जम्मू-कश्मीर के चुनावी नतीजे कुछ ही देर में सामने आ जाएंगे. अभी तक के रुझानों में यहां पर फारुख अब्दुला की पार्टी नेशनल कांग्रेस और कांग्रेस का गठबंधन सबसे आगे चल रहा है. वहीं भाजपा जम्मू संभाग में अच्छा प्रदर्शन कर रही है.नतीजों से पहले जब अवामी इत्तेहाद पार्टी के चीफ और बारामूला सांसद इंजीनियर राशिद से रणनीति के बारे में पूछा गया कि वह किसका साथ देंगे. क्या वह कांग्रेस के साथ जाएंगे या भाजपा का साथ देंगे? इस पर उन्होंने कहा 'मैं अगर ईमानदारी से कहूं तो यहां पर न कोई सेकुलर दल है और न ही कोई सांप्रदायिक दल है. हालांकि सच ये है कि सभी दल सत्ता के भूखे हैं. इनको हर हाल में सत्ता में आने की जिद्द है. उन्होंने कहा कि रुझानों के आने से पहले उनसे किसी दल ने नहीं पूछा कि मगर अब सभी संपर्क कर रहे हैं. वह इसे लेकर चिंतित हैं.'
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क्या बोले इंजीनियर राशिद
मीडिया से बातचीत के दौरान इंजीनियर राशिद ने कहा कि परिणाम को लेकर चिंतित नहीं हैं. उन्होंने कहा कि यहां के लोगों को न मोदी का नया कश्मीर चाहिए और न ही उमर उमर अब्दुल्ला का. बल्कि नया कश्मीर यहां के लोगों की भावनाओं के आधार होना चाहिए. राशिद का कहना है कि उन्होंने हमेशा से ही जम्मू-कश्मीर के लोगों के भले के लिए लड़ा.
आपको बता दें कि जम्मू-कश्मीर में अंतिम बार चुनाव 2014 में हुआ था. इस बार चुनाव कई मायनों में खास है. नेशनल कॉन्फ्रेंस और कांग्रेस इस चुनाव में गठबंधन के साथ लड़ रहे हैं. वहीं भाजपा अकेले चुनावी मैदान में खड़ी है. आपको बता दें कि जम्मू-कश्मीर में 90 विधानसभा सीटों पर तीन फेज में मतदान हुआ.
यहां पहले चरण के तहत 18 सितंबर, दूसरे चरण में 25 सितंबर और तीसरे चरण के तहत 1 अक्टूबर को मतदान हुआ था. यहां पर कुल मतदान प्रतिशत 63.45 फीसदी रहा. इस बार नेशनल कॉन्फ्रेंस और कांग्रेस एक साथ चुनाव लड़ रहा है. वहीं महबूबा मुफ्ती की पीडीपी और भारतीय जनता पार्टी (BJP) अपने दम पर चुनावी मैदान में है.