरीब की बाड़ी मिट्टी में मिल जाती है. लेकिन तृणमूल के तोलाबाजों की बाड़ी और उनकी गाड़ी का साइज बढ़ता ही जाता है.
उन्होंने कहा कि विकास और किसी भी क्षेत्र के उन्नयन के लिए विजन जितना जरूरी होता है, उतना ही राजनीतिक इच्छा शक्ति भी जरूरी होती है. बीते 10 साल में पश्चिम बंगाल ने इसका बहुत बड़ा अभाव देखा है. ऐसी सरकार आपने कहां देखी जो इस बात पर गर्व करती हो कि उन्होंने शिल्प को रोका है, उद्योग को रोका है? सिंगूर के साथ इन्होंने कितना बड़ा धोखा किया, ये मुझसे बेहतर आप जानते हैं. सिंगूर का राजनीतिक उपयोग करने के बाद इन लोगों ने यहां के लोगों को अधर में छोड़ दिया. आज सिंगूर में न उद्योग हैं, न उतनी चाकरी है और जो कृषक हैं वो बिचौलियों से परेशान हैं.
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अपने संबोधन में मोदी ने आरोप लगाया कि बंगाल के गरीब किसानों के साथ ममता बनर्जी ने अपनी विशेष नफरत दिखाई है. पूरे देश में 10 करोड़ से ज्यादा किसानों को पीएम किसान सम्मान निधि का लाभ मिल चुका है. देश भर में किसानों के बैंक खाते में सीधे सवा लाख करोड़ रुपए जमा कराए गए हैं. न कोई कटमनी, न कोई रिश्वत. एक-एक टका सीधा किसानों के खाते में पहुंचा है. लेकिन ये लाभ बंगाल के किसानों के खाते में नहीं पहुंचा. प्रधानमंत्री ने कहा कि बंगाल के हर किसान को जो दीदी ने नहीं देने दिया है, वो भी बकाया जोड़कर हर किसान के खाते में 18,000 टका मिलेगा. दुर्गा पूजा के पहले हर किसान के खाते में पैसा पहुंच जाना चाहिए.
HIGHLIGHTS
- बंगाल के रण में गरजे प्रधानमंत्री मोदी
- तारकेश्वर में प्रधानमंत्री मोदी ने की रैली
- मोदी ने ममता बनर्जी पर किया करारा वार