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क्या कैप्टन अमरिंदर दोबारा बन पाएंगे पंजाब के CM ? ऐसा रहा है सियासी सफर

11 मार्च 1942 को पटियाला शहर में जन्मे अमरिंदर सिंह ने 1980 में पहली बार लोकसभा चुनाव लड़ा था,

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Vijay Shankar
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Amrinder singh

Amrinder singh ( Photo Credit : File Photo)

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पंजाब विधानसभा (Punjab Assembly)  की 117 सीटों के लिए 20 फरवरी को मतदान संपन्न हो गया है. सभी उम्मीदवारों के भाग्य का फैसला ईवीएम मशीनों में बंद हो गया है और 10 मार्च को नतीजे जारी होने के बाद यह तय हो जाएगा कि राज्य में किस पार्टी की सरकार बनेगी और कौन मुख्यमंत्री का पद संभालेंगे. मतदान के बाद इस एक बार फिर से यह चर्चा शुरू हो गई है कि क्या कैप्टन अमरिंदर सिंह फिर से पंजाब के मुख्यमंत्री बन पाएंगे. इस बार कैप्टन अमरिंदर सिंह यह चुनाव अपनी पार्टी पंजाब लोक कांग्रेस की तरफ से लड़े हैं. पंजाब लोक कांग्रेस के संस्थापक अमरिंदर सिंह को पूरी उम्मीद है कि इस चुनाव में राज्य की जनता उनके समर्थन में वोटिंग की है और इस बार उनकी सरकार बनेगी. कांग्रेस पार्टी से अलग होने के बाद पूर्व मुख्यमंत्री अमरिंदर सिंह ने अपनी पार्टी बनाई थी और इस बार वह कांग्रेस उम्मीदवार के खिलाफ चुनाव लड़ चुके हैं. उन्हें उम्मीद है कि राज्य से कांग्रेस का सफाया हो जाएगा और उनकी पार्टी की जीत होगी.

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अमरिंदर सिंह का राजनीतिक सफर

11 मार्च 1942 को पटियाला शहर में जन्मे अमरिंदर सिंह ने 1980 में पहली बार लोकसभा चुनाव लड़ा था, लेकिन ऑपरेशन ब्लू स्टार के कारण उन्होंने 1984 में संसद के साथ-साथ कांग्रेस से भी इस्तीफा दे दिया और बाद में शिरोमणि अकाली दल में शामिल हो गए. इस दौरान अमरिंदर सिंह ने तलवंडी साबो सीट से चुनाव लड़ा था. हालांकि, वर्ष 1992 में उन्होंने अकाली दल से नाता तोड़ लिया और शिरोमणि अकाली दल (पंथिक) नाम की पार्टी बनाई. जिसका बाद में कांग्रेस में विलय हो गया.

साल 2002 में पहली बार बने मुख्यमंत्री

कांग्रेस में शामिल होने के बाद अमरिंदर सिंह को पार्टी द्वारा कई महत्वपूर्ण पदों पर नियुक्त किया गया. उन्होंने राज्य में पार्टी को मजबूत करने के लिए भी काम किया. कैप्टन अमरिंदर सिंह साल 2002 में पहली बार पंजाब के मुख्यमंत्री बने. उन्होंने साल 2007 तक इस पद पर काम किया. वर्ष 2015 में अमरिंदर सिंह को पंजाब कांग्रेस का अध्यक्ष नियुक्त किया गया था. 11 मार्च 2017 को कांग्रेस पार्टी ने उनके नेतृत्व में राज्य विधानसभा चुनाव जीता, जिसके साथ वे एक बार फिर राज्य के मुख्यमंत्री के रूप में चुने गए. हालांकि, पार्टी नेता नवजोत सिंह सिद्धू के साथ विवाद के कारण उन्होंने कांग्रेस पार्टी छोड़ दी और 18 सितंबर 2021 को पंजाब के मुख्यमंत्री के रूप में इस्तीफा दे दिया.

पंजाब लोक कांग्रेस का गठन

कांग्रेस पार्टी से अलग होने के बाद अमरिंदर सिंह ने नई पार्टी के गठन की घोषणा की. 2 नवंबर 2021 को उन्होंने पंजाब लोक कांग्रेस पार्टी का गठन किया. पंजाब विधानसभा चुनाव 2022 में पंजाब लोक कांग्रेस पार्टी भाजपा और शिरोमणि अकाली दल (यूनाइटेड) के साथ मिलकर लड़ रही है.

पटियाला (अर्बन) से लड़े हैं चुनाव

पंजाब विधानसभा चुनाव 2022 अमरिंदर सिंह पटियाला (शहर) सीट से चुनाव लड़े हैं. आम आदमी पार्टी से पूर्व अकाली महापौर अजीतपाल सिंह कोहली और कांग्रेस के पूर्व महापौर विष्णु शर्मा उनके खिलाफ खड़े थे. अमरिंदर सिंह इस सीट से कई बार चुनाव जीत चुके हैं और उन्हें उम्मीद है कि इस बार भी यहां की जनता उनका साथ देगी.

पटियाला से अपनी जीत का भरोसा जताया कैप्टन अमरिंदर

पंजाब के पूर्व मुख्यमंत्री और पंजाब लोक कांग्रेस के संस्थापक कैप्टन अमरिंदर सिंह ने पटियाला से अपनी जीत का भरोसा जताया है और कहा है कि पूरे राज्य में उनका गठबंधन जीतेगा. कैप्टन ने ये भी दावा किया कि इस चुनाव में पूरे राज्य से कांग्रेस का सफाया हो जएगा. वे (कांग्रेस) एक अलग दुनिया में रहते हैं.

HIGHLIGHTS

  •  कैप्टन अमरिंदर सिंह अपनी पार्टी पंजाब लोक कांग्रेस की तरफ से लड़े हैं इस बार का चुनाव
  • पूर्व मुख्यमंत्री को उम्मीद, राज्य से कांग्रेस का होगा सफाया, उनकी पार्टी की होगी जीत
  • कैप्टन अमरिंदर सिंह साल 2002 में पहली बार पंजाब के मुख्यमंत्री बने थे
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