उत्तर प्रदेश में 1985 के बाद योगी सरकार (Yogi Government) फिर से सत्ता में वापसी कर रही है. 37 साल बाद बन रहे इस रिकॉर्ड के पीछे कई अहम कारण हैं. हालांकि रुझान बता रहे हैं कि फिलवक्त बीजेपी (BJP) को 300 प्लस सीटें नहीं मिल रही हैं औऱ सपा 120 के लगभग सीटें जीत रही है. यूपी विधानसभा चुनाव (Uttar Pradesh Assembly Elections 2022) को 2024 लोकसभा चुनाव के लिहाज से सेमी फाइनल करार दिया जा रहा था. हालांकि राजनीतिक पंडितों की मानें तो योगी सरकार सरकार में वापसी के लिए आत्मविश्वास से लबरेज रहे. संभवतः इसकी झलक उनके द्वारा इस साल पेश किए गए सूबे के बजट में दिखी. इसमें उन्होंने चुनाव के मद्देनजर लोकलुभावन घोषणाएं नहीं कर पंचवर्षीय योजनाओं के लिहाज से प्रावधिन किए थे. अब जब योगी सरकार इतिहास बना रही है, तो देखना होगा कि उत्तर प्रदेश में भाजपा की जीत की बड़ी वजहें क्या रहीं. आइए देखते हैं क्या रही वजह...
केंद्र सरकार की योजनाएं
प्रधानमंत्री आवास, राशन, आयुष्मान भारत, किसान सम्मान निधि, पीएम स्वनिधि योजना, उज्जवला 2.0, बिजली कनेक्शन, मुद्रा लोन समेत व्यापारियों महिलाओं और समाज के अन्य वर्गों के लिए लागू की गई योजनाएं शामिल हैं.
मुफ्त कोरोना वैक्सीन
सरकार की ओर से सबको कोरोना की मुफ्त वैक्सीन भी प्रमुख कारण है.
योगी का बुल्डोजर और कानून व्यवस्था
मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ द्वारा इनका सफल क्रियान्वयन और कानून व्यवस्था का मुद्दा भी प्रमुख है.
बड़े नेताओं का असर
यूपी विधानसभा चुनाव के मद्देनजर पिछले छह महीने से भाजपा की पूरी मशीनरी लगी रही. पीएम नरेंद्र मोदी समेत अमित शाह, राजनाथ सिंह समेत पार्टी के सभी प्रमुख नेताओं को मैदान में उतारा गया. भाजपा की जन विश्वास यात्रा ने पूरे प्रदेश में भाजपा के पक्ष में माहौल बनाया.
बूथ स्तर की सक्रियता
जिलों में विधानसभा स्तर तक बनी चुनाव संचालन समितियों के माध्यम से भाजपा ने हर बूथ स्तर तक की निगरानी सुनिश्चित की.
सभी वर्गों से समन्वय
भाजपा ने सभी सामाजिक वर्गों के बीच संपर्क का सघन अभियान चलाया. महिलाओं, युवाओं के साथ ही सभी सामाजिक वर्गों/जातियों के बीच अपनी पैठ और गहरी की जिसका नतीजा यह रहा कि भाजपा को सभी वर्गों का वोट मिला. सब बीजेपी के पक्ष में जुटे रहे. पन्ना प्रमुखों ने घर-घर बीजेपी के पक्ष में माहौल बनाया.
बिखरा विपक्ष
पीएम मोदी और योगी सरकार ने राजनीति में परिवारवाद और गुंडागर्दी को मुख्य मुद्दा बनाया गया. सपा ने ऐसे में जिन दागी चेहरों को टिकट दिए, उन्होंने भी कानून-व्यवस्था के मुद्दे पर बीजेपी का साथ दिया.